अलवर. 2 माह के लंबे इंतजार के बाद पपला गुर्जर की प्रेमिका जिया को अलवर के केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया. इस पूरे मामले में शुरुआत से जिया को सभी लोगों की सहानुभूति मिली. दरअसल, जिया और उसके परिजनों का कहना था कि उनको पपला गुर्जर के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं थी. जिया के वकील ने कहा कि न्यायालय ने जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति मुजरिम के साथ पकड़ा जाता है तो हम उसको मुजरिम नहीं कह सकते. इसी आधार पर जिया को जमानत मिली है. साथ ही, जिया ने पपला से जुड़ी हुई कई ऐसी बातों की जानकारी दी, जो पुलिस की कहानी से बिल्कुल अलग थी.
जेल से छूटने के बाद जिया की आंखों से आंसू निकलते हुए दिखाई दिए, तो भावुक होते हुए जिया ने कहा कि अभी वो बोलने की स्थिति में नहीं है. लेकिन, उसके सामने पपला गुर्जर ने एक अलग तस्वीर पेश की थी. जिया की रिहाई के बाद जिया के वकील अंकित गोयल ने बताया की जिया 4 से 5 बार पपला गुर्जर से मिली थी, जिया एक जिम ट्रेनर थी. वहीं, उसकी मुलाकात पपला गुर्जर से हुई. उसने अपना नाम मानसिंह बताया था. उसके पास पहले से मान सिंह उर्फ उदय सिंह के नाम का आधार कार्ड था. जिया ने आधार कार्ड बनवाने में उसकी कोई मदद नहीं की. न्यायालय ने इसी आधार पर जिया को जमानत दी कि अपराधी के साथ रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपराधी नहीं हो जाता है.
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दूसरी तरफ जिया ने पपला गुर्जर से जुड़े हुए कई अनसुलझे सवालों से पर्दा उठाते हुए कहा कि उनके सामने पपला गुर्जर ने एक अलग तस्वीर पेश की थी. उन्होंने पपला गुर्जर से अपने जीवन से जुड़ी हुई कोई भी बात नहीं छुपाई. लेकिन, उसने सभी राज छुपाए थे. अलवर जेल में रहने के दौरान जब उसने अखबार में खबरें पढ़ी, तब उसे पपला गुर्जर के बारे में पता चला. जिया ने कहा कि कोल्हापुर में पपला गुर्जर पहले से रह रहा था. वहां उस का रहन सहन चाल ढाल बिल्कुल अलग था. दिन भर भगवान की पूजा करता था, जिम करता था, उस दिन शाकाहारी भोजन करता था. फोन पर केवल एक नंबर पर उसकी बात होती थी. इसके अलावा कई ऐसी बातें जिया ने कही जो अभी तक केवल एक पहेली बनी हुई थी. इस दौरान जिया के पिता ने कहा की पपला गुर्जर पर कई गंभीर आरोप हैं. उसके खिलाफ कई गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज हैं. ऐसे में वो लोग अभी अपने घर में बातचीत करेंगे.
जिया ने कहा 13 दिसंबर को 2020 को पपला से मिली और 28 जनवरी को पपला के साथ पकड़ी गई. जिया ने बताया की रात को वह पपला के किराए के मकान पर थी. रात करीब 12 बजे पुलिस पहुंची थी, जिस कमरे में हम थे, उसकी बाहर से कुंदी लगा दी. इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. तब तक मुझे नहीं पता था कि ये हो क्या रहा है? इसके बाद पुलिस से पहली बार मुझे पता चला कि पपला एक बड़ा अपराधी है. वह पहली बार पपला का यह नाम सुना था. उसे मान के नाम से ही पुकारती थी. उस रात को पपला छत से नहीं कूदा था. जिया ने कहा कि जेल को लेकर मन में एक डर था, जो पिक्चर बनी हुई थी. लेकिन, यहां सभी का सहयोग मिला. जेल प्रशासन ने उनको पढ़ने के लिए किताबें दी. जेल में शुरुआत का समय कुछ परेशानी भरा गुजरा, लेकिन बाद में उसने योगा करके लोगों को जिनकी ट्रेनिंग देकर अपना समय बिताया. उन्होंने कहा कि अब वो आगे के जीवन के फैसले अपने परिवार की सलाह से लेंगी.