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Alwar Bribe Case : एसीबी ने आईएएस नन्नूमल और आरएएस सांखला के खिलाफ पेश की 4500 पन्नों की चार्जशीट - Bribe case against IAS Nannumal Pahadiya

रिश्वत के मामले में आईएएस नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा के खिलाफ एसीबी विशेष न्यायालय में 4500 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई (Chargesheet against IAS Nannumal Pahadiya and RAS Ashok Sankhla) है. गुरुवार को पेश इस चार्जशीट में तीनों के खिलाफ आरोप प्रमाणित माना गया है. चार्जशीट में 40 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं.

Chargesheet against IAS Nannumal Pahadiya and RAS Ashok Sankhla presented by ACB
एसीबी ने आईएएस नन्नूमल और आरएएस सांखला के खिलाफ पेश की 4500 पन्नों की चार्जशीट
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Published : Jun 16, 2022, 11:10 PM IST

अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को रिश्वत मामले में आईएएस नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा के खिलाफ एसीबी विशेष न्यायालय में 4500 पन्नों की चार्जशीट पेश (Chargesheet against IAS Nannumal Pahadiya and RAS Ashok Sankhla) की. 54 दिन की जांच के बाद पेश की गई चार्जशीट में एसीबी ने तीनों के खिलाफ आरोप प्रमाणित माना है. ऐसे में दोनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. इनकी जमानत याचिका पहले ही रद्द हो चुकी है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गत 23 अप्रैल को अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, सेटलमेंट ऑफिसर अशोक सांखला औरउनके दलाल नितिन शर्मा को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. वे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही फर्म के ठेकेदार से रिश्वत ली थी व ज्यादा रिश्वत मांगने के लिए दबाव बना रहे थे. इस मामले में एसीबी ने 54 दिन तक जांच पड़ताल की. जिसके बाद गुरुवार को विशिष्ट न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अलवर की विशिष्ट न्यायाधीश शिवानी सिंह के समक्ष 4500 पन्नों की चार्जशीट पेश की है.

पढ़ें: Alwar Bribe Case: रिश्वतखोर अफसर नन्नूमल पहाड़िया और अशोक सांखला निलंबित, आदेश जारी

एएसपी के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में चार्जशीट में 40 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए गए हैं. ट्रैप कार्रवाई की पूरी ट्रांसक्रिप्ट को शामिल किया गया है. इसके अलावा परिवादी से जुड़े हुए सभी दस्तावेजों भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं. एसीबी ने 24 अप्रैल को तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था. उसके बाद से तीनों ही आरोपी अलवर की केंद्रीय कारागार में बंद है. हाईकोर्ट से आईएएस व आरएएस की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. पहाड़िया 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. नन्नूमल की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही उनका अलवर से ट्रांसफर हो गया था, लेकिन रिलीव होने के बाद भी वो अलवर जिला कलक्टर के सरकारी बंगले में रह रहे थे.

अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को रिश्वत मामले में आईएएस नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा के खिलाफ एसीबी विशेष न्यायालय में 4500 पन्नों की चार्जशीट पेश (Chargesheet against IAS Nannumal Pahadiya and RAS Ashok Sankhla) की. 54 दिन की जांच के बाद पेश की गई चार्जशीट में एसीबी ने तीनों के खिलाफ आरोप प्रमाणित माना है. ऐसे में दोनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. इनकी जमानत याचिका पहले ही रद्द हो चुकी है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गत 23 अप्रैल को अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, सेटलमेंट ऑफिसर अशोक सांखला औरउनके दलाल नितिन शर्मा को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. वे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही फर्म के ठेकेदार से रिश्वत ली थी व ज्यादा रिश्वत मांगने के लिए दबाव बना रहे थे. इस मामले में एसीबी ने 54 दिन तक जांच पड़ताल की. जिसके बाद गुरुवार को विशिष्ट न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अलवर की विशिष्ट न्यायाधीश शिवानी सिंह के समक्ष 4500 पन्नों की चार्जशीट पेश की है.

पढ़ें: Alwar Bribe Case: रिश्वतखोर अफसर नन्नूमल पहाड़िया और अशोक सांखला निलंबित, आदेश जारी

एएसपी के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में चार्जशीट में 40 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए गए हैं. ट्रैप कार्रवाई की पूरी ट्रांसक्रिप्ट को शामिल किया गया है. इसके अलावा परिवादी से जुड़े हुए सभी दस्तावेजों भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं. एसीबी ने 24 अप्रैल को तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था. उसके बाद से तीनों ही आरोपी अलवर की केंद्रीय कारागार में बंद है. हाईकोर्ट से आईएएस व आरएएस की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. पहाड़िया 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. नन्नूमल की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही उनका अलवर से ट्रांसफर हो गया था, लेकिन रिलीव होने के बाद भी वो अलवर जिला कलक्टर के सरकारी बंगले में रह रहे थे.

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