ETV Bharat / city

स्वास्थ्य विभाग का आदेश, अब निजी अस्पतालों में भी होगा कोरोना मरीजों का इलाज

अलवर जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के प्रभाव को देखते हुए सरकार की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है. अब निजी अस्पताल में भी कोरोना मरीज अपना इलाज करा सकेंगे. इसके लिए सरकार की तरफ से जिलों में कुछ निजी अस्पतालों को चिन्हित करते हुए कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आदेश जारी किए गए हैं. सरकारी रेट के आधार पर ही मरीजों का इलाज किया जाएगा.

author img

By

Published : Nov 21, 2020, 6:03 PM IST

अलवर. जिले सहित पूरे प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. आए दिन नई मरीज मिल रही है। तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार ने अब निजी अस्पताल को भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. इसके लिए प्रत्येक जिले में कुछ अस्पतालों को चिन्हित किया गया है. जो कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर सकेंगे.

सरकार की तरफ से प्रत्येक इलाज के लिए अलग रेट भी निर्धारित की गई है. इस व्यवस्था के तहत जयपुर के 45 अस्पतालों को संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. कोटा में 4 अस्पताल, अलवर में 3 अस्पताल, राजसमंद में 1, बाड़मेर में 2, अजमेर में 2, पाली में 1, बीकानेर में 4 और उदयपुर में 12 अस्पताल को इलाज की अनुमति दी गई है. सभी निजी अस्पतालअलवर अपने स्तर पर मरीजों का इलाज करेंगे. इस दौरान अस्पतालों को सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा. निजी अस्पतालों पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं.

निजी अस्पताल 30 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों को उपलब्ध करा सकेंगे. राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 जिला प्रशासन द्वारा रेफर किए गए. मरीजों को हेल्पलेस के माध्यम से बेड उपलब्ध कराने सहित अन्य तरह के सहयोग भी दिए जाएंगे. साथ ही निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा रहेगी. किसी मरीज को अगर कोई परेशानी है तो वो मरीज स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को शिकायत कर सकता है.

पढ़ेंः कोरोना संक्रमण के चलते केशवरायपाटन में कार्तिक मेला रद्द, जानें मंदिर बनने के पीछे का इतिहास और महत्व

अभी तक मरीजों का इलाज केवल सरकारी अस्पताल में सरकारी डॉक्टरों की देखरेख में हो रहा था. लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा इससे मरीजों को राहत मिलेगी. क्योंकि कई बार मरीज निजी अस्पताल में इलाज कराना चाहता है. लेकिन मजबूरी में उसको सरकारी अस्पताल में इलाज कराना पड़ रहा था. सरकार के इस फैसले से सरकारी अस्पतालों पर भी बाहर कम पड़ेगा शुरुआत से ही सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोरोना से जूझ रहे हैं. अब तो निजी अस्पताल के डॉक्टर स्टाफ भी कोरोना वायरस होने लगे हैं. बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. देखना होगा सरकार के इस फैसले से आम आदमी को कितना फायदा मिलता है.

अलवर के निजी अस्पताल

अलवर के सानिया हॉस्पिटल, मित्तल अस्पताल और भिवाड़ी के हरिराम हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों के इलाज के अनुमति दी गई है. तीनों ही अस्पताल में 30 प्रतिशत बेड कोरना संक्रमित मरीजों के लिए रहेंगे. अस्पताल के डॉक्टर अपने विवेक से जरूरत के हिसाब से मरीज को भर्ती कर सकते हैं.

अलवर. जिले सहित पूरे प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. आए दिन नई मरीज मिल रही है। तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार ने अब निजी अस्पताल को भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. इसके लिए प्रत्येक जिले में कुछ अस्पतालों को चिन्हित किया गया है. जो कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर सकेंगे.

सरकार की तरफ से प्रत्येक इलाज के लिए अलग रेट भी निर्धारित की गई है. इस व्यवस्था के तहत जयपुर के 45 अस्पतालों को संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. कोटा में 4 अस्पताल, अलवर में 3 अस्पताल, राजसमंद में 1, बाड़मेर में 2, अजमेर में 2, पाली में 1, बीकानेर में 4 और उदयपुर में 12 अस्पताल को इलाज की अनुमति दी गई है. सभी निजी अस्पतालअलवर अपने स्तर पर मरीजों का इलाज करेंगे. इस दौरान अस्पतालों को सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा. निजी अस्पतालों पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं.

निजी अस्पताल 30 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों को उपलब्ध करा सकेंगे. राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 जिला प्रशासन द्वारा रेफर किए गए. मरीजों को हेल्पलेस के माध्यम से बेड उपलब्ध कराने सहित अन्य तरह के सहयोग भी दिए जाएंगे. साथ ही निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा रहेगी. किसी मरीज को अगर कोई परेशानी है तो वो मरीज स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को शिकायत कर सकता है.

पढ़ेंः कोरोना संक्रमण के चलते केशवरायपाटन में कार्तिक मेला रद्द, जानें मंदिर बनने के पीछे का इतिहास और महत्व

अभी तक मरीजों का इलाज केवल सरकारी अस्पताल में सरकारी डॉक्टरों की देखरेख में हो रहा था. लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा इससे मरीजों को राहत मिलेगी. क्योंकि कई बार मरीज निजी अस्पताल में इलाज कराना चाहता है. लेकिन मजबूरी में उसको सरकारी अस्पताल में इलाज कराना पड़ रहा था. सरकार के इस फैसले से सरकारी अस्पतालों पर भी बाहर कम पड़ेगा शुरुआत से ही सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोरोना से जूझ रहे हैं. अब तो निजी अस्पताल के डॉक्टर स्टाफ भी कोरोना वायरस होने लगे हैं. बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. देखना होगा सरकार के इस फैसले से आम आदमी को कितना फायदा मिलता है.

अलवर के निजी अस्पताल

अलवर के सानिया हॉस्पिटल, मित्तल अस्पताल और भिवाड़ी के हरिराम हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों के इलाज के अनुमति दी गई है. तीनों ही अस्पताल में 30 प्रतिशत बेड कोरना संक्रमित मरीजों के लिए रहेंगे. अस्पताल के डॉक्टर अपने विवेक से जरूरत के हिसाब से मरीज को भर्ती कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.