अलवर. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर राजकीय राजीव गांधी अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में विश्व स्वास्थ्य दिवस पर रैली आयोजित की. जिले के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय से हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया गया. प्रमुख बात यह रही कि अलवर जिला कलेक्टर भी इस रैली में पूरे रास्ते साथ रहे. उन्होंने बाजार की हालात देखी और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने रात्रिकालीन कर्फ्यू की घोषणा की है और साप्ताहिक बाजार मंगलवार को बंद करने का एलान किया है जिससे कोरोना संक्रमण ना फैले.
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जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री की ओर से निरोगी काया रखने के लिए यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लागू की गई है. जिसका रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है. अलवर सहित राज्य में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसलिए सतर्क राजस्थान का नारा दिया गया है. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की ओर से निकाली गई रैली में सबसे बड़ी बात यह रही कि इसमें एक स्लोगन दिया गया है. बीमारी से डरें, टीके से ना डरें. लेकिन इसके विपरीत हो रहा है कि लोग बीमारी से नहीं डर रहे हैं बल्कि टीके से डर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि रास्ते में कई जगह देखा गया दुकानदार और ग्राहक बिना मास्क के बैठे हुए हैं. उन्होंने समझाइश भी की. नो मास्क, नो एंट्री, नो बिजनेस का नारा दिया गया. उन्होंने बताया कि कल से अगर लापरवाही बरती गई तो प्रतिष्ठानों को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों से टीकाकरण कराने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि जिनमें थोडा सा भी लक्षण है वे कोरोना की जांच कराएं. जांच रिपोर्ट नहीं आने तक स्वयं को होम क्वारंटाइन रखें और यह भी बताया कि जिले में अंतर राज्यीय सीमा पर 10 चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं. कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना कोविड रिपोर्ट के राजस्थान में प्रवेश नहीं कर सकता है.
लोक परिवहन और राजस्थान रोडवेज की बसों को भी निर्देशित किया गया है कि सवारियों के लिए मास्क की अनिवार्यता लागू करें. वरना रोडवेज बस में चालक और परिचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना वसूला जाएगा. शहर के केंडल गंज स्थित मदर टेरेसा के महिला आवास गृह में भोजन के लिए भारी भीड़ एकत्र थी थी. जिला कलेक्टर ने इसपर मदर टेरेसा संचालिका को निर्देशित किया कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जाए. अन्यथा भोजन की व्यवस्था को बंद करा दिया जाएगा.