अलवर. चिरंजी लाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने अब तक 9 आरोपियों को (Nine arrested in Alwar Mob Lynching) गिरफ्तार किया है, जिन्हें बुधवार को अलवर के न्यायालय में पेश किया गया. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. जल्द ही और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि मॉब लिंचिंग कानून अभी लागू नहीं हुआ है. इसलिए इस मामले में मॉब लिंचिंग शब्द काम में नहीं लिया गया है. मामले में मारपीट, भीड़ द्वारा मारपीट व हत्या की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है और उसी के तहत जांच चल रही है. अब तक इस मामले में 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सभी नौ आरोपियों को बुधवार को अलवर के न्यायालय में पेश किया गया. भारी सुरक्षा के बीच सभी आरोपियों को न्यायालय लाया गया. न्यायालय ने सात आरोपियों को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. जबकि हसन खां व शहाबुद्दीन को ज्यूडिशल कस्टडी में जेल भेज दिया है.
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. जल्द ही इन मामले में कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी होगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस गंभीर है. किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. एसपी ने कहा कि घटना के समय किसी पुलिसकर्मी के होने की बात कही गई है. लेकिन अभी तक यह सामने नहीं आया है. ऐसा मिलता है तो आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे.
भाजपा ने बनाई 3 सदस्यीय जांच कमेटी : अलवर के गोविंदगढ़ में हुई मॉब लिंचिंग की घटना पर जारी सियासत के बीच प्रदेश भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. इसमें प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर शामिल हैं. जांच समिति में शामिल सदस्य घटनास्थल पर पहुंच कर तथ्यात्मक जानकारी जुटाएंगे.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर बनाई गई इस समिति के साथ जिले के सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का दौरा करेंगे और संबंधित पीड़ित पक्ष व प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर सामने आए तथ्यों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. यह रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपी जाएगी. बताया जा रहा है कि जांच समिति के सदस्य गुरुवार को अलवर जाएंगे और मामले की तथ्यात्मक जानकारी जुटाएंगे.
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मामले को राजनीतिक तूल देने के लिए बीजेपी बनाती है समिति : राजस्थान में भाजपा विपक्ष में है, लिहाजा हर बड़े घटनाक्रम पर भाजपा पार्टी से जुड़े नेताओं की जांच समिति बनाती है, जो मौके पर जाकर संबंधित पक्षों से बात कर सरकार के खिलाफ माहौल बनाती है. समिति की जांच रिपोर्ट के जरिए घटना को लेकर सरकार और प्रशासन की नाकामी का खुलासा किया जाता है.
भाजपा कर सकती है पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग की घोषणा : पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैयालाल की नृशंस हत्या पर जारी सियासत के बीच भाजपा ने पीड़ित परिवार की खुलकर आर्थिक मदद की थी. वहीं, जालोर में शिक्षक द्वारा पिटाई के बाद दलित बालक की हुई मौत के मामले में भी भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 1 लाख रुपये के रूप में अपने एक माह का वेतन पीड़ित परिवार को अपनी पत्नी गोलमा देवी के जरिए दिलवाया था. वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी 20 लाख रुपये पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने की घोषणा की. ऐसे में मॉब लिंचिंग का शिकार चिरंजी लाल सैनी के पीड़ित परिवार को बीजेपी भी आर्थिक सहायता मुहैया करवाने का एलान कर सकती है.