अलवर. कोरोना मरीजों के सैंपल को जांच के लिए जयपुर भेजे जा रहे हैं, क्योंकि अलवर में सैंपल की जांच की सुविधा नहीं है. ऐसे में सैंपल की जांच होने में समय लग जाता है. जिसके चलते जिले में कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसलिए सरकार ने जल्द ही अलवर में आईटीपीसीआर मशीन भेजने के संकेत दिए हैं. वहीं मशीन मिलने से अलवर में ही सैंपल की जांच हो सकेगी.
आईटीपीसीआर मशीन कराई जाएगी उपलब्ध
हाल ही में जिला कलेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कोरोना के लिए अलवर को आईटीपीसीआर मशीन उपलब्ध कराने की बात कही थी. जिसके बाद सीएम ने अलवर के अलावा जालोर, नागौर और सिरोही को भी यह मशीन उपलब्ध कराई जाएगी, क्योंकि अलवर से प्रतिदिन बड़ी संख्या में सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे जाते हैं. जयपुर में जांच प्रक्रिया में समय लगता है. इस दौरान संक्रमण फैलने का खतरा रहता है.
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मशीन से हो सकेगी ज्यादा मरीजों की जांच
बता दें कि अलवर एक बड़ा जिला है. सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां कोरोना का ज्यादा खतरा रहता है. इसलिए सरकार की तरफ से गंभीरता दिखाते हुए अलवर में जांच मशीन लगाने का फैसला लिया है. कुछ दिनों पहले प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में सबसे पहले अलवर में जांच सुविधा शुरू करने की बात कही थी. अलवर में मशीन के लगने से प्रतिदिन यहां ज्यादा ज्यादा सैंपल की जांच हो सकेगी और तुरंत मरीज का इलाज शुरू हो सकेगा.
बेहतर व्यवस्था करने के दिए निर्देश
इसके अलावा सभी जिलों में क्वॉरेंटाइन व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश भी सरकार की तरफ से दिए गए हैं. कोरोना से निपटने के लिए जनता, प्रशासन, पुलिस, भामाशाह, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों की सकारात्मक सोच आवश्यक है. वैसे तो पूरे प्रदेश में सभी मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना से जंग लंबी रहने वाली है. ऐसे में सरकार की तरफ से लगातार सभी जिलों में बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. बीते दिनों सरकार ने जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की बात कही थी. जिससे कोरोना के सभी संदिग्ध पॉजिटिव मरीजों का जिला स्तर पर इलाज हो सकेगा. इसके तहत अलवर में सभी पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है.