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Corruption Case In Alwar: 5 मार्च तक न्यायिक हिरासत में पार्षद नरेंद्र मीणा और दोनों ठेकेदार

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Published : Feb 21, 2022, 12:05 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 5:02 PM IST

Corruption Case In Alwar: जयपुर एसीबी की टीम ने पार्षद नरेंद्र मीणा और अन्य ठेकेदारों को सोमवार को अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 5 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

Corruption Case In Alwar
Corruption Case In Alwar

अलवर. जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Jaipur ACB Big Action In Alwar) की टीम ने बीते गुरुवार को अलवर नगर परिषद में कार्रवाई की थी. जयपुर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए पार्षद नरेंद्र मीणा और दो ठेकेदारों को गिरफ्तार किया था. साथ ही टीम ने आरोपियों के पास से 5 लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत राशि भी बरामद की थी. वहीं, आज सोमवार को एसीबी की टीम ने पार्षद नरेंद्र मीणा और अन्य ठेकेदारों को अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया.

न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 5 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं. इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारी और नेताओं की भी मिलीभगत मिल रही है.

पढ़ें- Corruption Case In Alwar: नगर परिषद के कमिश्नर को सरकार ने किया APO, पार्षद और ठेकेदार 3 दिन की रिमांड पर

बता दें, प्रदेश सरकार में मंत्री टीकाराम जूली के करीबी पार्षद नरेंद्र मीणा को एसीबी की टीम ने पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. नरेंद्र मीणा नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. नरेंद्र मीणा मंत्री टीकाराम जूली एक ही सोसाइटी में रहते हैं. मंत्री का कामकाज और चुनाव की प्रक्रिया में सारा काम पार्षद नरेंद्र मीणा ने संभाला था. ऐसे में मंत्री पर भी सवाल उठने लगे हैं.

पढ़ें : Jaipur ACB Big Action In Alwar :कैबिनेट मंत्री का करीबी पार्षद समेत तीन लोग 5.15 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार

कांग्रेस नेताओं पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप (Rajasthan Congress leaders accused of corruption) लगते रहे हैं. ऐसे में साफ है कि अलवर में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. अलवर नगर परिषद में कमिश्नर के पद पर तैनात कमलेश मीणा को सरकार ने एपीओ कर दिया है. उनका मुख्यालय जयपुर किया गया है. उनके जगह पर कोटपुतली के अधिशासी अभियंता फतेह सिंह मीणा को अलवर नगर परिषद का चार्ज दिया गया.

इस मामले में नगर परिषद के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है. नगर परिषद के नई चेयरमैन सहित अन्य लोगों की भी जांच पड़ताल चल रही है. लगातार एसीबी की टीम सभी के मोबाइल रिकॉर्ड खंगाल रही है. उनके बातचीत और अन्य चीजों को देखा जा रहा है. एसीबी के रडार पर अधिकारी और नेता है. देखना होगा कि आगे एसीबी की कार्रवाई में किन लोगों का नाम सामने आता है.

अजा क्या हुआ...
एसीबी की टीम ने पार्षद नरेंद्र मीणा व अन्य ठेकेदारों को सोमवार सुबह अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 5 मार्च तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है. एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं. इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारी व नेताओं की भी मिलीभगत मिल रही है.

जयपुर एसीबी की टीम ने अलवर नगर परिषद के पार्षद व मंत्री टीकाराम जूली के करीबी नरेंद्र मीणा को पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. इसके साथ ही एसीबी ने दो ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया है. दोनों ठेकेदार संजीव भार्गव व रमेश गुप्ता को भी गिरफ्तार किया. दोनों ठेकेदार नरेंद्र मीणा के लिए पैसे कलेक्शन का काम करते थे. एसीबी ने इस मामले में कई नेता व आईएएस अधिकारियों के भी शामिल होने की बात कही है.

एसीबी पूछताछ में सामने आया कि नरेंद्र मीणा अन्य जनप्रतिनिधि व कई अधिकारियों तक भी रिश्वत की राशि पहुंचाने का दावा करता था. इसके अलावा बातचीत में कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. नगर परिषद का एक एईएन भी इसमें शामिल है. एसीबी की टीम उससे भी पूछताछ कर रही है.

एसीबी की टीम ने तीनों लोगों को अलवर के ऐसे भी विशेष न्यायालय में पेश किया न्यायालय ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा था, जिसके बाद तीनों लोगों को सोमवार को फिर से एसीबी न्यायालय में पेश किया गया. जहां से न्यायालय ने तीनों लोगों को 5 मार्च तक जुडिशल कस्टडी में भेज दिया है. इस मामले में नरेंद्र मीणा की तरफ से वकील अशोक शर्मा न्यायालय में पैरवी करने के लिए पहुंचे. एसीबी ने कहा कि इस मामले में कई अन्य अधिकारियों व लोगों से पूछताछ की जा रही है.

नरेंद्र मीणा के वकील अशोक शर्मा ने कहा कि अभी तक इस मामले में आरोप साबित नहीं हुआ है. एसीबी के जांच अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने न्यायालय के समक्ष तीनों आरोपियों को ज्यूडिशियल कस्टडी पर भेजने के लिए कहा था. इस पर न्यायालय ने उनको जेसी भेज दिया है. इस मामले में अभी तक एफआईआर नहीं मिली है. एसीबी ने किन धाराओं में नरेंद्र मीणा और दोनों ठेकेदारों पर मामला दर्ज किया है. इन लोगों पर क्या आरोप लगाए हैं. एफआईआर सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई इस मामले में की जाएगी.

