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जेल में खेल पर बड़ा खुलासा, अलवर केंद्रीय कारागार में 3 नंबर सेल है VIP बैरक - अलवर कारागार में VIP बैरक

अलवर केंद्रीय कारागार में खुलेआम कैदी मोबाइल फोन यूज करते हैं. यही नहीं नए बंदियों से मारपीट करके पैसे भी वसूले जाते हैं. साथ ही जेल में बंदी सभी तरह की सुविधाएं ले सकते हैं. लेकिन इसके लिए उनको मोटी कीमत चुकानी पड़ती है. इतना ही नहीं जेल में सेल नंबर 3 वीआईपी बैरक है.

अलवर कारागार में VIP बैरक, VIP barracks in Alwar prison
अलवर केंद्रीय कारागार
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Published : Jun 7, 2020, 3:24 PM IST

अलवर. केंद्रीय कारागार राजस्थान के बड़े कारागारों में से एक है. यहां अभी एक हजार से अधिक बंदी बंद है. इसमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की नामी गैंग के बदमाश बंद है. जेल में बंदियों को सभी तरीके की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. उसके लिए बंदियों को मोटी कीमत चुकानी पड़ती है. ईटीवी भारत ने पहली बार बड़ा खुलासा करते हुए जेल के बैरक में बैठकर फोन पर बात करते हुए बंदियों को बेनकाब किया है. जेल के अंदरूनी व्यवस्था में काम करने वाले नंबरदार यह पूरा खेल खेलते हैं.

अलवर केंद्रीय कारागार में तीन नंबर वार्ड है VIP बैरक

साथ ही जेल में वार्ड नंबर 3 वीआईपी सेल है. यहां पर बंदियों को सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. इस वार्ड में कूलर और पर्दे लगे हुए हैं. इस बैरक में कैदियों को पीने के लिए आरओ का पानी मिलता है. इस बैरक से नशे और मोबाइल का कारोबार भी चलता है. कुछ दिन पहले ही कारागृह में बाहर की तरफ से जेल परिसर में स्मैक, गांजा, अफीम, मोबाइल चार्जर और बीड़ी सप्लाई कराई गई थी. जिस पर जेल प्रशासन ने एक बंदी के खिलाफ एनडीपीएस का मामला दर्ज किया था. इसके बावजूद भी जेल में अवैध कारोबार चल रहा है.

पढ़ेंः अलवर: Corona केस मिलने के बाद क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव

इस संबंध में जेल प्रशासन को लिखित शिकायत देने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जेल में बीड़ी का पैकेट 1500 रुपए, तंबाकू 1200 रुपए, पानी का कैंपर 2000 रुपए 1 माह के लिए, 100 ग्राम चाय की पत्ती 500 रुपए, 1 लीटर आयल 500 रुपए, मसाले 1000 रुपए, 1 लीटर दूध 70 रुपए, छाछ का पैकेट 13 रुपए का मिलता है.

अलवर कारागार में VIP बैरक, VIP barracks in Alwar prison
जेल में बंदी सभी तरह की सुविधाएं लेते हैं

पढ़ेंः 'कोरोना काल के दौरान स्कूलों में मिड-डे मील का निर्माण खतरनाक साबित हो सकता है'

इसके अलावा बंदियों से काम नहीं करने की एवज में 8 से 10 हजार रुपए लिए जाते हैं. अलवर की जेल में बंद एक नामी बाबा की ओर से 15 हजार रुपए की वसूली की जाती है. इसके अलावा पपला गैंग के गुर्गों की तरफ से एक बाड़े में रखने सहित अन्य सुविधाओं के लिए 15 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से दिए जाते हैं. इसी तरह से जेल में अन्य बंदियों की ओर से भी पैसे देकर खुलेआम सुख सुविधाओं का आनंद लिया जाता है.

पहले भी आ चुके हैं कई मामले

अलवर के केंद्रीय कारागार से एक बंदी बाहर निकल कर लग्जरी गाड़ी में बैठ कर अपने घर की सैर भी करके आ चुका है. हालांकि मीडिया में मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार आला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. साथ ही कई बार होने वाली अचानक जांच पड़ताल में मोबाइल फोन, सिम कार्ड और मोबाइल के चार्जर भी बरामद किए जा चुके हैं.

जेल में चलता है नशे का कारोबार

अलवर केंद्रीय कारागार में नशे का कारोबार चलता है. हाल ही में जेल प्रशासन की ओर से एनडीपीएस में मामला दर्ज करने की घटना से इसका खुलासा हुआ था है. बंदियों की ओर से इस संबंध में जेल प्रशासन को लिखित शिकायत भी दी गई है. जिसमें इस पूरे कारोबार का खुलासा करते हुए बताया गया है.

