अलवर. जिले में 700 से अधिक ऑनलाइन ठगी की घटनाएं हो चुकी हैं. ज्यादातर मामले थानों तक नहीं पहुंचते. कुछ साल पहले तक अलवर में सोने की ईंट और जेवरात बेचने के नाम पर टटलूबाजी होती थी. समय के साथ ठगी के तरीकों में भी बदलाव हुआ है. अब मेवात क्षेत्र में रहने वाले लोग देशभर में ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.
मेवात क्षेत्र में ज्यादातर केवाईसी, इंडियामार्ट ओएलएक्स, फेसबुक पर सस्ते वाहन बेचने, एसएमएस भेज कर ठगी की घटनाएं हो रही हैं. पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऑनलाइन घटनाओं ने अलवर को पूरे देश में बदनाम है. बिहार पश्चिम बंगाल उत्तराखंड हिमाचल जम्मू दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के शहरों की पुलिस अलवर में दबिश देनी आ चुकी है. देशभर के विभिन्न शहरों में दर्ज होने वाले मामलों में आरोपी अलवर के मिलते हैं.
हाल ही में अलवर पुलिस द्वारा कई बड़ी ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग का खुलासा किया. फिर भी ठगी पर लगाम नहीं लग रही है. अलवर पुलिस अब जनवरी माह में कैम्प लगाकर आम लोगों और स्पेशल टीम के पुलिस कर्मियों को ऑनलाइन ठगी की पेचीदगियां सिखाएगी. ताकि लोग ठगों के झांसे में आने से बचें और पुलिस ऑनलाइन ठगी के तरीकों की पहचान कर सके और उचित कार्रवाई कर सके.
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पुलिस को दी जाएगी स्पेशल ट्रेनिंग
अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम के अनुसार जनवरी माह में पुलिस में कार्यरत इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसआई सहित जांच अधिकारियों की विशेष ट्रेनिंग पर वर्कशॉप कराई जाएगी. इसमें ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने के साथ ऑनलाइन ठगी की घटनाओं की जांच पड़ताल पर भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी.
अभी तक ऑनलाइन मामलों की जांच पड़ताल के लिए जिला स्तर पर कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों को तैनात किया गया है. लेकिन आने वाले समय में ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को देखते हुए सभी थानों पर मामले दर्ज किए जाएंगे. साथ ही जांच पड़ताल की भी बेहतर व्यवस्था रहेगी.
लोग रखें सावधानी
समय के साथ जीवन शैली बदल रही है. लोग स्मार्टफोन खरीद रहे हैं. तकनीक का सहारा भी ले रहे हैं. लेकिन लोगों को आज भी मोबाइल के कई फंक्शन, ऑनलाइन लेन-देन के बारे में जानकारी नहीं है. लोगों को सावधानी रखनी चाहिए. जिससे ऑनलाइन होने वाली ठगी की घटनाओं में कमी हो सके.
क्या रखें सावधानी
साइबर क्राइम के विशेषज्ञों ने बताया कि मोबाइल का उपयोग करते समय खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है. अपना ओटीपी और मोबाइल का पासवर्ड किसी से शेयर ना करें. अगर आप ऑनलाइन कंपनी से खरीददारी कर रहे हैं और इसके लिए ई-ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो अपने अकाउंट का विशेष पासवर्ड रखें, पासवर्ड चेंज करते रहें.
अपने ट्रांजेक्शन का विशेष पासवर्ड रखें. जिसके बारे में केवल यूजर को जानकारी हो. साथ ही ओटीपी आने पर ही ट्रांजैक्शन पूरा करें. अपने पासवर्ड के नंबर एटीएम कार्ड व अन्य कार्ड के बारे में किसी से जानकारी शेयर ना करें.
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ऑनलाइन ठगी की घटनाओं में पुलिस बदमाशों तक नहीं पहुंच पाती है. क्योंकि बदमाश खुलेआम घटना करके आसानी से फरार हो जाते हैं. पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. अलवर में सस्ते वाहन बेचने ऑनलाइन केवाईसी करने एसएमएस के माध्यम से लिक बेचकर रजिस्ट्रेशन कराने और लॉटरी के नाम पर लोगों को ठगा जाता है. अलवर में प्रतिदिन चार से पांच मामले आते हैं. लेकिन थाने में बहुत कम मामले पहुंचते हैं.