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अलवर के मौसम में बदलाव के साथ ही बढ़ने लगे मौसमी बीमारियों के मरीज

अलवर जिले के मौसम में बदलाव होने के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि स्थिति नियंत्रण में है. जबकि मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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अलवर में मौसमी बीमारियों के मरीजों की बढ़ी संख्या
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Published : Dec 28, 2019, 2:26 AM IST

अलवर. जिले के मौसम में बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी खासा इजाफा देखने को मिल रहा है. मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या जिले में तेजी से बढ़ रही है. बीते कुछ सालों की तुलना में इस साल मौसमी बीमारियों के रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं.

अलवर में मौसमी बीमारियों के मरीजों की बढ़ी संख्या

अलवर जिले में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या रहती है. जिले में एक जिला अस्पताल, 36 सीएचसी, 122 पीएचसी, 6 डिस्पेंसरी, एक सैटेलाइट अस्पताल सहित बड़ी संख्या में सब सेंटर है. हर साल जिले में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या खासी रहती है. लेकिन इस साल मौसमी बीमारियों के अलवर में रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं.

यह भी पढ़ें : कड़ाके की सर्दी ने अलवर को जमाया, घरों में दुबके लोग

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक जिले में 652 मरीज डेंगू, 101 मरीज चिकनगुनिया, 136 मरीज स्क्रब टाइफस व 89 मरीज मलेरिया के सामने आ चुके हैं. जबकि डेंगू से जिले में 6 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दो लोगों की मौत ही बताई गई है. वहीं आने वाले समय में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या और बढ़ने की संभावना है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना रहा कि स्थिति कंट्रोल में है. लेकिन रामगढ़ भिवाड़ी, बानसूर, मुंडावर सहित जिले के कई हिस्सों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं. अलवर जिले में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को आती है. क्योंकि, ग्रामीण क्षेत्र खासा बड़ा है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं.

अलवर. जिले के मौसम में बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी खासा इजाफा देखने को मिल रहा है. मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या जिले में तेजी से बढ़ रही है. बीते कुछ सालों की तुलना में इस साल मौसमी बीमारियों के रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं.

अलवर में मौसमी बीमारियों के मरीजों की बढ़ी संख्या

अलवर जिले में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या रहती है. जिले में एक जिला अस्पताल, 36 सीएचसी, 122 पीएचसी, 6 डिस्पेंसरी, एक सैटेलाइट अस्पताल सहित बड़ी संख्या में सब सेंटर है. हर साल जिले में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या खासी रहती है. लेकिन इस साल मौसमी बीमारियों के अलवर में रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं.

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स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक जिले में 652 मरीज डेंगू, 101 मरीज चिकनगुनिया, 136 मरीज स्क्रब टाइफस व 89 मरीज मलेरिया के सामने आ चुके हैं. जबकि डेंगू से जिले में 6 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दो लोगों की मौत ही बताई गई है. वहीं आने वाले समय में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या और बढ़ने की संभावना है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना रहा कि स्थिति कंट्रोल में है. लेकिन रामगढ़ भिवाड़ी, बानसूर, मुंडावर सहित जिले के कई हिस्सों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं. अलवर जिले में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को आती है. क्योंकि, ग्रामीण क्षेत्र खासा बड़ा है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं.

Intro:अलवर
अलवर जिले के मौसम में बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या भी जिले में तेजी से बढ़ रही है। बीते सालों की तुलना में इस साल मौसमी बीमारी के रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं।


Body:अलवर जिले में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या रहती है। जिले में एक जिला अस्पताल, 36 सीएचसी, 122 पीएससी, 6 डिस्पेंसरी, एक सेटेलाइट अस्पताल सहित बड़ी संख्या में सब सेंटर है। हर साल जिले में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या खांसी रहती है। लेकिन इस साल मौसमी बीमारी के अलवर में रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक जिले में 652 डेंगू, 101 चिकनगुनिया, 136 स्क्रब टाइफस व 89 मलेरिया के मरीज सामने आए हैं। जबकि जिले में 6 लोगों की अब तक मौत हुई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दो लोगों की मौत दर्शाई गई है। आने वाले समय में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।


Conclusion:स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा की स्थिति कंट्रोल में है। लेकिन रामगढ़ भिवाड़ी, बानसूर, मुंडावर सहित जिले के कई हिस्सों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। अलवर जिले में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में आती है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र खासा बड़ा है। तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं।

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