अलवर. जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के डोली गांव की जय कॉलोनी में शीतला माता के चबूतरे से माता की मूर्ति खंडित कर गायब करने से माहौल गरमा गया है. मामले में चश्मदीद महिला के पति बनवारी लाल (पुत्र-बुद्धाराम ब्राह्मण, निवासी-जय कॉलोनी, डोली गांव) ने समुदाय विशेष परिवार के 6 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है.
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शिकायतकर्ता बनवारी लाल ने रिपोर्ट में बताया कि शनिवार को उसकी पत्नी सरकारी सिवाय चक जमीन पर गोबर थेपने गई थी. यहां उन्होंने देखा कि डोली गांव के ही रहने वाले एक परिवार के कुछ लोग शीतला माता चबूतरे पर चढ़कर माता की मूर्ति को खंडित कर लेकर जा रहे थे. जब उन्हें टोका तो इन लोगों ने लाठी-डंडों से लैस होकर जान से मारने की धमकी दी. वहीं, धार्मिक भावनाओं से संबंधित मामले को देखते हुए थाना अधिकारी रामनिवास मीणा मौके पर पहुंचे और घटना को लेकर मौका मुआयना कर नामजद संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए थाना लेकर आए हैं.
पुलिस के मुताबिक मंदिर की मूर्ति खंडित कर ले जाने की रिपोर्ट मिली है. मौके पर चबूतरा जैसा क्षतिग्रस्त स्थान है. यहां से मूर्ति हटाई गई है, इसके कोई ताजा सबूत नहीं है. पूजन होने के कुछ पुराने सबूत मौके पर हैं. गांव वालों ने विवाह के बाद पूजन के कुछ फोटोग्राफ दिखाएं हैं, जिसमें एक मूर्ति दिखाई दे रही है. पूछताछ के लिए कुछ संदिग्धों को लाया गया है.
ग्रामीण भोलाराम शर्मा, नंदकिशोर, राजेंद्र शर्मा हेतराम और ख्यालीराम शर्मा ने बताया कि आरोपी लंबे समय से मंदिर के चबूतरे को नष्ट कर मंदिर होने के सबूत मिटाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन गांव के लोगों का मंदिर पर आना जाना नहीं होने के कारण इसका पता नहीं लग पाया था. लेकिन, पता चलने के बाद शनिवार को मंदिर होने के सबूत मिटाने का प्रयास किया गया.
क्षतिग्रस्त है शीतला माता चबूतरा
शीतला माता के जिस चबूतरे से माता की मूर्ति को खंडित कर गायब करना बताया गया है. यह चबूतरा काफी पुराना एवं पूरी तरह क्षतिग्रस्त है. ग्रामीणों के अनुसार गांव से 200 मीटर दूर सरकारी जमीन पर स्थित माता के इस पुराने मंदिर पर आमतौर पर केवल होली, बासोडा या विवाह के अवसर पर ही ग्रामीण महिलाएं पूजने के लिए जाती हैं. शेष दिन यहां कोई नहीं जाता है. ऐसे में देखरेख के अभाव में माता का ये चबूतरा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था. इस पर माता की मूर्तिनुमा आकृति का पत्थर रखा हुआ था. ऐसे में आरोप है कि कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने के लिए मूर्ति के उठा ले गए.