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Lockdown में देश की अर्थव्यवस्था बचाने वाली मंडियों में फल और सब्जी की बढ़ने लगी डिमांड

लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा बिकने वाले फल और सब्जियों की डिमांड अब मार्केट में बढ़ने लगी है. जिससे आने वाले समय में इनके दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं, लंबे समय से घाटा झेल रहे किसानों को अब राहत मिल सकती है.

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मंडियों में फल और सब्जी की बढ़ने लगी डिमांड
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Published : Jun 4, 2020, 2:59 AM IST

अलवर. लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था बचाने वाली मंडियों में फल और सब्जियों की डिमांड बढ़ने लगी है. ऐसे में लंबे समय से घाटा झेल रहे किसानों को राहत मिल सकती है. अलवर की मंडी में इन दिनों दशहरी आम और मौसमी फलों की आवक हो रही है. जिससे आने वाले समय में व्यापार बढ़ने की संभावना है.

मंडियों में फल और सब्जी की बढ़ने लगी डिमांड

लॉकडाउन में केवल फल और सब्जी की बिक्री हो रही थी. अलवर की मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. यहां प्रतिदिन देश के विभिन्न हिस्सों से फल और सब्जी बिकने के लिए आते हैं. मंडी से 6000 परिवार जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था बचाने का काम भी सब्जी और फलों ने किया था.

पढ़ें- कोविड-19 से बचाव के लिए आवासन मंडल के मुख्यालय पर सैनिटाइजेशन स्टेशन की शुरुआत

वहीं, अब मंडियों में कारोबार बढ़ने लगा है. फल और सब्जी की डिमांड पहले की तुलना में ज्यादा आने लगी है. क्योंकि एक राज्य से दूसरे राज्य में फल और सब्जी की आवाजाही हो रही है. ऐसे में लंबे समय से नुकसान उठा रहे किसानों को राहत मिल सकती है.

व्यापारियों की मानें तो आने वाले समय में मौसमी फलों की आवक के साथ ही फल और सब्जियों के दामों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. अलवर की मंडी में इन दिनों दशहरी आम, तरबूज, खरबूजा, चीकू, पपीता और अन्य फलों की आवक हो रही है.

पढ़ें- अनलॉक 1.0 में अब 'सुपर स्प्रेडर' पर फोकस, प्रशासन ने कहा- सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग है इलाज

अलवर की मंडी में प्रतिदिन हजारों किसान और व्यापारी आते हैं, लेकिन मंडी में सुविधाओं का अभाव है. मंडी में आने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है. यहां ना ही किसानों और व्यापारियों के लिए बैठने की जगह है ना कैंटीन की व्यवस्था. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अलवर की मंडी से हजारों परिवार चलते हैं. बड़े व्यापारियों के अलावा फुटकर दुकानदार पल्लेदार लेबर सहित कई अन्य तरह के कार्य करने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग मंडी से जुड़े हुए हैं. मंडी समिति की तरफ से कई बार प्रशासन से व्यवस्था करने की मांग की गई. लेकिन अभी तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है.

अलवर. लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था बचाने वाली मंडियों में फल और सब्जियों की डिमांड बढ़ने लगी है. ऐसे में लंबे समय से घाटा झेल रहे किसानों को राहत मिल सकती है. अलवर की मंडी में इन दिनों दशहरी आम और मौसमी फलों की आवक हो रही है. जिससे आने वाले समय में व्यापार बढ़ने की संभावना है.

मंडियों में फल और सब्जी की बढ़ने लगी डिमांड

लॉकडाउन में केवल फल और सब्जी की बिक्री हो रही थी. अलवर की मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. यहां प्रतिदिन देश के विभिन्न हिस्सों से फल और सब्जी बिकने के लिए आते हैं. मंडी से 6000 परिवार जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था बचाने का काम भी सब्जी और फलों ने किया था.

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वहीं, अब मंडियों में कारोबार बढ़ने लगा है. फल और सब्जी की डिमांड पहले की तुलना में ज्यादा आने लगी है. क्योंकि एक राज्य से दूसरे राज्य में फल और सब्जी की आवाजाही हो रही है. ऐसे में लंबे समय से नुकसान उठा रहे किसानों को राहत मिल सकती है.

व्यापारियों की मानें तो आने वाले समय में मौसमी फलों की आवक के साथ ही फल और सब्जियों के दामों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. अलवर की मंडी में इन दिनों दशहरी आम, तरबूज, खरबूजा, चीकू, पपीता और अन्य फलों की आवक हो रही है.

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अलवर की मंडी में प्रतिदिन हजारों किसान और व्यापारी आते हैं, लेकिन मंडी में सुविधाओं का अभाव है. मंडी में आने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है. यहां ना ही किसानों और व्यापारियों के लिए बैठने की जगह है ना कैंटीन की व्यवस्था. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अलवर की मंडी से हजारों परिवार चलते हैं. बड़े व्यापारियों के अलावा फुटकर दुकानदार पल्लेदार लेबर सहित कई अन्य तरह के कार्य करने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग मंडी से जुड़े हुए हैं. मंडी समिति की तरफ से कई बार प्रशासन से व्यवस्था करने की मांग की गई. लेकिन अभी तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है.

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