अलवर. अलवर के रैणी थाने में तैनात एक कांस्टेबल पर दुष्कर्म का आरोप लगा है. इस मामले में पीड़िता एफआईआर दर्ज नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची.
इस पर एसपी तेजस्विनी गौतम ने तत्काल रूप से कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं, कांस्टेबल के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करते हुए डीएसपी को मामले की जांच दी गई है. इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग एसपी ग्रामीण श्रीमन मीणा करेंगे. जानकारी के अनुसार, पीड़िता पर बार-बार दबाव बनाया जा रहा है कि वह इस मामले को रफा-दफा कर दे. वहीं, पीड़िता का राजगढ़ अस्पताल में मेडिकल करवाया गया है.
पुलिस का कहना है कि रैणी थाने में कार्यरत एक कांस्टेबल संजय कुमार ने एक महिला को धमकी देकर उसका कई दिनों से शोषण करता रहा. इस मामले की जानकारी महिला के पति को लगने के बाद उसने रैणी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए शिकायत दी. लेकिन लगातार पुलिस पूरे मामले को टालने में लगी रही. वहीं, महिला पर समझौते को लेकर दबाव भी बनाया जा रहा था.
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इस पर पीड़िता पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम के पास पहुंची और उन्हें अपनी आपबीती बताई. इस पर एसपी ने तुरंत सुनवाई करते हुए कांस्टेबल संजय को लाइन हाजिर कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. बता दें कि संजय थाने में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात है. इस मामले की जांच सीओ लक्ष्मणगढ़ को दी गई है.
पीड़िता ने आरोप लगाया कि कांस्टेबल ने उसे धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और उसे प्रताड़ित करता रहा. उसकी हरकतों से तंग आकर उसने मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी. उसके बाद थाने में जब कांस्टेबल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने परिजन गए तो उनका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
इतना ही नहीं पुलिसवालों की ओर से महिला पर समझौते का दबाव बनाया गया. महिला ने थानाधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रही है. एसपी ने कहा कि जांच प्रभावित ना हो, उसके लिए राजगढ़ एसएचओ को जांच अधिकारी लगाया गया है. जबकि उच्चस्तरीय जांच डीएसपी लक्ष्मणगढ़ को सौंपी गई है. मामला दर्ज नहीं करने वाले एसएचओ एवं पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.