ETV Bharat / city

अलवरः 18 महीने बाद स्कूलों में पहुंचे बच्चों के चेहरे खिले, सरकारी स्कूलों में कक्षाएं हुए शुरू - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

अलवर में करीब डेढ़ साल बाद कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के स्कूल खुल गए हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा. बच्चों को कोई दिक्कत न हो, उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत परिजनों को सूचना दी जाएगी. स्कूल खुलने से बच्चों के अभिभावक व बच्चे खुश हैं.

अलवर न्यूज,Alwar news
अलवर में स्कूल खुले
author img

By

Published : Sep 27, 2021, 1:17 PM IST

अलवरः जिले में करीब डेढ़ साल बाद कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के बच्चे स्कूल पहुंचे. स्कूलों में पहुंचे बच्चों के चेहरे खिले हुए नजर आए. बच्चों का तिलक लगाकर स्कूल में स्वागत किया गया. तो वहीं रीट परीक्षा के चलते निजी स्कूलों ने कार्यक्रम में थोड़ा सा बदलाव किया है. अलवर के निजी स्कूल में पढ़ाई बुधवार से शुरू होगी. सरकारी स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे बच्चे खासे खुश हैं. तो वहीं अभिभावकों ने कहा कि अब बच्चों को मोबाइल से छुटकारा मिलेगा.

पढ़ें-जैसलमेर में स्कूल के पहले दिन ही बच्चों को सजा, मासूमों को चिलचिलाती धूप में ग्राउंड में बैठाया

स्कूलों में लौटी राैनक

18 महीने के लंबे अंतराल के बाद सोमवार से एक बार फिर स्कूलों में रौनक लौट आई. कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे स्कूल पहुचे हैं. यह बच्चे पिछले साल मार्च के बाद स्कूल नहीं आए थे.
अलवर के ग्रामीण स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे सुबह 8 बजे स्कूल पहुंच गए. स्कूल के मुख्य गेट पर स्टाफ के द्वारा सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बच्चों को क्लास रूम में बैठाया गया.

स्कूल की अध्यापिका इंदिरा मीणा ने बताया कि करीब 18 महीने बाद बच्चे स्कूल आए हैं. उनको सरकार के द्वारा दी गई गाइडलाइन की पालना करवाई जा रही है. फिलहाल बच्चे भोजन व पानी की बोतल अपने साथ ही लेकर आएंगे. अगर किसी बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो जाए तो मेडिकल व्यवस्था की सुविधा भी स्कूल में उपलब्ध है.डेढ़ साल से बच्चे अपने घरों में थे.ऑनलाइन क्लासेज चल रही थी जिसके चलते बच्चे व उनके अभिभावक खासे परेशान थे.

पढ़ें-CM गहलोत के भाई अग्रसेन की बढ़ी मुश्किलें, ED ने पूछताछ के लिए बुलाया दफ्तर

ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों को समझने में दिक्कत होती थी. साथ ही दिन भर मोबाइल देखने से बच्चों की आंखों पर खराब प्रभाव पड़ रहा था साथ ही अभिभावक और बच्चों को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा था. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा. बच्चों को कोई दिक्कत ना हो। उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत परिजनों को सूचना दी जाएगी. स्कूल खुलने से बच्चों के अभिभावक व बच्चे खुश दिखे. हालांकि, कुछ अभिभावकों ने कहा कि सरकार को जल्द ही बच्चों के भी वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था करनी चाहिए.

पीटीएम की रहेगी व्यवस्था

निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी अब पीटीएम कराई जाएगी. पीटीएम में बच्चों के अभिभावकों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करने व जागरूक करने का काम भी स्कूल प्रशासन व स्टाफ की तरफ से किया जाएगा. सरकारी स्कूल के स्टाफ ने बताया कि पीटीएम में बच्चों से जुड़ी हुई जानकारी के साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के बारे में भी विस्तार से अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी.

अलवरः जिले में करीब डेढ़ साल बाद कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के बच्चे स्कूल पहुंचे. स्कूलों में पहुंचे बच्चों के चेहरे खिले हुए नजर आए. बच्चों का तिलक लगाकर स्कूल में स्वागत किया गया. तो वहीं रीट परीक्षा के चलते निजी स्कूलों ने कार्यक्रम में थोड़ा सा बदलाव किया है. अलवर के निजी स्कूल में पढ़ाई बुधवार से शुरू होगी. सरकारी स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे बच्चे खासे खुश हैं. तो वहीं अभिभावकों ने कहा कि अब बच्चों को मोबाइल से छुटकारा मिलेगा.

पढ़ें-जैसलमेर में स्कूल के पहले दिन ही बच्चों को सजा, मासूमों को चिलचिलाती धूप में ग्राउंड में बैठाया

स्कूलों में लौटी राैनक

18 महीने के लंबे अंतराल के बाद सोमवार से एक बार फिर स्कूलों में रौनक लौट आई. कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे स्कूल पहुचे हैं. यह बच्चे पिछले साल मार्च के बाद स्कूल नहीं आए थे.
अलवर के ग्रामीण स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे सुबह 8 बजे स्कूल पहुंच गए. स्कूल के मुख्य गेट पर स्टाफ के द्वारा सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बच्चों को क्लास रूम में बैठाया गया.

स्कूल की अध्यापिका इंदिरा मीणा ने बताया कि करीब 18 महीने बाद बच्चे स्कूल आए हैं. उनको सरकार के द्वारा दी गई गाइडलाइन की पालना करवाई जा रही है. फिलहाल बच्चे भोजन व पानी की बोतल अपने साथ ही लेकर आएंगे. अगर किसी बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो जाए तो मेडिकल व्यवस्था की सुविधा भी स्कूल में उपलब्ध है.डेढ़ साल से बच्चे अपने घरों में थे.ऑनलाइन क्लासेज चल रही थी जिसके चलते बच्चे व उनके अभिभावक खासे परेशान थे.

पढ़ें-CM गहलोत के भाई अग्रसेन की बढ़ी मुश्किलें, ED ने पूछताछ के लिए बुलाया दफ्तर

ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों को समझने में दिक्कत होती थी. साथ ही दिन भर मोबाइल देखने से बच्चों की आंखों पर खराब प्रभाव पड़ रहा था साथ ही अभिभावक और बच्चों को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा था. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा. बच्चों को कोई दिक्कत ना हो। उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत परिजनों को सूचना दी जाएगी. स्कूल खुलने से बच्चों के अभिभावक व बच्चे खुश दिखे. हालांकि, कुछ अभिभावकों ने कहा कि सरकार को जल्द ही बच्चों के भी वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था करनी चाहिए.

पीटीएम की रहेगी व्यवस्था

निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी अब पीटीएम कराई जाएगी. पीटीएम में बच्चों के अभिभावकों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करने व जागरूक करने का काम भी स्कूल प्रशासन व स्टाफ की तरफ से किया जाएगा. सरकारी स्कूल के स्टाफ ने बताया कि पीटीएम में बच्चों से जुड़ी हुई जानकारी के साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के बारे में भी विस्तार से अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.