अलवर. सवाई माधोपुर कलेक्टर रहे नन्दूराम पहाड़िया अलवर के नए कलेक्टर बने है. जहां मंगलवार को उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस समय सरकार की प्राथमिकता कोरोना है. सरकार की जो प्रमुखता होती है, वहीं प्रशासन की होती है. ऐसे में कोरोना से निपटने के साथ ही जनप्रतिनिधियों की सहमति से जिले में कार्य की योजना तैयार की जाएगी.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में नन्दूराम पहाड़िया ने कहा कि सरकार लगातार कोरोना को लेकर जागरूक है. कोरोना का प्रभाव रोकने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. अलवर जिले में कोरोना को लेकर बेहतर काम हुआ है, लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आती है, तब तक लोगों को मास्क ही वैक्सीन की तरह काम में लेना है. उन्होंने कहा लोगों की खुद की जागरूकता भी जरूरी है. सरकार तमाम प्रयास कर रही है.
सरकार के नुमाइंदों और कर्मचारियों के सामने लोग मास्क लगा लेते हैं, लेकिन पीछे से हटा देते हैं. ऐसे में जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक हालातों में कोई सुधार नहीं आएगा. इसलिए सबसे पहले लोगों को जागरूक करना है. उसके बाद ही कुछ सुधार आ सकता है, क्योंकि अभी वैक्सीन आने में समय लगेगा. तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग करते हुए जीवन यापन करना है.
अलवर सीमावर्ती जिला है. अन्य जिलों से बड़ा होने के कारण यहां पर चैलेंज भी ज्यादा है. ऐसे में सीमावर्ती जिलों के जिला कलेक्टर और एसपी साहिबान से तालमेल बिठाते हुए काम किया जाएगा. जिससे समय रहते जानकारियां मिल सके. इसके अलावा कि हमें कुछ जागरूक होना होगा.
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उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जिले में काम की योजना बनाई जाएगी, क्योंकि जनता ने जनप्रतिनिधियों को चुना है. जनप्रतिनिधि की भागीदारी और उनका सहयोग आवश्यक है. अलवर जिले में मेवात क्षेत्र आता है, ऐसे में यहां लाइनऑर्डर को भी लेकर कई तरह की दिक्कतें रहती है.