अलवर. केंद्रीय कारागार में 1 हजार से अधिक कैदी बंद हैं. इसमें कई नामी गैंग के बदमाश भी शामिल हैं. जेल में कैदी खुलेआम मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा नए कैदियों के साथ मारपीट भी होती है. मारपीट से बचने के लिए ये बदमाश नए कैदियों से पैसा वसूलते हैं. इसके अलावा जेल में रहने और काम से बचने के बदले में भी पैसे लिए जाते हैं. कैदियों को बीड़ी, तंबाकू और सिगरेट के सामान जेल में महंगे दामों पर मिलते हैं.
लेकिन ईटीवी भारत ने इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा किया. इसी दौरान जेल से छूट कर बाहर आए एक युवक ने ईटीवी के कैमरे पर कई बड़े खुलासे किए. उसने बताया किस तरह से जेल में पैसों का खेल चलता है. अगर आपके पास पैसा है तो जेल में आपको कोई परेशानी नहीं हो सकती है. जेल में अंदरूनी कार्यों में लगे कैदी ही इस पूरे खेल को अंजाम देते हैं. उसने इस खेल से जुड़ी हुई कई अहम जानकारियां दी.
जेल में चल रहा पैसों का खेलः
जेल से बाहर आए युवक ने ईटीवी भारत के कैमरे पर बताया कि जेल में सभी अवैध काम होते हैं. उसने जेल प्रशासन पर भी कई आरोप लगाए. उसने कहा कि प्रशासन की मिलीभगत से ही जेल में ये सारे काम होते हैं. उसने कहा कि जब भी कोई नया कैदी आता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है और मारपीट से बचने के लिए ऑनलाइन खातों में पैसे डलवाए जाते हैं. जेल के अंदर खुलेआम ये सारा खेल चलता है. हर काम पैसे से होते हैं, जो पैसे देता है उसके सभी काम होते हैं. ईटीवी भारत पहले ही खबरों के माध्यम से अलवर जेल से जुड़े हुए कई बड़े खुलासे कर चुका है. इन सब की जानकारी जेल प्रशासन को होने के बाद भी यह पैसों का ये खेल लगातार जारी है.
अलवर जेल में नहीं है जैमरः
अलवर के केंद्रीय कारागार में जैमर नहीं लगा है. इसलिए जेल के अंदर बैठे कैदी खुलेआम फोन का इस्तेमाल करते हैं. कई बार जेल में जैमर लगाने की मांग भी उठी लेकिन हर बार इस मुद्दे को दबा दिया गया. जैमर लगने से फोन पर पूरी तरह से पाबंदी होगी.
जांच में मिल चुके हैं कई बार फोन और सिम कार्ड
केंद्रीय कारागार के अंदर कई बार पुलिस प्रशासन की तरफ से अचानक जांच पड़ताल कराई जा चुकी है. हर बार जांच में मोबाइल फोन, सिम कार्ड सहित कई सामान बरामद हो चुके हैं. लेकिन अभी भी यह सारे काम जेल के अंदर हो रहे है.