अलवर. जिले की सिलीसेढ़ झील पर्यटकों के लिए घूमने का एक बहुत ही बेहतर विकल्प है. शहर से सटे होने के कारण यहां दिन प्रतिदिन झील की खूबसूरती में अब चार चांद लगेंगे. अब झील की पाल पर फाउंटेन लगाए जाएंगे और खाली पड़ी जगह पर पार्क विकसित किया जाएगा. ऐसे में यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को गंदगी व आवारा पशुओं से राहत मिलेगी. साथ ही यहां पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंन्द्र भी रहेगा. जिससे सैलानी इसका भरपूर रूप से आनंद ले सकेंगे.
अरावली की वादियों में बसी अलवर की सिलीसेढ़ झील देश-विदेश में सुंदरता के लिए अपनी खास पहचान रखती है. इस झील में सालभर पानी रहता है. सालभर देसी-विदेशी पर्यटक यहां सैर सपाटे करने के लिए आते हैं और बोटिंग का आनंद लेते हैं. लेकिन बात यह कि सिलीसेढ़ की पाल पर गंदगी का ढेर जमा रहता है साथ ही वहां आवारा जानवरों का जमावड़ा रहता है कई बार तो आवारा जानवरों से पर्यटक घायल भी हो जाते हैं. ऐसे में अलवर यूआईटी की तरफ से सिलीसेढ़ पाल पर एक करोड़ से अधिक के कार्य कराए जाएंगे. इसके तहत पाल पर फव्वारें भी लगाए जाएंगे. साथ ही पार्क विकसित किया जाएगा. इससे यहां आने वाले दूर-दराज के पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलेगी.
यह भी पढे़. पूर्व मेयर ने तत्कालीन आयुक्त सहित 2 अधिकारियों पर लगाए ये गंभीर आरोप
बता दे कि यहां दिन प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं. सिलीसेढ़ झील में प्रवेश के लिए यहां पर्यटकों को फीस भी देनी पड़ती है. ऐसे में बड़ी संख्या में पर्यटक सिलीसेढ़ की पाल तक घूम कर वापस चले जाते हैं. लेकिन पाल पर गंदगी का आलम यह रहता है कि गंदगी का यहां सारा ढेर कूड़ा कचरा इकठ्ठा रहता है इससे बहुत ही खराब दुर्गंध निकलती है. ऐसे में यहां खड़े होने में लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस गंदगी से निकली बदबू से लोगों का हाल बेहाल होता हो जाता है. साथ ही आवारा जानवरों के चलते खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अलवर यूआईटी की तरफ से यहां डेवलेपमेंट के कार्य कराए जाएंगें. यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही पाल पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा इसके लिए टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है.