अलवर. जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Jaipur ACB Big Action In Alwar) की टीम ने बीते गुरुवार को अलवर नगर परिषद में कार्रवाई की थी. जयपुर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए पार्षद नरेंद्र मीणा और दो ठेकेदारों को गिरफ्तार किया था. साथ ही टीम ने आरोपियों के पास से 5 लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत राशि भी बरामद की थी. वहीं, आज सोमवार को एसीबी की टीम ने पार्षद नरेंद्र मीणा और अन्य ठेकेदारों को अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया.

न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 5 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं. इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारी और नेताओं की भी मिलीभगत मिल रही है.

पढ़ें- Corruption Case In Alwar: नगर परिषद के कमिश्नर को सरकार ने किया APO, पार्षद और ठेकेदार 3 दिन की रिमांड पर

बता दें, प्रदेश सरकार में मंत्री टीकाराम जूली के करीबी पार्षद नरेंद्र मीणा को एसीबी की टीम ने पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. नरेंद्र मीणा नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. नरेंद्र मीणा मंत्री टीकाराम जूली एक ही सोसाइटी में रहते हैं. मंत्री का कामकाज और चुनाव की प्रक्रिया में सारा काम पार्षद नरेंद्र मीणा ने संभाला था. ऐसे में मंत्री पर भी सवाल उठने लगे हैं.

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कांग्रेस नेताओं पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप (Rajasthan Congress leaders accused of corruption) लगते रहे हैं. ऐसे में साफ है कि अलवर में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. अलवर नगर परिषद में कमिश्नर के पद पर तैनात कमलेश मीणा को सरकार ने एपीओ कर दिया है. उनका मुख्यालय जयपुर किया गया है. उनके जगह पर कोटपुतली के अधिशासी अभियंता फतेह सिंह मीणा को अलवर नगर परिषद का चार्ज दिया गया.

इस मामले में नगर परिषद के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है. नगर परिषद के नई चेयरमैन सहित अन्य लोगों की भी जांच पड़ताल चल रही है. लगातार एसीबी की टीम सभी के मोबाइल रिकॉर्ड खंगाल रही है. उनके बातचीत और अन्य चीजों को देखा जा रहा है. एसीबी के रडार पर अधिकारी और नेता है. देखना होगा कि आगे एसीबी की कार्रवाई में किन लोगों का नाम सामने आता है.

अजा क्या हुआ...
एसीबी की टीम ने पार्षद नरेंद्र मीणा व अन्य ठेकेदारों को सोमवार सुबह अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 5 मार्च तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है. एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं. इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारी व नेताओं की भी मिलीभगत मिल रही है.

जयपुर एसीबी की टीम ने अलवर नगर परिषद के पार्षद व मंत्री टीकाराम जूली के करीबी नरेंद्र मीणा को पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. इसके साथ ही एसीबी ने दो ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया है. दोनों ठेकेदार संजीव भार्गव व रमेश गुप्ता को भी गिरफ्तार किया. दोनों ठेकेदार नरेंद्र मीणा के लिए पैसे कलेक्शन का काम करते थे. एसीबी ने इस मामले में कई नेता व आईएएस अधिकारियों के भी शामिल होने की बात कही है.

एसीबी पूछताछ में सामने आया कि नरेंद्र मीणा अन्य जनप्रतिनिधि व कई अधिकारियों तक भी रिश्वत की राशि पहुंचाने का दावा करता था. इसके अलावा बातचीत में कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. नगर परिषद का एक एईएन भी इसमें शामिल है. एसीबी की टीम उससे भी पूछताछ कर रही है.

एसीबी की टीम ने तीनों लोगों को अलवर के ऐसे भी विशेष न्यायालय में पेश किया न्यायालय ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा था, जिसके बाद तीनों लोगों को सोमवार को फिर से एसीबी न्यायालय में पेश किया गया. जहां से न्यायालय ने तीनों लोगों को 5 मार्च तक जुडिशल कस्टडी में भेज दिया है. इस मामले में नरेंद्र मीणा की तरफ से वकील अशोक शर्मा न्यायालय में पैरवी करने के लिए पहुंचे. एसीबी ने कहा कि इस मामले में कई अन्य अधिकारियों व लोगों से पूछताछ की जा रही है.

नरेंद्र मीणा के वकील अशोक शर्मा ने कहा कि अभी तक इस मामले में आरोप साबित नहीं हुआ है. एसीबी के जांच अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने न्यायालय के समक्ष तीनों आरोपियों को ज्यूडिशियल कस्टडी पर भेजने के लिए कहा था. इस पर न्यायालय ने उनको जेसी भेज दिया है. इस मामले में अभी तक एफआईआर नहीं मिली है. एसीबी ने किन धाराओं में नरेंद्र मीणा और दोनों ठेकेदारों पर मामला दर्ज किया है. इन लोगों पर क्या आरोप लगाए हैं. एफआईआर सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई इस मामले में की जाएगी.

Last Updated : Feb 21, 2022, 5:02 PM IST
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