अलवर. दिल्ली में लगातार किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं. कई बार पुलिस और किसान आमने-सामने हो चुके हैं. पुलिस द्वारा किसानों पर पानी और आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. इस प्रदर्शन की आग अब अलवर भी पहुंचने लगी है. अलवर में शाहजहांपुर के पास बड़ी संख्या में राजस्थान के किसान नेता रामपाल जाट के नेतृत्व में पहुंचे.
हालांकि पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. किसानों द्वारा महापंचायत करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में हरियाणा सीमा पर राजस्थान के विभिन्न शहरों से किसान पहुंचने लगे हैं. दूसरी तरफ अलवर सांसद बाबा बालक नाथ के घर के बाहर युवा कांग्रेस द्वारा धरना दिया गया.
इस दौरान कांग्रेसियों ने कहा कि सरकार कृषि कानून काला कानून है. सरकार को इस कानून को वापस लेना होगा. लगातार किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. देश के प्रधानमंत्री अब भी कृषि कानून को बेहतर कानून बता रहे हैं, जबकि इस कानून से मंडियों का कामकाज पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा. सरकार कुछ घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रही है.
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जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दीनबंधु शर्मा ने कहा जब यह बिल संसद में पास हुआ, उस समय अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ संसद में मौजूद थे. इसलिए सांसद के घर के बाहर धरना दिया जा रहा है. संसद को किसानों के हित में खड़े होकर किसानों की बात सरकार तक पहुंचा नहीं चाहिए. कृषि कानून एक काला कानून है. यह किसान व व्यापारियों के हित में नहीं है. सरकार को इसमें सुधार करना होगा या इस कानून वापस लेना होगा.