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अलवर पुलिस की कार्यशैली से परेशान एक परिवार, 2 साल से लगा रहा थाने के चक्कर

अलवर में परिवार पर हुए घातक हमले के बाद 2 साल से एक परिवार न्याय के लिए पुलिस थानों की चक्कर लगा रहा है. जिसके बाद पीड़ित धर्मेंद्र सिंह ने मामले में मुख्यमंत्री और पुलिस के मुखिया डीजी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है. साथ ही मामले में जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई करने और मामले में गड़बड़ी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.

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लगा रहा थाने के चक्कर
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Published : Mar 16, 2020, 4:41 AM IST

अलवर. शहर में पुलिस की भ्रष्ट कार्यशैली का एक नया मामला सामने आया है. अलवर का एक परिवार पुलिस की कार्यशैली के चलते 2 साल से न्याय के लिए थानों में चक्कर लगा रहा है. इतना ही नहीं परेशान परिवार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और पुलिस के आला डीजी से न्याय की गुहार लगाई है.

पुलिस की कार्यशैली से परेशान एक परिवार

जानकारी के अनुसार अलवर के लिली गांव निवासी राजवीर सिंह ने 24 अगस्त 2018 को रात के समय अपने परिवार पर हुए घातक हमले के बाद मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी थी. हमलावर राजनीतिक पहुंच और प्रभावशाली व्यक्ति थे. जिनसे मिलकर पुलिस ने सच्चाई को दबाते हुए पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ अन्याय किया. न्याय की उम्मीद में पुलिस में पहुंचे पीड़ित परिवार के खिलाफ पुलिस ने घटना के अगले दिन न केवल मामला दर्ज किया. बल्कि पीड़ित परिवार के लोगों को हिरासत में ले लिया.

पढ़ेंः निगम चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने कलेक्टरों के पत्र, DLB निदेशक ने EC को किया फॉरवर्ड

जबकि पीड़ित परिवार के लोग घटना में घायल हुए थे. कुछ समय बाद घटना में गंभीर घायल हुए विक्रम को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. साथ ही हालत खराब होने पर विक्रम को जयपुर रैफर कर दिया गया. जयपुर में न्यूरो सर्जन द्वारा विक्रम के सिर का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद विक्रम की जान बची.

इसके बाद भी पुलिस ने कई तरह की जांच में गड़बड़ी की और पीड़ित पक्ष के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि आरोपी पक्ष के लोग लगातार फरार चल रहे थे. 2 साल से परिवार न्याय के लिए थानों में चक्कर लगा रहा है. जबकि आरोपी खुलेआम बाहर घूम रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

पढ़ेंः कांग्रेस विधायकों की शरणस्थली बना जयपुर, हॉर्स ट्रेडिंग के डर से 37 गुजराती कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी

वहीं न्याय के लिए लगातार पीड़ित परिवार थानों में चक्कर लगा रहा है. पीड़ित धर्मेंद्र सिंह ने मामले में मुख्यमंत्री और पुलिस के मुखिया डीजी से मदद की गुहार करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और मामले में गड़बड़ी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है.

अलवर. शहर में पुलिस की भ्रष्ट कार्यशैली का एक नया मामला सामने आया है. अलवर का एक परिवार पुलिस की कार्यशैली के चलते 2 साल से न्याय के लिए थानों में चक्कर लगा रहा है. इतना ही नहीं परेशान परिवार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और पुलिस के आला डीजी से न्याय की गुहार लगाई है.

पुलिस की कार्यशैली से परेशान एक परिवार

जानकारी के अनुसार अलवर के लिली गांव निवासी राजवीर सिंह ने 24 अगस्त 2018 को रात के समय अपने परिवार पर हुए घातक हमले के बाद मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी थी. हमलावर राजनीतिक पहुंच और प्रभावशाली व्यक्ति थे. जिनसे मिलकर पुलिस ने सच्चाई को दबाते हुए पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ अन्याय किया. न्याय की उम्मीद में पुलिस में पहुंचे पीड़ित परिवार के खिलाफ पुलिस ने घटना के अगले दिन न केवल मामला दर्ज किया. बल्कि पीड़ित परिवार के लोगों को हिरासत में ले लिया.

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जबकि पीड़ित परिवार के लोग घटना में घायल हुए थे. कुछ समय बाद घटना में गंभीर घायल हुए विक्रम को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. साथ ही हालत खराब होने पर विक्रम को जयपुर रैफर कर दिया गया. जयपुर में न्यूरो सर्जन द्वारा विक्रम के सिर का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद विक्रम की जान बची.

इसके बाद भी पुलिस ने कई तरह की जांच में गड़बड़ी की और पीड़ित पक्ष के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि आरोपी पक्ष के लोग लगातार फरार चल रहे थे. 2 साल से परिवार न्याय के लिए थानों में चक्कर लगा रहा है. जबकि आरोपी खुलेआम बाहर घूम रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

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वहीं न्याय के लिए लगातार पीड़ित परिवार थानों में चक्कर लगा रहा है. पीड़ित धर्मेंद्र सिंह ने मामले में मुख्यमंत्री और पुलिस के मुखिया डीजी से मदद की गुहार करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और मामले में गड़बड़ी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है.

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