अलवर. इन दिनों करौली की घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. करौली के सपोटरा क्षेत्र के एक छोटे से गांव में एक मंदिर के पुजारी को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी व स्थानीय लोगों द्वारा घटना के विरोध में परिवार को न्याय दिलवाने के लिए धरना दिया गया और प्रदर्शन किया गया. इसके बाद सरकार ने मृतक परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.
करौली सांसद मनोज राजोरिया बुधवार को अलवर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने खास बातचीत में कहा कि यह घटना खासी निंदनीय है. प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. खुलेआम एक गरीब पुजारी को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया. इतना ही नहीं उसके शव को जबरन जलाने का प्रयास किया गया. शुरुआत में प्रशासन व सरकार इस पूरी घटना को आत्महत्या का रूप दे रही थी, लेकिन भाजपा की तरफ से 3 दिनों तक उस क्षेत्र में धरना दिया गया, जिसके बाद सरकार को मजबूर होना पड़ा और परिवार को 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई.
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उन्होंने कहा कि परिवार के हालात खराब हैं, इसलिए अलवर सांसद बाबा बालक नाथ और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने अपने निजी सहयोग से एक एक लाख रुपये आर्थिक सहायता परिवार को उपलब्ध कराई. इसके साथ ही दिल्ली नेता कपिल मिश्रा ने समाज के सहयोग से 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता परिजन को उपलब्ध कराई. मनोज राजोरिया ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि परिवार को न्याय मिले, इसके लिए लगातार भाजपा की तरफ से प्रयास किए गए.
परिवार के सदस्यों का साफ तौर पर कहना था कि उनके परिवार का सदस्य चला गया, लेकिन इस तरह की घटना किसी अन्य के साथ ना हो. ऐसे हालात प्रदेश में होने चाहिए. सांसद ने कहा कि मृतका व उसके बच्चों को प्रधानमंत्री आवास दिलवाने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा भी लगातार उनकी हर खबर कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राजनीति भाजपा नहीं करती है, बल्कि कांग्रेस की तरफ से लगातार राजनीति की जा रही है. जिन लोगों ने 3 दिनों तक धरना दिया, वो सब मीणा समाज के लोग थे, क्योंकि उस गांव की आबादी शत प्रतिशत मीणा समाज है. अकेले उस गांव में एक पुजारी का घर है. इस घटना के बाद सर्व समाज में धर्म के लोगों ने एक साथ एक मंच पर खड़े होकर न्याय की बात की व न्याय के लिए आवाज उठाई. इसलिए मजबूरी में सरकार को झुकना पड़ा.
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राजोरिया ने कहा कि अगर स्थानीय लोग और भाजपा उस क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करती, तो शायद आरोपी गिरफ्तार नहीं होते. इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार करने का दावा पुलिस कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस पूरे मामले की लीपापोती में लगी है. जिस तरह से सीआईडी सीबी को इस मामले की जांच में लगाया गया है, उससे साफ है कि इस मामले को नया रूप दिया जा रहा है.