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NMC बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर डॉक्टर्स ने किया बहिष्कार - एनएमसी बिल

एनएमसी बिल राज्यसभा में पारित होने के विरोध को लेकर गुरुवार को सामान्य चिकित्सालय के आईएमए हॉल में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने बैठक कर सरकार के द्वारा 6 महीने और एक साल के कोर्स के बाद उन्हें डॉक्टर के प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का विरोध किया है.

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Published : Aug 1, 2019, 8:45 PM IST

अलवर. जिले में एनएमसी बिल राज्यसभा में पारित होने के विरोध को लेकर गुरुवार को सामान्य चिकित्सालय के आईएमए हॉल में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में डॉक्टर मौजूद रहे. डॉक्टरों ने बैठक कर सरकार के द्वारा 6 महीने और एक साल के कोर्स के बाद उन्हें डॉक्टर के प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का विरोध किया है. डॉक्टर ने कहा सरकार मरीजों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है.

NMC बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर डॉक्टर्स ने किया बहिष्कार
डॉक्टर मोहन लाल सिंधी ने कहा कि राज्यसभा में एनएमसी बिल पारित होने से झोलाछाप डॉक्टरों को मरीज देखने का अधिकार मिल जाएगा. मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होगा. सरकार की मंशा है कि 6 महीने में पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ को कोर्स करवाकर एलोपैथिक दवाइयों का अधिकार दे रहे हैं, इसलिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मांग करते हैं कि इस बिल को पारित कर गरीब जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करें.
सरकार ने अपनी कमियों को छुपाने के लिए टाइम पर पहले तो मेडिकल कॉलेज खोले नहीं, लेकिन अब सरकार झोलाछाप, नीम हकीम को अधिकार दे रही है. इसके लिए सरकार अभी कोई एक्ट तो बनाया नहीं. उन्होंने बताया कि यह झोलाछाप डॉक्टर सरकार को नोट भी देते हैं इसके साथ वोट भी देते हैं इसलिए इस बिल को विरोध किया जा रहा है.
डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि पूरे देश में इस बिल का विरोध डॉक्टर कर रहे हैं. कार्य बहिष्कार कर काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया है. इस बिल को पारित नहीं करने को लेकर जितने भी जनप्रतिनिधि हैं उनको डॉक्टर एक ज्ञापन भी देंगे और उनको बताया जाएगा कि इस बिल को लेकर डॉक्टरों में भारी आक्रोश है.


अलवर. जिले में एनएमसी बिल राज्यसभा में पारित होने के विरोध को लेकर गुरुवार को सामान्य चिकित्सालय के आईएमए हॉल में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में डॉक्टर मौजूद रहे. डॉक्टरों ने बैठक कर सरकार के द्वारा 6 महीने और एक साल के कोर्स के बाद उन्हें डॉक्टर के प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का विरोध किया है. डॉक्टर ने कहा सरकार मरीजों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है.

NMC बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर डॉक्टर्स ने किया बहिष्कार
डॉक्टर मोहन लाल सिंधी ने कहा कि राज्यसभा में एनएमसी बिल पारित होने से झोलाछाप डॉक्टरों को मरीज देखने का अधिकार मिल जाएगा. मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होगा. सरकार की मंशा है कि 6 महीने में पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ को कोर्स करवाकर एलोपैथिक दवाइयों का अधिकार दे रहे हैं, इसलिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मांग करते हैं कि इस बिल को पारित कर गरीब जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करें.
सरकार ने अपनी कमियों को छुपाने के लिए टाइम पर पहले तो मेडिकल कॉलेज खोले नहीं, लेकिन अब सरकार झोलाछाप, नीम हकीम को अधिकार दे रही है. इसके लिए सरकार अभी कोई एक्ट तो बनाया नहीं. उन्होंने बताया कि यह झोलाछाप डॉक्टर सरकार को नोट भी देते हैं इसके साथ वोट भी देते हैं इसलिए इस बिल को विरोध किया जा रहा है.
डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि पूरे देश में इस बिल का विरोध डॉक्टर कर रहे हैं. कार्य बहिष्कार कर काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया है. इस बिल को पारित नहीं करने को लेकर जितने भी जनप्रतिनिधि हैं उनको डॉक्टर एक ज्ञापन भी देंगे और उनको बताया जाएगा कि इस बिल को लेकर डॉक्टरों में भारी आक्रोश है.


Intro:अलवर में आज एनएमसी बिल राज्यसभा में पारित होने के विरोध को लेकर गुरुवार को सामान्य चिकित्सालय के आईएमए हॉल में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में डॉक्टर मौजूद रहे। डॉक्टरों ने बैठक कर सरकार के द्वारा 6 महीने और 1 साल के कोर्स के बाद उन्हें डॉक्टर के प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का विरोध किया है। डॉक्टर ने कहा सरकार मरीजों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है।


Body:डॉक्टर मोहन लाल सिंधी ने कहा कि राज्यसभा में एनएमसी बिल पारित होने से झोलाछाप डॉक्टरों को मरीज देखने का अधिकार मिल जाएगा। जिससे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होगा। सरकार की मंशा है कि 6 महीने में पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ को कोर्स करवाकर एलोपैथिक दवाइयों का अधिकार दे रहे हैं। इसलिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मांग करते हैं कि इस बिल को पारित कर गरीब जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करें। इस बिल को रिव्यूज नहीं करें। इस बिल के तहत होने वाला एग्जाम साल में कितनी बार होगा। उसका भी अभी क्लियर नहीं है।

सरकार ने अपनी कमियों को छुपाने के लिए टाइम पर पहले तो मेडिकल कॉलेज खोले नहीं। लेकिन अब सरकार झोलाछाप, नीम हकीम को अधिकार दे रही है। इसके लिए सरकार अभी कोई एक्ट तो बनाया नहीं। उन्होंने बताया कि यह झोलाछाप डॉक्टर सरकार को नोट भी देते हैं। इसके साथ वोट भी देते हैं। इसलिए इस बिल को विरोध किया जा रहा है।


Conclusion:डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि पूरे देश में इस बिल का विरोध डॉक्टर कर रहे हैं। कार्य बहिष्कार कर काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया है। इस बिल को पारित नहीं करने को लेकर जितने भी जनप्रतिनिधि हैं। उनको डॉक्टर एक ज्ञापन भी देंगे और उनको बताया जाएगा कि इस बिल को लेकर डॉक्टरों में भारी आक्रोश है।

बाईट- मोहनलाल सिंधी डॉक्टर

बाईट- राजीव गुप्ता आईएमए अध्यक्ष
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