अलवर. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया के खिलाफ सवाई माधोपुर के मान टाउन थाने में आपदा अधिनियम के तहत FIR दर्ज हुई है. न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुए इस मामले में जिला कलेक्टर, सवाई माधोपुर के सीएमएचओ, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी और सामान्य अस्पताल के चौकी प्रभारी के खिलाफ भी कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आरोप है.
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संभागीय आयुक्त भरतपुर की ओर से जांच में गलती पाए जाने के बाद मामला दर्ज हुआ है. अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने कहा कि उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया है, उनको जांच और न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. जो भी फैसला आएगा उसके लिए तैयार है.
अगस्त 2020 में अलवर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया की मां की तबीयत खराब हुई. इस पर उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. 31 अगस्त को सुबह उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, जिसके बाद इलाज के लिए उनको हायर सेंटर में रेफर किया गया. नन्नू मल पहाड़िया अपने परिवार जन के साथ उन्हें इलाज के लिए कोटा ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही एम्बुलेंस में उनका निधन हो गया. जिसके बाद मां के शव को लेकर अपने पैतृक गांव पहुंचे. वहां उसका अंतिम संस्कार किया.
इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया, सवाई माधोपुर के सीएमएचओ, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी वे सामान्य अस्पताल के चौकी प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों पर कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का आरोप लगा है. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने कहा कि जब उनकी मां का निधन हुआ तो उन्होंने कोरोना गाइडलाइन के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की पूरी पालना की गई. उनके अंतिम संस्कार प्रक्रिया में परिवार के कुछ लोगों ने हिस्सा लिया. साथ ही सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पूरी किट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनको न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है, वो किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
इस मामले में परिवादी व एडवोकेट चेतराम मीणा व रमन कृष्णा सोलंकी की ओर से एक याचिका दायर की गई, जिसमें 1 सितंबर 2020 को जिला कलेक्टर की मां की रिपोर्ट जो टीम के आने के बाद कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने की बात कही गई. याचिकाकर्ता ने कहा कि कोरोना से मौत के बाद मृतका का शव सामान्य अस्पताल आना चाहिए था, जबकि वो अपने शव को भरतपुर स्थित अपने पैतृक गांव में ले गए.
इसके बाद खुद को 14 दिन क्वॉरेंटाइन भी नहीं रखा. न्यायालय के आदेश पर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया, सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीणा, पीएमओ डॉ. बीएल मीणा, सामान्य हॉस्पिटल पुलिस चौकी प्रभारी सहित अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. इस मामले की जांच पड़ताल चल रही है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए. कोरोना महामारी अधिनियम की अवहेलना करने की धाराओं में यह मामला दर्ज किया गया है.
13 जुलाई को इस मामले में सरकार की तरफ से अभियोजन स्वीकृति दी गई. साथ ही भरतपुर संभाग के संभागीय आयुक्त ने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की.