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अलवर में पूरे उत्साह के साथ मना मकर संक्रांति का पर्व... खेल ग्राउंड में नजर आए बच्चे, युवा और बुजुर्ग

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Published : Jan 15, 2021, 12:31 PM IST

अलवर में मकर संक्रांति का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. यहां लोगों ने दान-पुण्य किया. साथ ही हमेशा की तरह इस बार भी बच्चे, युवा और बुजुर्ग खेल ग्राउंड में नजर आए.

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अलवर में मनाया गया मकर संक्रांति का पर्व

अलवर. मकर संक्रांति के पर्व को एक धार्मिक पर्व माना जाता है. मकर सक्रांति पर दान-पुण्य का खास महत्व है. इस दिन लोग सुबह उठकर गंगा में स्नान करते हैं. घरों में पूजा करते हैं. गरीबों को भोजन कराया जाता है. जरूरतमंदों को कंबल, कपड़े और अन्य जरूरत के सामान दिए जाते हैं. मकर सक्रांति के मौके पर जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में पतंगबाजी होती है. वहीं अलवर में मकर सक्रांति के मौके पर युवाओं और बच्चों सहित सभी आयु वर्ग के लोग खेल ग्राउंड में नजर आते हैं.

अलवर में मनाया गया मकर संक्रांति का पर्व

पढ़ें: राम मंदिर के नाम पर फर्जी रसीद बनाकर धन जुटाने वाला युवक पुलिस के हवाले

अलवर में मकर सक्रांति के मौके पर लोग पिट्ठू, रोडल, बास्केटबॉल, हैंड बॉल, बैडमिंटन और क्रिकेट सहित विभिन्न तरह के खेल खेलते हैं. अलवर के सभी खेल मैदानों में सुबह से ही बच्चे, युवा और बुजुर्ग पहुंच जाते हैं. ये सिलसिला रात तक चाहता है. लोग एक दूसरे के घर जाकर भी पर्व मनाते हैं. इस साल अलवर में लोगो ने मकर संक्रांति के त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया.

पढ़ें: Bird Flu से इंसानों को कितना खतरा, यहां जानें इससे जुड़े हर सवाल का जवाब...

तिल और गुड़ के सामानों का किया जाता है दान

मकर संंक्रांति तिल और गुड़ के सामानों का दान किए जाने का खास महत्व है. इसलिए बाजार में तिल और गुड़ से बनी हुई चीजों की डिमांड रहती है. कहा जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से कई पीढ़ियों के पाप धूल जाते हैं. सुबह से ही दान-पुण्य का सिलसिला शुरू होता है. शहर में विभिन्न जगहों पर गौशालाओं में दान करने के लिए लोग स्टाल लगाते हैं. गायों को चार डाला जाता है. सुबह उठकर लोग अपने घरों में पूजा अर्चना करते हैं.

अलवर. मकर संक्रांति के पर्व को एक धार्मिक पर्व माना जाता है. मकर सक्रांति पर दान-पुण्य का खास महत्व है. इस दिन लोग सुबह उठकर गंगा में स्नान करते हैं. घरों में पूजा करते हैं. गरीबों को भोजन कराया जाता है. जरूरतमंदों को कंबल, कपड़े और अन्य जरूरत के सामान दिए जाते हैं. मकर सक्रांति के मौके पर जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में पतंगबाजी होती है. वहीं अलवर में मकर सक्रांति के मौके पर युवाओं और बच्चों सहित सभी आयु वर्ग के लोग खेल ग्राउंड में नजर आते हैं.

अलवर में मनाया गया मकर संक्रांति का पर्व

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अलवर में मकर सक्रांति के मौके पर लोग पिट्ठू, रोडल, बास्केटबॉल, हैंड बॉल, बैडमिंटन और क्रिकेट सहित विभिन्न तरह के खेल खेलते हैं. अलवर के सभी खेल मैदानों में सुबह से ही बच्चे, युवा और बुजुर्ग पहुंच जाते हैं. ये सिलसिला रात तक चाहता है. लोग एक दूसरे के घर जाकर भी पर्व मनाते हैं. इस साल अलवर में लोगो ने मकर संक्रांति के त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया.

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तिल और गुड़ के सामानों का किया जाता है दान

मकर संंक्रांति तिल और गुड़ के सामानों का दान किए जाने का खास महत्व है. इसलिए बाजार में तिल और गुड़ से बनी हुई चीजों की डिमांड रहती है. कहा जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से कई पीढ़ियों के पाप धूल जाते हैं. सुबह से ही दान-पुण्य का सिलसिला शुरू होता है. शहर में विभिन्न जगहों पर गौशालाओं में दान करने के लिए लोग स्टाल लगाते हैं. गायों को चार डाला जाता है. सुबह उठकर लोग अपने घरों में पूजा अर्चना करते हैं.

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