अलवर. शहर से जयपुर एंबुलेंस में ले जाते समय कोरोना संक्रमित मरीज की ऑक्सीजन समाप्त होने के चलते जान चले गई थी. इस मामले में प्रशासनिक कर्मचारियों और अधिकारियों की बड़ी लापरवाही के मामले सामने आए हैं. जिला कलेक्टर के आदेश पर इस पूरे मामले की जांच चल रही है. वहीं अब मृतक के परिजनों को सहायता राशि और उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग उठने लगी है. इस संबंध में अलवर के पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है.
बीते दिनों अलवर के 200 फुट रोड के एक सोसाइटी में रहने वाले राहुल की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई थी. राहुल कोरोना संक्रमित हुआ और अलवर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रैफर किया गया. रास्ते में दौसा के पास एंबुलेंस में ऑक्सीजन समाप्त हो गया. जिसके बाद राहुल की मौत हो गई. जबकि राहुल के परिजनों ने एंबुलेंस में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा था.
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राहुल का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा था. हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर भेजा गया. दौसा के पास अचानक सिलेंडर की ऑक्सीजन समाप्त हो गई. इस पूरे मामले पर एक परिजनों ने सरकारी सिस्टम और अधिकारियों पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों ने कहा कि सरकारी कमियों के चलते उनके बेटे की जान गई है. इस मामले में दोषी कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जिससे आने वाले समय में किसी और की जान न जा सके.
जिला कलेक्टर के आदेश पर इस पूरे मामले की जांच पड़ताल चल रही है. साथ ही मृतक के परिजनों को सहायता राशि देने वह मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराने की मांग उठने लगी है. अलवर शहर के पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. जिसमें मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए की सहायता राशि और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.
साथ ही जिले में चल रही मामले की जांच में परिजनों को भी शामिल करने के लिए कहा गया है. पूर्व विधायक ने कहा कि सरकारी सिस्टम में लापरवाही के चलते युवक की जान गई है. ऐसे में परिवार को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए, क्योंकि राहुल की मौत के बाद परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा है. ऐसे में परिवार को जीवन यापन करने में खासी दिक्कत होगी.