अलवर. जिले के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान डेढ़ साल के बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाया और मामला शांत कराया.
अलवर के किशनगढ़बास के रहने वाले ललित के डेढ़ साल के बेटे वंश की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद परिवार वालों ने इलाज के लिए बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया. बताया जा रहा है कि 22 अक्टूबर को बच्चे की प्लेटलेट्स 3 लाख 50 हजार के आसपास थी. जिसके बाद डॉक्टर्स ने बच्चे को दवाई देकर घर भेज दिया.
घर भेजने के बाद बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. इस पर परिजनों ने उसको वापस उसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टर्स ने दोबारा जांच की तो बच्चे की प्लेटलेट्स कम आई. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से प्लाज्मा की डिमांड की. और 72 घंटे में बच्चे की तबियत ठीक होने का आश्वासन दिया.
बुधवार शाम को अचानक डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की मौत हो गई है. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. परिजनों का कहना है कि अस्पताल केवल पैसे पर ध्यान दे रहा था. डॉक्टर्स ने 72 घंटे में हालात बेहतर होने की बात कही थी, लेकिन बच्चे की मौत हो गई.
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वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चा डेंगू पॉजिटिव था. 22 तारीख को जब जांच कराई थी तो उस समय प्लेटलेट्स ज्यादा थी. लेकिन अचानक बच्चे में प्लेटलेट्स कम होने लगी. बच्चे के परिजनों ने उसको किशनगढ़ बास में भी किसी डॉक्टर को दिखाया था वहां से अलवर भेजा. यहां हालत खराब होने पर बच्चे को प्लेटलेट्स चढ़ाई गई. लेकिन उसके बाद भी अचानक प्लेटलेट्स कम होने के कारण बच्चे की मौत हुई.