अलवर. जिले का पांडुपोल हनुमान मेला पूरे देश में अपनी खास पहचान (Pandupol Hanuman ji mela) रखता है. मेले में शामिल होने कई राज्यों से श्रद्धालु अलवर के पांडुपोल हनुमान मंदिर आते हैं. यहां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित आसपास के क्षेत्रों से भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है. इसके बाद भर्तृहरि बाबा का लक्खी मेला 2 सितंबर से शुरू होगा जो 4 सितंबर तक चलेगा.
अलवर जिले में पांडुपोल मेले को लेकर जिला कलेक्टर ने मंगलवार को जिले भर में सरकारी अवकाश घोषित किया गया है. मेले में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. पांडुपोल हनुमान मंदिर सरिस्का के बीचो-बीच स्थित है. वहीं इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. मेले के दौरान सरिस्का गेट से रोडवेज बसों की भी व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा अलवर बस स्टैंड से भी बसों की व्यवस्था की गई है. निजी वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी.
मेले को लेकर कलेक्टर ने अधिकारियों की भर्तृहरि धाम में बैठक की और मेले की व्यवस्था को लेकर जरूरी निर्देश (Security for Pandupol Hanuman Mela) दिए. मेले में जिन पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की ड्यूटी रहेगी, उनके लिए मेला कमेटी ने रेन कोट उपलब्ध कराए हैं. मेला स्थल पर अधिक से अधिक CCTV लगाए गए हैं. जिनसे पूरे मेले की निगरानी की जाएगी. इस दौरान श्रद्धालु पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. मिलावटी खाद्य सामग्री की भी जांच की व्यवस्था की गई है.
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दो साल बाद भरा मेला: 2 साल बाद भर रहे इस मेले में श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. वीर हनुमान के (Alwar Pandupol Hanuman Temple) जयकारों के साथ सरिस्का के जंगल से होते हुए श्रद्धालु पांडुपोल मंदिर पहुंच रहे हैं. मेले को लेकर सरिस्का के सदर गेट पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. सदर गेट से पांडुपोल तक जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए रोडवेज की व्यवस्था की गई है. अलवर एसपी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. मेले में जगह जगह कचरा पात्र की व्यवस्था की गई है. लाइट का पूरा इंतजाम किया है. मेले में जगह जगह बैरिकेडिंग की गई है. इसके अलावा शौचालय, मेडिकल का भी इंतजाम किया गया है.
घरों में देखते हैं हनुमान जी की जोत: हनुमान जी कि मेले के मौके पर अलवर व आसपास क्षेत्र के लोग घरों में हनुमान जी की जोत देखते हैं. इस दौरान चूरमा, दाल बाटी का भोग लगाया जाता है. लवर में भर्तहरि व पांडुपोल जी का मेला स्थानीय कुल देवता के रूप में पूजे जाते हैं