अलवर कारागार में VIP बैरक, VIP barracks in Alwar prison
जेल में अवैध कारोबार चल रहा

पढ़ें: जेल में खेल: अलवर कारागार में सजा नहीं मौज काट रहे कैदी!, देखिए भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा

अलवर जेल में नहीं है जैमर

अलवर के केंद्रीय कारागार में जैमर की सुविधा नहीं है. इसलिए यहां बैठकर बंदी खुलेआम फोन पर बात करते हैं. इतना ही नहीं कई बार जेल में अंदर बैठे बंदियों की ओर से बाहर घटनाओं को अंजाम देना, पैसे वसूली करना और रंगदारी सहित कई मामले सामने आ चुके हैं. कुछ माह पहले भिवाड़ी में हुई घटना जांच पड़ताल में यह सामने आया था.

अलवर. केंद्रीय कारागार राजस्थान के बड़े कारागारों में से एक है. यहां अभी एक हजार से अधिक बंदी बंद है. इसमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की नामी गैंग के बदमाश बंद है. जेल में बंदियों को सभी तरीके की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. उसके लिए बंदियों को मोटी कीमत चुकानी पड़ती है. ईटीवी भारत ने पहली बार बड़ा खुलासा करते हुए जेल के बैरक में बैठकर फोन पर बात करते हुए बंदियों को बेनकाब किया है. जेल के अंदरूनी व्यवस्था में काम करने वाले नंबरदार यह पूरा खेल खेलते हैं.

अलवर केंद्रीय कारागार में तीन नंबर वार्ड है VIP बैरक

साथ ही जेल में वार्ड नंबर 3 वीआईपी सेल है. यहां पर बंदियों को सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. इस वार्ड में कूलर और पर्दे लगे हुए हैं. इस बैरक में कैदियों को पीने के लिए आरओ का पानी मिलता है. इस बैरक से नशे और मोबाइल का कारोबार भी चलता है. कुछ दिन पहले ही कारागृह में बाहर की तरफ से जेल परिसर में स्मैक, गांजा, अफीम, मोबाइल चार्जर और बीड़ी सप्लाई कराई गई थी. जिस पर जेल प्रशासन ने एक बंदी के खिलाफ एनडीपीएस का मामला दर्ज किया था. इसके बावजूद भी जेल में अवैध कारोबार चल रहा है.

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इस संबंध में जेल प्रशासन को लिखित शिकायत देने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जेल में बीड़ी का पैकेट 1500 रुपए, तंबाकू 1200 रुपए, पानी का कैंपर 2000 रुपए 1 माह के लिए, 100 ग्राम चाय की पत्ती 500 रुपए, 1 लीटर आयल 500 रुपए, मसाले 1000 रुपए, 1 लीटर दूध 70 रुपए, छाछ का पैकेट 13 रुपए का मिलता है.

अलवर कारागार में VIP बैरक, VIP barracks in Alwar prison
जेल में बंदी सभी तरह की सुविधाएं लेते हैं

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इसके अलावा बंदियों से काम नहीं करने की एवज में 8 से 10 हजार रुपए लिए जाते हैं. अलवर की जेल में बंद एक नामी बाबा की ओर से 15 हजार रुपए की वसूली की जाती है. इसके अलावा पपला गैंग के गुर्गों की तरफ से एक बाड़े में रखने सहित अन्य सुविधाओं के लिए 15 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से दिए जाते हैं. इसी तरह से जेल में अन्य बंदियों की ओर से भी पैसे देकर खुलेआम सुख सुविधाओं का आनंद लिया जाता है.

पहले भी आ चुके हैं कई मामले

अलवर के केंद्रीय कारागार से एक बंदी बाहर निकल कर लग्जरी गाड़ी में बैठ कर अपने घर की सैर भी करके आ चुका है. हालांकि मीडिया में मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार आला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. साथ ही कई बार होने वाली अचानक जांच पड़ताल में मोबाइल फोन, सिम कार्ड और मोबाइल के चार्जर भी बरामद किए जा चुके हैं.

जेल में चलता है नशे का कारोबार

अलवर केंद्रीय कारागार में नशे का कारोबार चलता है. हाल ही में जेल प्रशासन की ओर से एनडीपीएस में मामला दर्ज करने की घटना से इसका खुलासा हुआ था है. बंदियों की ओर से इस संबंध में जेल प्रशासन को लिखित शिकायत भी दी गई है. जिसमें इस पूरे कारोबार का खुलासा करते हुए बताया गया है.

अलवर कारागार में VIP बैरक, VIP barracks in Alwar prison
जेल में अवैध कारोबार चल रहा

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अलवर जेल में नहीं है जैमर

अलवर के केंद्रीय कारागार में जैमर की सुविधा नहीं है. इसलिए यहां बैठकर बंदी खुलेआम फोन पर बात करते हैं. इतना ही नहीं कई बार जेल में अंदर बैठे बंदियों की ओर से बाहर घटनाओं को अंजाम देना, पैसे वसूली करना और रंगदारी सहित कई मामले सामने आ चुके हैं. कुछ माह पहले भिवाड़ी में हुई घटना जांच पड़ताल में यह सामने आया था.

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