अलवर. जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तक जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 1000 के पास पहुंच गई है. जिसमें एक्टिव मरीजों की संख्या 569 है. यहीं हालात रहे तो आने वाले समय में कोरोना संक्रमण के और ज्यादा मामले सामने आने की संभावना है. अलवर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी अब फेल होता नजर आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सर्वे भी नहीं करवाया जा रहा है. पुलिस प्रशासन की तरफ से भी कोरोना पॉजिटिव वाले इलाकों में आंशिक कर्फ्यू भी नहीं लगाया जा रहा है.
प्रतिदिन करीब 50 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं. नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है. ऐसे में साफ है अलवर में कोरोना का विस्फोट हो चुका है. संक्रमण फैलने के कारण लोग एक दूसरे से संक्रमित हो रहे हैं. अलवर में प्रशासन के सभी दावे गलत साबित होते हुए नजर आ रहे हैं. अलवर में जिला कलेक्टर का पद खाली है. इसका असर कोविड-19 को लेकर प्रशासन के बंदोबस्त में दिख रहा है.
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अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिले में 800 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं. जबकि लॉकडाउन के दौरान पॉजिटिव मरीजों की संख्या 50 से भी कम थी. ऐसे में साफ है कि अलवर में प्रशासन के साथ लोगों की तरफ से भी सावधानी नहीं बरती जा रही है. अलवर सीमावर्ती जिला है इसलिए प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का अलवर में आना-जाना बना रहता है.
हरियाणा, उत्तर प्रदेश के हजारों लोग रोजगार के लिए अलवर आते हैं. जबकि अलवर के लोग दिल्ली और जयपुर जा रहे हैं. इसलिए तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. अलवर जिले में अब तक 944 कोरोना मरीज मिल चुके हैं. इसमें 569 मरीज एक्टिव हैं. सभी कोरोना पॉजिटिव अलवर के रहने वाले हैं.