अलवर. शहर की मंडी में इन दिनों बाजरे और कपास की आवक हो रही है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में बाजरा और कपास मंडी में बिकने के लिए आ रहा है. हालांकि बीते साल की तुलना में इस बार कपास की कम पैदावार हुई है. लेकिन किसान को कपास के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है.
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अलवर मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. अलवर मंडी में गेहूं, बाजरा, कपास, सरसों सहित विभिन्न फसल की बंपर आवक होती है. यहां से पूरे देश में जींस सप्लाई होते हैं. मंडी में इस समय बाजरे और कपास की आवक हो रही है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में कपास, बाजरा मंडी में बिकने के लिए आ रहा है. बाजरा मुर्गी पालन सहित दूसरे कामों में यूज में आता है. जबकि कपास केवल कपड़ा फैक्ट्री, गद्दे बनाने वाली फैक्ट्रियों में जाता है. अलवर में बड़ी संख्या में कपास से जुड़ी हुई औद्योगिक इकाइयां हैं. दूसरे क्षेत्रों में भी कपास की काफी डिमांड रहती है. इसलिए लगातार मंडी में व्यापारियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. तो वहीं कुछ सालों में कपास की खेती अलवर क्षेत्र में बढ़ी है.
अलवर मंडी में इस समय बाजरा 1200 रुपए प्रति क्विंटल और कपास 4500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहे हैं. जल्द ही मक्का की आवक भी मंडी में होगी. अलवर में प्याज की ज्यादा खेती होती है. इसलिए लोग बाजरे की कटाई करके प्याज की फसल की बुवाई करेंगे. इस साल प्याज के किसानों को बेहतर दाम मिले थे. इसलिए किसान प्याज की खेती पर जोर दे रहे हैं.