अलवर. मंडियों में मई जून माह तक सरसों की आवक रहेगी. अलवर के अलावा खैरथल, खेड़ली, नगर, गोविंदगढ़ सहित जिले की अन्य मंडियों में भी बड़ी संख्या में सरसों बिकने के लिए आ रही है. किसानों को सरसों के अच्छे दाम मिल रहे हैं. देखिये ये रिपोर्ट...
देश में सबसे ज्यादा सरसों की पैदावार अलवर और आसपास के जिलों में होती है. अलवर में 25 से अधिक तेल की मिलें हैं. देश के तेल उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अलवर से सप्लाई होता है. राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, उड़ीसा पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में अलवर से सरसों का तेल सप्लाई होता है.
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अलवर मंडी में नई सरसों की आवक शुरू हो चुकी है. अलवर मंडी में प्रतिदिन 15,000 से अधिक कट्टे सरसों के बिकने के लिए पहुंच रहे हैं. अलवर के अलावा धौलपुर, भरतपुर, करौली, दौसा के आसपास के जिलों में सरसों की बंपर पैदावार होती है. अलवर के आसपास क्षेत्र की सरसों अन्य जगहों की तुलना में बेहतर होती है. इसलिए अलवर के तेल की डिमांड अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है. सीजन के समय अलवर मंडी में 50 हजार बोरी सरसों की आवक होती है.
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अलवर मंडी की बात करें तो कुछ दिन पहले 6000 रुपए क्विंटल के हिसाब से सरसों मंडी में बिकी थी. इस समय 4800- 5300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों मंडी में बिक रही है. इसके अलावा खेड़ली, खैरथल, गोविंदगढ़, नगर, डीग सहित आसपास मंडियों में सरसों की आवक हो रही है. खेड़ली मंडी में 20-30 हजार कट्टे सरसों की आवक हुई. इसके अलावा खैरथल मंडी में 25- 30 हजार कट्टे सरसों के बिकने के लिए पहुंचे. इसी तरह से अन्य मंडियों में भी लगातार सरसों की आवक हो रही है.
तेल की मात्रा के हिसाब से मिलती है कीमत
व्यापारियों ने कहा कि सरसों का आकलन तेल की मात्रा के हिसाब से होता है. एक क्विंटल सरसों में 42 किलो सरसों का तेल निकलना चाहिए. व्यापारी सरसों में अधिकतम 42 प्रतिशत तेल की मात्रा होने के हिसाब से ही किसान को दाम देते हैं.
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इस बार सरसों की फसल में समय-समय पर हुई बरसात से सरसों में तेल मात्रा बढ़ी है. सरसों में यदि तेल की मात्रा 42 प्रतिशत से अधिक होगी तो उसी हिसाब से अधिक भाव दिया जाएगा. इस समय सरसों में 43 से 45 प्रतिशत तेल की मात्रा मिल रही है.
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देश में है तेल की खास पहचान
अलवर की सरसों का तेल राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक सहित पूरे देश में सप्लाई होता है. अलवर का तेल कच्ची धानी सरसों के तेल के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा रामदेव, ईजीडे स्टोर सहित कई बड़ी और नामी कंपनियों को भी अलवर से ही तेज सप्लाई होता है. अलवर के एमआईए के अलावा खैरथल किशनगढ़ बास सहित आसपास क्षेत्र में बड़ी संख्या में तेल की मिलें हैं. जिनमें से बड़ी संख्या में तेल के टैंकर पूरे देश में सप्लाई होते हैं.
काम से किसान को है राहत
किसानों ने कहा कि अभी सरसों के बेहतर दाम मिल रहे हैं. दस दिन पहले जब सरसों की आवक शुरू हुई थी उस समय सरसों 6000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही थी. हालांकि अभी भाव में कुछ कमी आई है. लेकिन फिर भी किसानों को लागत के अनुसार दाम मिल रहे हैं. किसानों ने कहा कि सरकार को सरसों की सरकारी खरीद भी करनी चाहिए. जिससे किसान को फायदा हो सके.
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किसान हैं परेशान
किसानों ने कहा कि अलवर सरसों के लिहाज से सबसे बड़ा केंद्र है. लेकिन उसके बाद भी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. मंडी में किसानों के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं. दूरदराज से आने वाले किसान खासे परेशान होते हैं. रात भर खुले आसमान के नीचे सड़क पर सोते हैं. मंडी समिति से भी इस दिशा में कई बार बेहतर इंतजाम करने की मांग की गई. लेकिन हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ.