अलवर. नगर परिषद में एसीबी की कार्रवाई (ACB Big Action In Alwar) में नया मामला सामने आया है. नगर परिषद में संविदा पर तैनात होमगार्ड ने शुक्रवार रात को आत्महत्या (Home Guard Committed Suicide In Alwar) कर ली. मृतक के कमरे में जहर की शीशी भी मिली है. पुलिस ने बताया कि परमिंदर को नगर परिषद आयुक्त कमलेश मीणा और पार्षद नरेन्द्र मीणा के भ्रष्टाचार की जानकारी थी. मृतक के भाई ने बताया कि नगर परिषद में कार्रवाई के बाद से वो काफी परेशान था. वो केवल यही बताता था कि आयुक्त कमलेश मीणा और उसका सरकारी ड्राइवर जगदीश, पार्षद नरेंद्र मीणा के लोग और एक महिला पायल सैनी बहुत ज्यादा दबाव बना रहे हैं.
जब भी परिजनों ने इस संबंध में बात करनी चाही तो वो कहता था कि जीवित नहीं रहेगा. शुक्रवार दोपहर को वो घर आया और ड्यूटी की यूनिफॉर्म पहन कर चला गया. कुछ देर बाद वापस आया और ऊपर के कमरे में चला गया. उन्होंने दरवाजा बजाया, जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो दरवाजे को तोड़ कर देखा तो परमिंदर सिंह जहरीला पदार्थ पीकर पंखे पर लटका हुआ था. तुरंत ही परमिंदर को निजी अस्पताल ले जाया गया. वहां से सरकारी अस्पताल लेकर आए जहा डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
आज मृतक के शव का पोस्टमार्टम होना था लेकिन परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, पुलिस निष्पक्ष जांच का आश्वासन नहीं देगी और पीड़ित के परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी तब तक शव नहीं लेंगे. इस मामले में कई अधिकारियों पर भी आरोप लग रहे हैं. इस मामले ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार के खेल को उजागर कर दिया.
परिजनों ने लिखित में रिपोर्ट दी कि उसके भाई ने नगर परिषद आयुक्त कमलेश मीणा, उसके ड्राइवर जगदीश, पार्षद नरेन्द्र मीणा के लोग और एक महिला पायल सैनी, ठेकेदार के दबाव में धमकियों के कारण यह कदम उठाया है. कोतवाली थाने के एएसआइ अरुण शर्मा ने बताया कि परिजनों की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है.
परिजनों का रो रो कर बुरा हाल : मृतक की पत्नी और बेटी का रो-रो कर बुरा हाल है. पत्नी बार-बार बेहोश हो रही है वहीं परिवार के लोग उसको सांत्वना दे रहे हैं. परिजनों ने कहा कि परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं है. ऐसे में जीवन यापन में खासी परेशानी आएगी. मृतक के भाई ने कहा कि परिवार की आर्थिक हालत खराब है. ऐसे में नगर परिषद और सरकार को आर्थिक सहायता की मदद करनी चाहिए.
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भ्रष्टाचार का नया खेल : सरकार ने कमिश्नर कमलेश मीणा को बैक तारीख में हटाया है. ऐसे में साफ है कि सरकार और उसके आला अधिकारी कमलेश मीणा को बचाने में लगे हैं. इस मामले में कई अन्य अधिकारी और नेता के नाम भी सामने आ रहे हैं. लेकिन एसीबी की जांच अब थम चुकी है. अगर ठीक से जांच हो तो इस मामले में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं.