अलवर. अलवर में 7 अप्रैल को इन्वेस्टर्स मीट आयोजित हो रही है. इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं. अलवर देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के मध्य में स्थित है. यह जिला ट्रेन और सड़क मार्ग से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. दिल्ली के नजदीक होने के कारण अलवर में प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सबसे ज्यादा औद्योगिक इकाई है. इसलिए जिले को प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है. देशभर के कारोबारी लगातार अलवर में निवेश कर रहे हैं. ऐसे में सरकार भी अलवर पर खास ध्यान दे रही है और यहां सभी विधानसभा क्षेत्रों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के आदेश दिए गए हैं. इसके तहत काम चल रहा है.
अलवर की कार्यवाहक जिला कलेक्टर सुनीता पंकज ने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक राजधानी अलवर में 7 अप्रैल को इन्वेस्टर्स मीट आयोजित हो रही है. इसके लिए सरकारी विभागों ने तैयारी पूरी कर ली है. अलवर में 41 उद्योग इकाइयों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. रीको औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए पांच रीको इकाई कार्यालय हैं जहां से 128 औद्योगिक इकाइयों के प्रस्ताव मिले हैं. इसमें बीड़ा, भिवाड़ी, पर्यटन विभाग, यूआईटी अलवर से 21 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.
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इस हिसाब से अलवर जिले में कुल 190 औद्योगिक इकाइयों में लगभग 5 हजार 516 करोड़ रुपए का निवेश होगा. इसमें 17 हजार 366 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में आयोजित हुए रोड शो में 116 इकाइयों से लगभग 3 हजार 430 करोड रुपए के निवेश का प्रस्ताव एमओयू हुआ था. इसमें भी करीब 17000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस हिसाब से अलवर में कुल 306 औद्योगिक इकाइयों में लगभग 9000 करोड़ के निवेश की संभावना है.\
तानिया रिसोर्ट में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त महेंद्र कुमार पारख ने बताया कि तानिया रिसोर्ट में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होगा. इसमें उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, अलवर के सभी विधायक इसके अलावा उद्योग विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे. उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फूड पार्क, जापानी जोन, एपीआईपी पार्क, टॉय जोन, ऑटो जोन, ईएसडीएम पार्क, सिरेमिट जॉन, मल्टी मॉडल, लॉजिस्टिक पार्क आदि अलवर जिले की औद्योगिक इकाइयों में संचालित हैं. पर्यटन दृष्टि से भी अलवर जिला अहम है. जिले में अपार उद्योग की संभावनाएं हैं.
अलवर जिले में 31 औद्योगिक क्षेत्र हैं. इसमें करीब 15 हजार 304 एकड़ क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां लगी हुई हैं. इसमें करीब 8615 भूखंड विकसित किए गए हैं. इनमें से 7985 भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं. इसके साथ ही 6 नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित करने को लेकर काम चल रहा है. डीएमआईसी के तहत ग्रेटर भिवाड़ी टाउनशिप विकसित की जा रही है. इसके तहत 165 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को खुशखेड़ा भिवाड़ी नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है.
इस हिसाब से अलवर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि अलवर में होने वाले निवेश का सीधा फायदा यहां के लोगों को मिलेगा. रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे. कुल 15 श्रेणियों में देशभर के कारोबारी निवेश करेंगे. इसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है. रीको और डीआईसी के अधिकारियों ने बताया कि अलवर के एमआईए के लिए 39 प्रस्ताव एमओयू के लिए तैयार हुए हैं. इसमें 1675 लोगों को रोजगार मिल सकेगा. इसमें करीब 3070 करोड रुपए का निवेश होगा.