अलवर. आरटीओ कार्यालय में दलालों का कब्जा रहता है. आए दिन दलालों पर फर्जीवाड़े के कई गंभीर आरोप लगे हैं. परिवहन विभाग के उच्च अधिकारी भी दलालों की सक्रियता पर सवाल उठा चुके हैं. अलवर पुलिस बीते कई दिनों से अलवर आरटीओ कार्यालय पर नजर रख रही थी.
इस दौरान पुलिसकर्मी बोगस ग्राहक बनकर दलालों के पास पहुंचे. दलालों ने पुलिसकर्मियों से लाइसेंस आरसी के 1,500 रुपए लिए. इस फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद पुलिस और क्यूआरटी की छह टीम बनाई गई. उसके बाद एक साथ दलालों के ठिकानों पर छापे मारे गए और आरटीओ कार्यालय में भगदड़ मच गई. पुलिस ने दलालों के पास मौजूद दस्तावेज जप्त कर लिए. ऐसे में उनके पास कई कंप्यूटर, स्कैनर कार्ड और चिप दस्तावेज पाए गए, जिनकी जांच पड़ताल की जा रही है. साथ ही पकड़े गए लोगों से पूछताछ भी चल रही है.
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पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा कि दलाल अंकतालिका और लाइसेंस सहित कई दस्तावेज मिनट में फर्जी तैयार कर देते हैं. जांच पड़ताल में पता चला कि आरटीओ विभाग में दलालों की पूरी चयन काम कर रही है. निचले स्तर के दौरान उच्च स्तरीय दलाल तक पहुंचाने का काम करते हैं. यह सब काम आरटीओ कार्यालय के बाहर खुलेआम चल रहा है.
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पुलिस की कार्रवाई अलवर में चर्चा का विषय बनी हुई है. पकड़े गए फर्जीवाड़े के हिसाब से बड़ी संख्या में फर्जी लाइसेंस आरसीबी अन्य दस्तावेज बने होने का अनुमान लगाया जा रहा है. साथ ही बाजार में ड्राइविंग लाइसेंस आरसी पर लगने वाली चिप और अन्य दस्तावेज भी आसानी से मिल रहे हैं. दलालों के पास कॉलेज प्राचार्य पर पड़े अधिकारियों की मुहर भी हैं. यह मोहर और फर्जी अंकतालिका बनाने के साथ अन्य जगह भी काम आती है. पुलिस की जांच पड़ताल में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है. पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा कि पूरे मामले की जांच पड़ताल चल रही है. जल्द ही इस मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.