बहरोड़ (अलवर). क्षेत्र में सीजन की पहली तेज बारिश ने कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र के हालात खराब कर दिए. जहां इस बारिश से आम रास्तों सहित सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों सहित लोगों के घरों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.
गौरतलब है कि रविवार शाम लगभग 4 बजे से शुरू हुई तेज बारिश (Heavy Rain) और फिर रातभर रूक-रूककर हो रही बारिश ने चारों तरफ पानी-पानी कर दिया है. कस्बे की कॉलोनियों सहित गली-मोहल्ले पानी से लबालब हो गए हैं. उपखण्ड के गण्डाला गांव में हालात बद से बदतर बने हुए हैं. गांव में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है.
गांव के आम रास्तों और घरों में घुटनों तक पानी भरा हुआ है. जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानी हो रही है. यहीं नहीं पानी की निकासी नहीं होने से घरों में रखा अनाज पूरी तरह से भीग गया है. शौचालय के गड्ढे पानी से लबालब हो गए हैं. वहीं स्थाई जलभराव से अब मकानों के गिरने का खतरा मंडराने लगा है.
लगभग 24 घंटे से आम रास्तो पर घुटनों तक पानी बह रहा है. मकानों में जलभराव के चलते लोगों ने रातभर जागकर निकाली है और बाल्टियों से भर-भर कर पानी मकानों से बाहर निकाल रहे है. जहां ग्रामीणों ने उपखण्ड प्रशासन से समस्या का समाधान करने की मांग की है.
अलवर से रविवार से हो रही रुक-रुक कर बारिश के बाद साबी नदी में पानी चलता हुआ नजर आया. जहां दो दशक बाद अलवर के बहरोड़, नीमराना, सोडावास और बानसूर क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए नजर आए. रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है.
ग्रामीणों ने कहा कि दो दशक बाद इस क्षेत्र में इतनी बारिश देखने को मिली है. बारिश के बाद अलवर भगेरीखुर्द में 6 फुट पानी आया. मानसरोवर बांध में 7 फुट 7 इंच, मंगलसर बांध में 10 फुट 8 इंच और सिलीसेढ़ में 14 फुट 1 इंच पानी दर्ज किया गया है. थानागाजी, राजगढ़, रामगढ़, मालाखेड़ा एरिया में कम बारिश दर्ज की गई है.
सोडावास (Sodawas) में सबसे ज्यादा 210 एमएम बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा मुंडावर में 24 एमएम, बहरोड में 135mm, बानसूर में 36 एमएम, नीमराणा में 192 एमएम, कोटकासिम में 60 एमएम बारिश दर्ज की गई. जिले के अन्य कस्बों और हिस्सों में 60 एमएम से कम बारिश हुई है,
बारिश के बाद लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है. लंबे समय बाद सोडावास क्षेत्र में तेज बारिश होने के बाद साबी नदी में पानी नजर आया. साबी नदी सोमवार सुबह 11 बजे 75 एमएम के आसपास बह रही थी. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अभी बांधों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचा है. जिले के ज्यादातर बाद सूख गए थे, बारिश के बाद कुछ क्षेत्रों में पानी आया है.
सोडावास में हुई रिकॉर्ड बारिश : साल 2019 में अलवर में 311 एमएम बारिश कोटकासिम में दर्ज की गई थी. उसके बाद अलवर के सोडावास में इस सीजन की सबसे ज्यादा बारिश 21 एमएम दर्ज की गई.
साबी नदी में चला पानी : लंबे समय बाद साबी नदी चलती हुई नजर आई. रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद साबी नदी में पानी आया. अलवर में बरसाती नदी हैं, इन नदियों में केवल बारिश के समय ही पानी आता है.