अलवर. एमआईए में 900 करोड़ रुपए की लागत से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन 4 साल से बनकर तैयार था, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद के चलते कॉलेज शुरू नहीं हो पाया था. करोड़ों के भवन में 50 बेड का अस्पताल चल रहा था. बीते दिनों न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने अलवर का कॉलेज शुरू करने के आदेश दिए. अलवर का ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है. इसमें गरीब श्रमिकों के अलावा आम लोगों को भी इलाज मिल सकेगा. मेडिकल कॉलेज में इस सत्र से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और कक्षाएं लगेंगी.
मेडिकल कॉलेज में 6 ऑपरेशन थिएटर हैं. इसमें दो रोबोटिक सर्जरी के थिएटर भी शामिल है. साथ ही महिला रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, न्यूरो सर्जन, ऑर्थो सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, न्यूरो विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, कैंसर, किडनी, एंजियोग्राफी, हार्ट सहित सभी विभागों में डॉक्टरों की नियुक्ति हो चुकी है और अन्य स्टाफ लगाया जा रहा है. अस्पताल में कमियों को दूर करने के लिए शुक्रवार को ईएसआईसी के डायरेक्टर जनरल अनुराधा प्रसाद, उनके साथ मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर प्रेमलता चौधरी, एडमिनिस्ट्रेशन से डॉक्टर कटारिया सहित अन्य ईएसआईसी के आला अधिकारी अलवर पहुंचे उनके साथ हैदराबाद एसआईसी अस्पताल के डीन श्रीनिवास भी अलवर पहुंचे. सभी ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान जरूरी कमियों को पूरा करने के निर्देश दिए.
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उन्होंने कहा कि मार्च माह में इंडियन मेडिकल काउंसिल का निरीक्षण है. उनकी अनुमति मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा. इस मेडिकल कॉलेज के शुरू होने के बाद अलवर देश में अपनी नई पहचान रखेगा. बड़ी से बड़ी सर्जरी गंभीर बीमारियों का इलाज अलवर में हो सकेगा. अलवर और आसपास के जिले के लोगों को इलाज के लिए जयपुर दिल्ली अहमदाबाद गुडगांव सहित अन्य बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. इस अस्पताल में आम मरीजों के श्रमिकों के साथ आम मरीजों का भी इलाज हो सकेगा.
वहीं मेडिकल कॉलेज परिसर में 200 स्टूडेंट के रहने के लिए फ्लैट, स्टाफ के लिए फ्लैट, इनडोर स्टेडियम मोर्चरी कम्युनिटी हॉल ऑडिटोरियम सहित सभी आधुनिक सुविधाएं हैं, जो इस कॉलेज को अन्य कॉलेजों से बेहतर करती हैं. साथ ही ईएसआईसी की तरफ से दो बसें लगाई गई हैं, जो अलवर शहर भिवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों से मरीजों को अस्पताल लाने और लेकर जाने का काम करेंगे. ईएसआईसी के अधिकारियों ने कहा कि अभी इस समय 200 से अधिक मरीजों की ओपीडी हो रही है. साथ ही इनडोर में भी मरीज भर्ती हैं. अलवर औद्योगिक हब है. ऐसे में यहां की औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को बड़ी राहत मिलेगी.
विशेष पहचान
अलवर का एसएससी मेडिकल कॉलेज उत्तर भारत का सबसे बड़ा कॉलेज है. इस कॉलेज को शुरू होने के साथ ही एमआईए और आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही अलवर को नई पहचान मिलेगी. ईएसआईसी के अधिकारियों ने कहा कि इस साल होने वाली मेडिकल की काउंसलिंग के बाद मेडिकल छात्रों के आने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और कॉलेज में कक्षाएं लगेंगी. विश्व स्तर की जांच सुविधा मेडिकल कॉलेज में विश्व स्तर की जांच सुविधा उपलब्ध मरीजों को कराई जाएगी. अलवर की पहली पैथ लैब ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में शुरू होने वाली है. इसके अलावा आधुनिक एक्सरे सोनोग्राफी सिटी स्कैन सहित अन्य मशीनें भी जल्द ही शुरू हो जाएंगी. इससे यहां आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ उनकी बेहतर जांच पड़ताल भी हो सकेगी.