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Jail DGP Malini Agarwal Alwar Visit : प्रदेश की सभी जेलों में सुरक्षा पर दिया जा रहा है खास ध्यान, प्रदेश में सबसे बेहतर होगी अलवर की जेल - Largest Jail in Rajasthan

प्रदेश की जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल सोमवार को (Jail DGP Malini Agarwal Alwar Visit) अलवर दौरे पर रही. उन्होंने नई जेल के लिए कई जगह जमीनों का निरीक्षण (Inspection of land for new Jail in Alwar) किया. साथ ही ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जेलों में सुरक्षा के इंतजाम के लिए बेहतर योजना बन रही है.

जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल
जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल
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Published : Feb 28, 2022, 4:50 PM IST

अलवर. प्रदेश की जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल सोमवार को अलवर (Jail DGP Malini Agarwal Alwar Visit) पहुंची. उन्होंने अलवर में नई जेल के लिए कई जगहों पर जमीन (Inspection of land for new Jail in Alwar) देखी. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा की अलवर की नई जेल प्रदेश में सबसे बड़ी और सुविधाओं से लैस होगी. प्रदेश के सभी जेलों में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम के लिए योजना बन रही है जिन जेलों में जैमर नहीं हैं. उनमें जैमर लगाने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही बंदियों को मोटिवेशनल कार्यक्रम के साथ कई तकनीकी ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल अलवर के सर्किट हाउस पहुंची. सर्किट हाउस में उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्होंने अलवर में अलग-अलग जगहों पर जेल की जमीन देखी. उन्होंने कहा कि अलवर की नई जेल प्रदेश में सबसे बड़ी और आधुनिक होगी. प्रदेश के जिन जेल में जैमर नहीं लगे हैं. उन जेलों में जैमर लगाने का काम चल रहा है. पहली बार प्रदेश में जेल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जा रहा है. जेल में संसाधन बढ़ाई जा रही हैं. बंदियों के लिए कैंटीन और अन्य सुविधाएं भी शुरू की गई हैं.

प्रदेश में सबसे बेहतर होगी अलवर जेल

यह भी पढ़ें- अजमेर केंद्रीय कारागृह का एडीजी जेल मालिनी अग्रवाल ने किया निरीक्षण, कहा-कैदियों से मिलीभगत होने पर कर्मचारी पर होगी कार्रवाई

उन्होंने कहा कि प्रदेश की ज्यादातर बड़ी जेलों में बंदी मसाले, आटा, मोमबत्ती, दरी पट्टी, सैनिटाइजर मास्क और अन्य चीजें बना रहे हैं. जेल को इनसे करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है. इसके अलावा कई जगहों पर पेट्रोल पंप भी शुरू किए गए हैं. जेलों में बंद बंदियों के मोटिवेशनल के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं. बंदियों को एनजीओ की मदद से तकनीकी शिक्षा की ट्रेनिंग भी जेल प्रशासन देने में लगा है. जिससे जेल से बाहर निकलने के बाद बंदी आत्मनिर्भर बन सकें और बेहतर काम कर सकें. समाज के साथ जुड़कर अपने परिवार का लालन-पालन कर सकें.

यह भी पढ़ें- अजमेर दौरे पर एडीजी मालिनी अग्रवाल, जिला कारागार में व्यवस्थाओं का लिया जायजा

उन्होंने कहा कि जेलों में मोबाइल की समस्या ने सभी को परेशान किया है. इस पर जेल प्रशासन काम कर रहा है. समय-समय पर जेल की जांच पड़ताल की जाती है. जेल में सीसीटीवी कैमरे और अन्य सर्विलांस सिस्टम पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. पहली बार जिलों को कैमरों के माध्यम से ऑनलाइन किया गया है. अधिकारी लगातार जेलों पर नजर रखते हैं. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बंदियों की न्यायालय में पेशी करवाने सहित कई ऐसे काम हैं जो जेल प्रशासन की तरफ से नवाचार की तरह किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अलवर की जेल में महिला बंदी है. इसके अलावा अलवर की जेल में डिटेंशन सेंटर भी है, इसको देखते हुए नई जेल में बंदियों के रहने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी. इस दौरान अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम, जिले के सभी एडीएम, एसडीएम पुलिस के आला अधिकारी वहां मौजूद रहे.

अलवर. प्रदेश की जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल सोमवार को अलवर (Jail DGP Malini Agarwal Alwar Visit) पहुंची. उन्होंने अलवर में नई जेल के लिए कई जगहों पर जमीन (Inspection of land for new Jail in Alwar) देखी. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा की अलवर की नई जेल प्रदेश में सबसे बड़ी और सुविधाओं से लैस होगी. प्रदेश के सभी जेलों में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम के लिए योजना बन रही है जिन जेलों में जैमर नहीं हैं. उनमें जैमर लगाने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही बंदियों को मोटिवेशनल कार्यक्रम के साथ कई तकनीकी ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

जेल डीजीपी मालिनी अग्रवाल अलवर के सर्किट हाउस पहुंची. सर्किट हाउस में उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्होंने अलवर में अलग-अलग जगहों पर जेल की जमीन देखी. उन्होंने कहा कि अलवर की नई जेल प्रदेश में सबसे बड़ी और आधुनिक होगी. प्रदेश के जिन जेल में जैमर नहीं लगे हैं. उन जेलों में जैमर लगाने का काम चल रहा है. पहली बार प्रदेश में जेल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जा रहा है. जेल में संसाधन बढ़ाई जा रही हैं. बंदियों के लिए कैंटीन और अन्य सुविधाएं भी शुरू की गई हैं.

प्रदेश में सबसे बेहतर होगी अलवर जेल

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उन्होंने कहा कि प्रदेश की ज्यादातर बड़ी जेलों में बंदी मसाले, आटा, मोमबत्ती, दरी पट्टी, सैनिटाइजर मास्क और अन्य चीजें बना रहे हैं. जेल को इनसे करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है. इसके अलावा कई जगहों पर पेट्रोल पंप भी शुरू किए गए हैं. जेलों में बंद बंदियों के मोटिवेशनल के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं. बंदियों को एनजीओ की मदद से तकनीकी शिक्षा की ट्रेनिंग भी जेल प्रशासन देने में लगा है. जिससे जेल से बाहर निकलने के बाद बंदी आत्मनिर्भर बन सकें और बेहतर काम कर सकें. समाज के साथ जुड़कर अपने परिवार का लालन-पालन कर सकें.

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उन्होंने कहा कि जेलों में मोबाइल की समस्या ने सभी को परेशान किया है. इस पर जेल प्रशासन काम कर रहा है. समय-समय पर जेल की जांच पड़ताल की जाती है. जेल में सीसीटीवी कैमरे और अन्य सर्विलांस सिस्टम पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. पहली बार जिलों को कैमरों के माध्यम से ऑनलाइन किया गया है. अधिकारी लगातार जेलों पर नजर रखते हैं. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बंदियों की न्यायालय में पेशी करवाने सहित कई ऐसे काम हैं जो जेल प्रशासन की तरफ से नवाचार की तरह किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अलवर की जेल में महिला बंदी है. इसके अलावा अलवर की जेल में डिटेंशन सेंटर भी है, इसको देखते हुए नई जेल में बंदियों के रहने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी. इस दौरान अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम, जिले के सभी एडीएम, एसडीएम पुलिस के आला अधिकारी वहां मौजूद रहे.

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