अलवर. मरीजों को राहत देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना शुरू की थी. लेकिन अलवर में बीते कुछ दिनों से दवाओं की कमी हो रही है. जिसके चलते मरीज परेशान हैं. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 802 तरह की दवाओं की जरूरत है. जबकि इन दिनों 325 तरह की दवाएं ही सप्लाई हो रही (Less supply of medicine in government hospitals in Alwar) हैं. ऐसे में अस्पताल को अपने स्तर पर दवा खरीदनी पड़ रही है.
जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन इलाज के लिए 4000 मरीज पहुंचते हैं. अलवर के अलावा आसपास के जिलों व राज्यों के मरीज भी इलाज के लिए अलवर आते हैं. लेकिन इन दिनों मरीजों को अस्पताल में दवाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है. अस्पताल में टिटनेस इंजेक्शन, एंटी कोल्ड सिरप, एंटी कोल्ड टेबलेट, सिरिंज 10 एमएल, सिफिक्साईम 100 एमजी, सफेक्सिम 200 एमजी, फलोरमिल इंजेक्शन, टेक्नो माइंड पेरासिटामोल, मेटफॉर्मिन, डाइक्लोफिनेक पेरासिटामोल टेबलेट इसके अलावा 5 से 6 तरह के इंजेक्शन की कमी चल रही है. अस्पतालों को अपने स्तर पर दवा की खरीद करनी पड़ रही है.
पढ़ें: jodhpur news: निःशुल्क दवा योजना के दावे जोधपुर में हारे, मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही दवाइयां
ग्रामीण क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब: जिले में दो जिला अस्पताल हैं. इसके अलावा एक उप जिला अस्पताल, दो सेटेलाइट अस्पताल, 41 सीएचसी, 127 पीएचसी व 8 शहरी पीएचसी हैं. अलवर और बहरोड़ जिला अस्पताल हैं. भिवाड़ी उप जिला अस्पताल है. इसके अलावा काला कुआं व खैरथल सेटेलाइट अस्पताल है. ग्रामीण क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब हैं. सीएचसी व पीएचसी पर मरीजों को दवाई नहीं मिल रही है. दरसअल सीएचसी व पीएचसी में पर्याप्त बजट नहीं होने के कारण हॉस्पिटल प्रबंधन की तरफ से दवाई नहीं खरीदी जाती है. जिसके चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे में मरीज दवा के लिए निजी दुकानों पर चक्कर लगाते हैं.
जांच प्रक्रिया में अटकी हुई है दवाई: प्रदेश दवा भंडार से जिला स्तर पर बने दवा भंडार पर दवाई सप्लाई होती है. वहां से दवाई अस्पतालों में जाती है. दवा भंडार के अधिकारियों ने कहा 150 से 200 तरह की दवाएं जांच प्रक्रिया में अटकी हुई हैं. दरसअल दवाओं की जांच प्रक्रिया में डेढ़ से दो माह व उससे ज्यादा का समय लगता है. इस दौरान दवाओं की कई बार कमी हो जाती है. लेकिन जिले की डिमांड के अनुसार प्रदेश के अधिकारियों को जानकारी भेज दी गई है. अभी अस्पतालों को अपने स्तर पर दवा खरीदने के निर्देश दिए गए हैं.