अलवर. जिले के एमआईए में बना 800 करोड़ रुपए का ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन शुरू होने की सुगबुगाहट होने लगी है. बीते दिनों प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि मंडल द्वारा ईएसआईसी के सामने कॉलेज भवन हैंडओवर देने का प्रस्ताव रखा गया था. ईएसआईसी ने खुद ही मेडिकल कॉलेज शुरू करने का फैसला लिया है. इसके तहत एक तीन सदस्यों की टीम कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए अलवर पहुंची. टीम की रिपोर्ट के बाद ईएसआईसी कॉलेज शुरू करने का फैसला लेगा.
अलवर के एमआईए में 3 साल से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज का भवन बनकर तैयार है. यह भवन उत्तर भारत का सबसे बड़ा कॉलेज भवन है. इसमें दो हजार से अधिक स्टाफ के रहने की व्यवस्था है. इनडोर स्टेडियम 500 बेड का अस्पताल सहित सभी सुविधाएं हैं, लेकिन 2 साल से इस भवन में केवल 50 बेड का अस्पताल चल रहा है. ऐसे में करोड़ों रुपए के भवन का लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है और भवन खराब हो रहा है.
कई संगठनों द्वारा मेडिकल कॉलेज शुरू करने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक ईएसआईसी की तरफ से कॉलेज शुरू नहीं किया गया है. दूसरी तरफ प्रदेश सरकार अलवर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की घोषणा कर चुकी है. कई बार इसका प्रस्ताव बन चुका है. जेल की जमीन अस्पताल प्रशासन के नाम ट्रांसफर भी हो चुकी है. प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज भी अभी तक अलवर में शुरू नहीं हुआ है.
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मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से प्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेज के लिए अलवर को अनुमति नहीं मिली. ऐसे में प्रदेश सरकार की तरफ से ईएसआईसी के सामने कॉलेज भवन को प्रदेश सरकार को देने का प्रस्ताव रखा गया. प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि प्रदेश सरकार इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने को तैयार है. बशर्ते ईएसआईसी इस भवन को जल्द से जल्द स्थानांतरित करें.
ईएसआईसी ने कॉलेज भवन स्थानांतरित करने की जगह खुद ही कॉलेज चलाने का फैसला लिया है. इसके तहत प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. ईएसआईसी की तरफ से तीन डॉक्टरों की एक टीम बुधवार को अलवर पहुंची. उन्होंने ईएसआईसी अस्पताल का निरीक्षण किया और मेडिकल कॉलेज चलाने को लेकर अस्पताल में तैयारी व कार्यों को देखा. उन्होंने कहा कि ईएसआईसी खुद मेडिकल कॉलेज चलाने को तैयार है, उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला होगा, वो अपनी रिपोर्ट ईएसआईसी के अधिकारी को देंगे.
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इस दौरान अलवर के कार्यवाहक प्रमुख चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि ईएसआईसी खुद मेडिकल कॉलेज चलाने को तैयार है. इसलिए कॉलेज भवन का निरीक्षण करने के लिए एक समिति भेजी गई है. समिति के रिपोर्ट के बाद ईएसआईसी कॉलेज चलाने को लेकर फैसला लेगी. इस दौरान छोटी मोटी कमियां पूरी की जाएंगी. सब कुछ ठीक रहा तो जल्दी ही मेडिकल कॉलेज शुरू हो सकता है.
ऐसे में अलवर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि अलवर में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज की मांग उठ रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज नहीं होने के कारण लोगों को मजबूरी में आसपास के अन्य शहरों में जाना पड़ता है. अलवर बड़ा जिला है. यहां आस-पास के कई जिलों और राज्यों से लोग इलाज के लिए आते हैं. अलवर में मेडिकल कॉलेज शुरू होने का सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा.