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अलवर के इस विशेषज्ञ ने कहा- तीसरी लहर से बच्चों को नहीं ज्यादा खतरा, बताई ये वजह - कोरोना तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है खतरा

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है. जहां अलवर विशेषज्ञों की माने तो तीसरी लहर अगर आती है, तो उसमें बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है.

कोरोना तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है खतरा, Children are not at risk due to corona third wave
कोरोना तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है खतरा
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Published : May 29, 2021, 6:33 AM IST

Updated : May 29, 2021, 6:59 AM IST

अलवर. कोरोना की दूसरी लहर के बाद लगातार तीसरी लहर का डर सताने लगा है. पूरे देश में तीसरी लहर के दौरान बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होने की बात कही गई है. ऐसे में लोग खासे डरे हुए हैं, लेकिन लाखों लोगों के लिए एक राहत की खबर है. जहां अलवर विशेषज्ञों की माने तो तीसरी लहर अगर आती है, तो उसमें बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है.

कोरोना तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है खतरा

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर का डर सताने लगा है. देशभर में तीसरी लहर के दौरान बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में लोग खासे डरे हुए हैं. घरों में बंद लोगों के डिप्रेशन, तनाव और चिड़चिड़ापन की शिकायत होने लगी है.

पढ़ें- SPECIAL : केंद्र सरकार ने राजस्थान के 14 सांसदों का फंड जारी किया...ढाई-ढाई करोड़ मिले, राज्यसभा सांसद ने भी की अपील

दूसरी तरफ बच्चे भी लगातार घरों में बंद है. आए दिन बच्चों को कोरोना के खतरे की बात कही जा रही है. ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. बच्चों के अभी तक वैक्सीन भी नहीं लगी है.

जून माह से बच्चों पर वैक्सिंग का ट्रायल शुरू होगा. उसके बाद बच्चों को वैक्सीन लग सकती है, लेकिन जब तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लगेगी, तब तक बच्चों को खासी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल भी बंद हैं. हालांकि तीसरी लहर के दौरान बच्चों के खतरे की खबरों ने लोगों और माता पिताओं को परेशान कर दिया है.

ऐसे में लाखों लोगों के लिए राहत की खबर आई है. कोरोना मरीजों का लगातार शुरुआत से इलाज कर रहे वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अशोक महावर ने कहा कि कोरोना वायरस की लहर आ सकती है, लेकिन अगर तीसरी लहराई, तो उसमें बच्चों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा. क्योंकि पहली और दूसरी लहर के दौरान भी बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन उनको किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई.

पढ़ें- तिरस्कार के बदले मुक्ति : पिता ने पत्नी-बेटियों को त्यागा...उन्हीं में से एक बेटी ने मुखाग्नि देकर किया 'मुक्त'

अलवर के शिशु अस्पताल में कोरोना संक्रमित 7 बच्चे भर्ती हुए थे, लेकिन सभी को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अलवर जिले में कोरोना से अब तक एक भी बच्चे की मौत का मामला सामने नहीं आया है. घर के सदस्य जब संक्रमित हुए तो उनके साथ बच्चे भी संक्रमित हुए, लेकिन सभी बच्चों का इलाज घर में हुआ. कुछ लोगों ने तो अपने बच्चों की जांच भी नहीं कराई थी. ऐसे में साफ है कि तीसरी लहर के दौरान बच्चों को ज्यादा नुकसान या ज्यादा खतरे की बात नहीं है. हालांकि बच्चों के अभी वैक्सीन नहीं लगी है. इसलिए बच्चों को सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन तीसरी लहर का प्रभाव कम रहने की संभावना है.

कोरोना मरीजों की संख्या हुई कम

अलवर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बीते दिनों की तुलना में कमी आई है. नए मिलने वाले मरीजों की संख्या भी कम हुई है, लेकिन उसके बाद भी सरकारी और निजी अस्पताल के आईसीयू कोरोना मरीजों से भरे हुए हैं. दअरसल इस समय पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है. आईसीयू में पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है. इन मरीजों की जान बचाने में भी खासी दिक्कत आ रही है.

पढ़ें- डॉक्टर्स की पर्ची के बिना ही दे रहे थे दवा, औषधि विभाग की टीम ने पकड़ा

क्या है पोस्ट कोविड

कोरोना संक्रमण के दौरान जिन लोगों के फेफड़ों में 80 प्रतिशत संक्रमण फैल जाता है. उन लोगों को कोरोना के 14 दिन के बाद भी सांस लेने में दिक्कत होती है. उन लोगों को पोस्ट कोविड मरीज कहा जाता है.

