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अलवर के बाल आश्रम के हालातों को देख भड़की बाल राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, लगाई फटकार

अलवर में गुरुवार को बाल राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल और राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य वंदना व्यास ने जिले के बाल आश्रम और थानों का निरीक्षण किया. इस दौरान अध्यक्ष को थानों में व्यवस्थाएं बेहतर नहीं मिली. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए. छुटपुट मामलों में सजा काट रहे बच्चों को न्यायालय से जल्द से जल्द छुड़वाया जाए- संगीता बेनीवाल

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Published : Jan 14, 2021, 3:26 PM IST

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बाल आश्रम और जिले के थानों का बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया निरीक्षण

अलवर. बाल राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल और राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य वंदना व्यास ने अलवर के बाल आश्रम और कई थानों का निरीक्षण किया. इस दौरान सभी जगह पर अव्यवस्थाएं मिली. वहीं, संगीता बेनीवाल ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाते हुए हालात बेहतर करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ लोगों को मिले उसका प्रयास लगातार जारी है. अलवर के कई थानों में स्वागत कक्ष नहीं मिले हैं. साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी नहीं है. इसको लेकर पुलिस अधीक्षक से बातचीत की जाएगी.

बाल आश्रम और जिले के थानों का बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया निरीक्षण

बाल राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने अलवर में हसन खा मेवात नगर स्थित बाल आश्रम और सरकारी छात्रावास का निरीक्षण किया. सभी सभी जगह पर हालात बदहाल मिले. बाल आश्रम में कुछ बच्चे उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं. तो कुछ छोटे-मोटे मामलों में सजा काट रहे हैं. ऐसे में छुटपुट मामलों में सजा काट रहे बच्चों को न्यायालय से जल्द से जल्द छुड़वाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में प्रश्न ज्ञान लिया जाएगा.

न्यायालय के साथ होने वाली बैठक में मुद्दों को रखते हुए बच्चों को राहत दी जाएगी. साथ ही बाल आयोग के सभी छात्रावास और होटलों में रहने वाले बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिले उसके प्रयास लगातार जारी हैं. इनकी बेहतर मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके अलावा सरकार की योजनाओं के अनुसार सभी छात्रावासों को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा.

इस दौरान अध्यक्ष ने शिवाजी पार्क थाने का निरीक्षण किया. थाने में सरकार की योजना के अनुसार स्वागत कक्ष नहीं मिला. इसके अलावा थाने का रिकॉर्ड भी अधूरा था. इस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बातचीत करते हुए थानों के हालात सुधारने की बात कही.

पढ़ें- अलवर के सरपंचों ने गहलोत सरकार के खिलाफ लगाए नारे, श्रम मंत्री को सौंपा ज्ञापन

उन्होंने कहा कि बाल आश्रमों में कुछ बच्चे छोटे-मोटे मामलों में सजा काट रहे हैं. न्यायालय के समक्ष उनका पक्ष रखते हुए उनको रिहा कराया जाएगा. साथ ही जो बच्चे आगे पढ़ना चाहते हैं. उनकी पढ़ाई में मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे साइंस मैथ सहित अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके लिए बाल आयोग की तरफ से योजना बनाते हुए उनको हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

बच्चे की मौत पर लिया प्रसंज्ञान

बीते दिनों अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र स्थित एक गांव में बच्चे की बलि का मामला सामने आया था. इस मामले पर जमकर राजनीति हुई तो वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल आयोग की तरफ से इस मामले में प्रसंज्ञान दिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है और जवाब मांगा गया है.

अलवर. बाल राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल और राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य वंदना व्यास ने अलवर के बाल आश्रम और कई थानों का निरीक्षण किया. इस दौरान सभी जगह पर अव्यवस्थाएं मिली. वहीं, संगीता बेनीवाल ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाते हुए हालात बेहतर करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ लोगों को मिले उसका प्रयास लगातार जारी है. अलवर के कई थानों में स्वागत कक्ष नहीं मिले हैं. साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी नहीं है. इसको लेकर पुलिस अधीक्षक से बातचीत की जाएगी.

बाल आश्रम और जिले के थानों का बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया निरीक्षण

बाल राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने अलवर में हसन खा मेवात नगर स्थित बाल आश्रम और सरकारी छात्रावास का निरीक्षण किया. सभी सभी जगह पर हालात बदहाल मिले. बाल आश्रम में कुछ बच्चे उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं. तो कुछ छोटे-मोटे मामलों में सजा काट रहे हैं. ऐसे में छुटपुट मामलों में सजा काट रहे बच्चों को न्यायालय से जल्द से जल्द छुड़वाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में प्रश्न ज्ञान लिया जाएगा.

न्यायालय के साथ होने वाली बैठक में मुद्दों को रखते हुए बच्चों को राहत दी जाएगी. साथ ही बाल आयोग के सभी छात्रावास और होटलों में रहने वाले बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिले उसके प्रयास लगातार जारी हैं. इनकी बेहतर मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके अलावा सरकार की योजनाओं के अनुसार सभी छात्रावासों को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा.

इस दौरान अध्यक्ष ने शिवाजी पार्क थाने का निरीक्षण किया. थाने में सरकार की योजना के अनुसार स्वागत कक्ष नहीं मिला. इसके अलावा थाने का रिकॉर्ड भी अधूरा था. इस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बातचीत करते हुए थानों के हालात सुधारने की बात कही.

पढ़ें- अलवर के सरपंचों ने गहलोत सरकार के खिलाफ लगाए नारे, श्रम मंत्री को सौंपा ज्ञापन

उन्होंने कहा कि बाल आश्रमों में कुछ बच्चे छोटे-मोटे मामलों में सजा काट रहे हैं. न्यायालय के समक्ष उनका पक्ष रखते हुए उनको रिहा कराया जाएगा. साथ ही जो बच्चे आगे पढ़ना चाहते हैं. उनकी पढ़ाई में मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे साइंस मैथ सहित अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके लिए बाल आयोग की तरफ से योजना बनाते हुए उनको हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

बच्चे की मौत पर लिया प्रसंज्ञान

बीते दिनों अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र स्थित एक गांव में बच्चे की बलि का मामला सामने आया था. इस मामले पर जमकर राजनीति हुई तो वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल आयोग की तरफ से इस मामले में प्रसंज्ञान दिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है और जवाब मांगा गया है.

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