अलवर. लॉकडाउन के बीच अलवर में प्रशासन की तरफ से पूरी सख्ती बढ़ती जा रही है. जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को जिले में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सेंटरों पर सभी व्यवस्थाएं बेहतर होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सभी तीनों श्रेणियों के क्वॉरेंटाइन सेटरों की व्यवस्था बेहतर रहे, जिससे मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने सभी चिकित्सा कर्मियों को ऑनलाइन सिस्टम से ट्रेनिंग लेने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि एक कंपनी द्वारा 200 चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. उसके लिए चिकित्सकों की सूची उपलब्ध कराई जाए.
यह भी पढ़ेंः अलवरः सरकार के दावों की खुली पोल, लोगों को नहीं मिल रहा राशन
इसके अलावा इमरती देवी धर्मशाला ट्रस्ट के पैसे का विधि सम्मत उपयोग का प्रस्ताव भिजवाया जाए. उन्होंने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रकोष्ठ प्रभारी को निर्देश दिए कि शहर की कच्ची बस्तियों फिर से टेस्टिंग और सर्वे का कार्य फिर से कराया जाए. इसके अलावा अलवर भिवाड़ी में विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए. अलवर में 91 हजार श्रमिकों के बैंक खाते में एक हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से डाले गए हैं. इसके अलावा निराश्रितो के बैंक खाते में 2500 रुपए डाले गए हैं. जिले में 8835 निराश्रित हैं.
जिला कलेक्टर ने जलदाय विभाग को बेहतर पानी सप्लाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 3 मई तक सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए. पेयजल व्यवस्था की निगरानी के लिए अलग से अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. जिले में 8036 मनरेगा श्रमिक नियोजित हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि श्रमिकों के नियोजन में उत्तरोत्तर वृद्धि करें. नए कार्य को प्राथमिकता से स्वीकृत कर प्रारंभ कराया जाए. बैठक में जिले के सभी अधिकारी मौजूद रहे.