अलवर के हालात पर एक नजर

  • जिले में अब तक 57 हजार 431 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं.
  • अब तक 53 हजार 290 मरीज ठीक हो चुके हैं.
  • जिला स्तर पर 454 मरीज भर्ती हैं.
  • ऑक्सीजन सपोर्ट पर 291 मरीज हैं.
  • 92 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं.
  • 58 मरीज वेंटीलेटर पर हैं.
  • 3341 मरीज होम आइसोलेशन में हैं.
  • अब तक कोरोना से 275 मरीजों की जान गई है.

अलवर. कोरोना की दूसरी लहर के बाद लगातार तीसरी लहर का डर सताने लगा है. पूरे देश में तीसरी लहर के दौरान बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होने की बात कही गई है. ऐसे में लोग खासे डरे हुए हैं, लेकिन लाखों लोगों के लिए एक राहत की खबर है. जहां अलवर विशेषज्ञों की माने तो तीसरी लहर अगर आती है, तो उसमें बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है.

कोरोना तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है खतरा

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर का डर सताने लगा है. देशभर में तीसरी लहर के दौरान बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में लोग खासे डरे हुए हैं. घरों में बंद लोगों के डिप्रेशन, तनाव और चिड़चिड़ापन की शिकायत होने लगी है.

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दूसरी तरफ बच्चे भी लगातार घरों में बंद है. आए दिन बच्चों को कोरोना के खतरे की बात कही जा रही है. ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. बच्चों के अभी तक वैक्सीन भी नहीं लगी है.

जून माह से बच्चों पर वैक्सिंग का ट्रायल शुरू होगा. उसके बाद बच्चों को वैक्सीन लग सकती है, लेकिन जब तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लगेगी, तब तक बच्चों को खासी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल भी बंद हैं. हालांकि तीसरी लहर के दौरान बच्चों के खतरे की खबरों ने लोगों और माता पिताओं को परेशान कर दिया है.

ऐसे में लाखों लोगों के लिए राहत की खबर आई है. कोरोना मरीजों का लगातार शुरुआत से इलाज कर रहे वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अशोक महावर ने कहा कि कोरोना वायरस की लहर आ सकती है, लेकिन अगर तीसरी लहराई, तो उसमें बच्चों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा. क्योंकि पहली और दूसरी लहर के दौरान भी बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन उनको किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई.

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अलवर के शिशु अस्पताल में कोरोना संक्रमित 7 बच्चे भर्ती हुए थे, लेकिन सभी को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अलवर जिले में कोरोना से अब तक एक भी बच्चे की मौत का मामला सामने नहीं आया है. घर के सदस्य जब संक्रमित हुए तो उनके साथ बच्चे भी संक्रमित हुए, लेकिन सभी बच्चों का इलाज घर में हुआ. कुछ लोगों ने तो अपने बच्चों की जांच भी नहीं कराई थी. ऐसे में साफ है कि तीसरी लहर के दौरान बच्चों को ज्यादा नुकसान या ज्यादा खतरे की बात नहीं है. हालांकि बच्चों के अभी वैक्सीन नहीं लगी है. इसलिए बच्चों को सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन तीसरी लहर का प्रभाव कम रहने की संभावना है.

कोरोना मरीजों की संख्या हुई कम

अलवर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बीते दिनों की तुलना में कमी आई है. नए मिलने वाले मरीजों की संख्या भी कम हुई है, लेकिन उसके बाद भी सरकारी और निजी अस्पताल के आईसीयू कोरोना मरीजों से भरे हुए हैं. दअरसल इस समय पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है. आईसीयू में पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है. इन मरीजों की जान बचाने में भी खासी दिक्कत आ रही है.

पढ़ें- डॉक्टर्स की पर्ची के बिना ही दे रहे थे दवा, औषधि विभाग की टीम ने पकड़ा

क्या है पोस्ट कोविड

कोरोना संक्रमण के दौरान जिन लोगों के फेफड़ों में 80 प्रतिशत संक्रमण फैल जाता है. उन लोगों को कोरोना के 14 दिन के बाद भी सांस लेने में दिक्कत होती है. उन लोगों को पोस्ट कोविड मरीज कहा जाता है.

अलवर के हालात पर एक नजर

  • जिले में अब तक 57 हजार 431 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं.
  • अब तक 53 हजार 290 मरीज ठीक हो चुके हैं.
  • जिला स्तर पर 454 मरीज भर्ती हैं.
  • ऑक्सीजन सपोर्ट पर 291 मरीज हैं.
  • 92 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं.
  • 58 मरीज वेंटीलेटर पर हैं.
  • 3341 मरीज होम आइसोलेशन में हैं.
  • अब तक कोरोना से 275 मरीजों की जान गई है.
Last Updated : May 29, 2021, 6:59 AM IST
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