अलवर. राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में बीते मंगलवार की सुबह अचानक एफबीएनसी वार्ड के रेडियंट वार्मर में शॉर्ट सर्किट होने से भीषण आग लग गई थी. देखते ही देखते आग फैलने लगी तो वहीं आग लगने के कारण एफबीएनसी वार्ड की लाइट चली गई व चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया था.
वहां मौजूद स्टाफ ने तुरंत एफबीएनसी वार्ड में भर्ती 15 बच्चों को वहां से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया. इस घटना में जिस रेडियंट वार्मर में आग लगी थी, उस पर लेटी हुई बच्ची झुलस गई थी. उस बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे इलाज के लिए जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन अगले दिन बुधवार को बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. मामले की सूचना मिलते ही अलवर में परिजनों ने हंगामा कर दिया था.
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परिजन लगातार मुआवजे की मांग कर रहे थे. प्रशासन ने किसी तरह से परिजनों को समझाया. पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का शव उनको दे दिया गया. वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने तुरंत प्रभाव से अस्पताल के प्रभारी डॉ. सहित 7 लोगों को निलंबित कर दिया.
दूसरी तरफ परिजनों की मांग पर मुख्यमंत्री सहायता कोष से 3 लाख रुपए आर्थिक मदद के रूप में प्रशासन की तरफ से बच्ची के परिजनों को दिए गए हैं. गुरुवार को अलवर के एडीएम प्रथम रामचरण शर्मा ने सहायता राशि का चेक मृतका के पिता को दिया तो वहीं प्रशासन ने कहा कि परिजनों की मांग सरकार तक पहुंचा दी गई है. परिजनों की हर संभव मदद के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं नर्सिंग एसोसिएशन व डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में 2 घंटे का विरोध रखा जाएगा.