अलवर. जिले में बिजली चोरी राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा होती है. विद्युत विभाग की तरफ से लगातार ग्रामीण क्षेत्र में वीसीआर भरने का काम किया जाता है. विद्युत विभाग की टीमें इस पूरी प्रक्रिया में लगी रहती है. बीते दिनों प्रदेश स्तर पर वीसीआर का विरोध किया गया. वहीं, विद्युत विभाग पर जबरन वीसीआर भरने के आरोप लगे. ऐसे में विद्युत विभाग को अलवर में करीब 34 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है.
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औद्योगिक क्षेत्र की तुलना में आवासीय क्षेत्र में चोरी की समस्या ज्यादा है. हालांकि, विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लगातार जांच चल रही है और पुराना बकाया भी जमा करने के लिए उपभोक्ताओं को कहा जा रहा है. वहीं, विद्युत विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तभी भिवाड़ी क्षेत्र में 24 फीडर पर करीब 60 लाख यूनिट से अधिक की बिजली चोरी के मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में करोड़ों का नुकसान विद्युत निगम को होता है.
इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ने से विद्युत की डिमांड बढ़ रही है. अक्टूबर महीने में 25 करोड़ यूनिट से अधिक की आपूर्ति औद्योगिक क्षेत्रों में की गई. वहीं, 3 साल की अवधि में सबसे ज्यादा बिजली की डिमांड अक्टूबर माह में रही. कोरोना काल के दौरान इकाइयां बंद थी. ऐसे में कामकाज भी प्रभावित हुआ.
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औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी के एचडी के 986, एमआईपी के 1208 और एसआईपी के 1418 उपभोक्ता हैं. औद्योगिक, व्यवसायिक और घरेलू मिलाकर भिवाड़ी क्षेत्र में करीब 35 हजार से अधिक उपभोक्ता हैं. इसके अलावा अलवर में 50 हजार से अधिक उपभोक्ता हैं. इस समय अधिकांश इकाइयों में उत्पादन चल रहा है. औद्योगिक क्षेत्र में 220 केवी बीएसएससी विद्युत सप्लाई की जा रही है.
लॉकडाउन शुरू होने से एक दिन पहले 21 मार्च को 57.90 लाख यूनिट प्रतिदिन की खपत थी. लॉकडाउन के दौरान 15 अप्रैल को ये खपत 14.30 लाख यूनिट हुई. वहीं, अब ये खपत दोबारा से 61.55 लाख यूनिट के आस-पास पहुंच गई है. अलवर की तुलना में भिवाड़ी में बिजली की डिमांड ज्यादा है. हालांकि, विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त विद्युत सप्लाई के लिए मौजूद है.