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अलवर: MDR टीबी रोगियों को हाईप्रोटीन युक्त आहार किट वितरित

अलवर के टीबी अस्पताल में गुरुवार को 10 एमडीआर टीबी रोगियों को हाई प्रोटीन युक्त आहार किट का वितरण किया गया. इस किट में दाल, सोयाबीन, राजमा, सरसों का तेल, चना सहित अन्य सामान उपलब्ध थे.

Distribution of diet kits in Alwar, alwar news
अलवर में एमडीआर टीबी रोगियों को प्रोटीन युक्त आहार किट का वितरण किया गया
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Published : Dec 24, 2020, 3:54 PM IST

अलवर. अलवर के टीबी अस्पताल में गुरुवार को 10 गरीब वर्ग के एमडीआर टीबी रोगियों को भामाशाह के सहयोग से हाई प्रोटीन युक्त आहार किट का वितरण किया गया. इस प्रोटीन युक्त डाइट में दाल, सोयाबीन, राजमा, सरसों का तेल, चना सहित अन्य सामान उपलब्ध था. वितरण के दौरान टीबी अस्पताल के चिकित्सक, अन्य स्टाफ और भामाशाह सहित टीबी रोगी मौजूद रहे.

जिला क्षय रोग अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि टीबी रोगियों को अतिरिक्त पोषण और अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है. जिसके तहत यह प्रोटीन युक्त डाइट का वितरण हुआ है. पहले भी भामाशाह के सहयोग से टीबी अस्पताल में रोगियों को प्रोटीन युक्त डाइट का वितरण किया जा चुका है.

पूरे जिले में करीब 300 एमडीआर टीबी रोगी हैं. जिनका इलाज टीबी अस्पताल में चल रहा है. हर एक दो महीने में दानदाताओं की ओर से यह कार्य किया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया करीब 6 माह से लगातार की जा रही है.

पढ़ें- अलवर : किसान आंदोलन के बीच मंडी व्यापारियों ने सामने रखी अपनी समस्याएं, की ये मां

उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों का 2 तरीके से इलाज किया जाता है. जिसमें एक इलाज की अवधि 2 से ढाई वर्ष की होती है. जबकि शार्ट इलाज की अवधि 9 से 11 महीने की होती है. ज्यादातर रोगियों का शार्ट इलाज की पद्धति से ही इलाज किया जाता है. जिसमें 9 से 11 महीने का समय लगता है. इस पद्धति के तहत शुरुआत के 4 महीने में इंजेक्शन और दवाई दी जाती है.

अलवर. अलवर के टीबी अस्पताल में गुरुवार को 10 गरीब वर्ग के एमडीआर टीबी रोगियों को भामाशाह के सहयोग से हाई प्रोटीन युक्त आहार किट का वितरण किया गया. इस प्रोटीन युक्त डाइट में दाल, सोयाबीन, राजमा, सरसों का तेल, चना सहित अन्य सामान उपलब्ध था. वितरण के दौरान टीबी अस्पताल के चिकित्सक, अन्य स्टाफ और भामाशाह सहित टीबी रोगी मौजूद रहे.

जिला क्षय रोग अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि टीबी रोगियों को अतिरिक्त पोषण और अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है. जिसके तहत यह प्रोटीन युक्त डाइट का वितरण हुआ है. पहले भी भामाशाह के सहयोग से टीबी अस्पताल में रोगियों को प्रोटीन युक्त डाइट का वितरण किया जा चुका है.

पूरे जिले में करीब 300 एमडीआर टीबी रोगी हैं. जिनका इलाज टीबी अस्पताल में चल रहा है. हर एक दो महीने में दानदाताओं की ओर से यह कार्य किया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया करीब 6 माह से लगातार की जा रही है.

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उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों का 2 तरीके से इलाज किया जाता है. जिसमें एक इलाज की अवधि 2 से ढाई वर्ष की होती है. जबकि शार्ट इलाज की अवधि 9 से 11 महीने की होती है. ज्यादातर रोगियों का शार्ट इलाज की पद्धति से ही इलाज किया जाता है. जिसमें 9 से 11 महीने का समय लगता है. इस पद्धति के तहत शुरुआत के 4 महीने में इंजेक्शन और दवाई दी जाती है.

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