अलवर. शहर के जेल परिसर में प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज बनने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 325 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत कर दिया है. केंद्र सरकार ने अलवर सहित प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेजों को खोलने की मंजूरी दी है.
मेडिकल कॉलेजों में साल 2020-21 से बैच प्रारम्भ करने की तैयारी की जा रही है. मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण के लिए जल्द से जल्द कार्य शुरु किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज शुरू होने से अलवर के लोगों को सुपर स्पेशलिटी सेवाएं मिल सकेंगी. वहीं डॉक्टर नर्सिंग कर्मियों की कमी भी दूर होगी. मेडिकल कॉलेज को राजीव गांधी सामान्य अस्पताल महिला अस्पताल में शिशु अस्पताल से जोड़कर चलाया जाएगा. मेडिकल कॉलेज के लिए 3 साल पहले गृह विभाग की एनओसी के बाद जेल परिसर में चिकित्सा शिक्षा के नाम से 4.50 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जा चुकी है. अलवर के अलावा प्रदेश में बारां, बांसवाड़ा चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, श्रीगंगानगर, सिरोही और बूंदी में मेडिकल कॉलेज मंजूर हुए हैं.
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जिला अस्पताल में 588 बेडों को मंजूरी मिली है. वहीं, अलवर के अस्पताल में 700 से अधिक बेड देखने को मिलेंगे. इन अस्पतालों की प्रतिदिन ओपीडी 3 हजार से अधिक होती है. अलवर के अस्पताल में अलवर के अलावा भरतपुर, दौसा और हरियाणा राज्य सहित आसपास के जिलों से मरीज इलाज के लिए आते हैं. गहलोत ने जुलाई में अलवर के मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी. इससे जिले के लोगों को मेडिकल कॉलेज की फिर से उम्मीद बंध गई है. चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से अगस्त माह में मेडिकल कॉलेज की डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी थी. जिससे मेडिकल कॉलेज को जल्द मंजूरी मिल सके. इसके लिए केंद्र सरकार ने सितंबर में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी. यह पूरी प्रक्रिया सरकार ने 3 माह में पूरी की है.