ETV Bharat / city

जीता हुआ चुनाव कैसे हार गई भाजपा, अभी तक बना हुआ है सवाल - alwar election result

अलवर नगर परिषद में भाजपा को सबसे ज्यादा मुंह की खानी पड़ी है. सभापति के चुनाव से पहले भाजपा की तरफ से पर्याप्त बहुमत होने के दावे किए जा रहे थे. क्रॉस वोटिंग ने भाजपा का गढ़ ढहा दिया.

अलवर न्यूज, अलवर नगर परिषद,अलवर में भाजपा, क्रॉस वोटिंग, निकाय चुनाव, सभापति, alwar news, local body elections, alwar election result, BJP in alwar
अलवर में जीता हुआ चुनाव हारी भाजपा
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 9:58 AM IST

Updated : Nov 29, 2019, 10:26 AM IST

अलवर. जिले में जीता हुआ चुनाव भी भाजपा हार गई है. निकाय चुनाव में सभापति और अध्यक्ष पद के चुनाव में बहुमत के दावों के बाद भी भाजपा अलवर, भिवाड़ी व थानागाजी में से एक भी जगह पर अपना बोर्ड नहीं बना पाई. जबकि भाजपा के नेता सभी जगह पर बोर्ड बनाने का दावा कर रहे थे. ऐसे में क्रॉस वोटिंग ने भाजपा का गढ़ ढहा दिया है.

अलवर में जीता हुआ चुनाव हारी भाजपा

अलवर नगर परिषद में भाजपा को सबसे ज्यादा मुंह की खानी पड़ी है. सभापति के चुनाव से पहले भाजपा की तरफ से पर्याप्त बहुमत होने के दावे किए जा रहे थे. भाजपा की कैंपेनिंग में 34 पार्षदों को रखा गया था. लेकिन उनमें से केवल 28 पार्षदों ने भाजपा को वोट दिया, जबकि 6 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए कांग्रेस को वोट दिया.

यह भी पढ़ें- राजस्थान के 15वीं विधानसभा के तीसरे सत्र में रोचक संयोग, पहली बार भाजपा और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एक साथ रहे मौजूद

ऐसे में भाजपा में अब यह सवाल बना हुआ है कि आखिर किस पार्षद ने क्रॉस वोटिंग की है. हालांकि पार्टी के कुछ नेता आशंका भी जता रहे हैं. लेकिन अभी तक खुले तौर पर किसी का भी नाम सामने नहीं आया है. भाजपा के खेमे की बात करें तो 6 पार्षदों की ओर से क्रॉस वोटिंग की बात सामने आई है, तो वहीं इनके अलावा भी कुछ पार्षदों द्वारा क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है. कांग्रेसियों में भी चार पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कराने के प्रयास किए थे.

हालांकि पार्टी के नेता अभी तक कह रहे हैं कि क्रॉस वोटिंग करने वाले लोग चिन्हित नहीं हुए हैं लेकिन भाजपा की किरकिरी अलवर के कारण पूरे प्रदेश भर में हुई है. क्योंकि अलवर में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था. ऐसे में भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी.

निकाय चुनाव में हुए जिला परिषद जैसे हालात ...

जिला परिषद में भी इसी तरह के हालात देखने को मिले थे. भाजपा के पास जिला प्रमुख बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत था लेकिन उसके बाद भी क्रॉस वोटिंग हुई और कांग्रेस का जिला प्रमुख बना. उस समय भी काफी भाजपाइयों पर गाज गिरने की बात सामने आ रही थी लेकिन कुछ समय बाद मामला शांत हुआ और सभी ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया. कांग्रेस का बोर्ड बनने से भाजपा आलाकमान तक अलवर की घटना का जिक्र पहुंच चुका है. ऐसे में देखना होगा कि कब तक यह क्रॉस वोटिंग का सवाल बना रहता है.

अलवर. जिले में जीता हुआ चुनाव भी भाजपा हार गई है. निकाय चुनाव में सभापति और अध्यक्ष पद के चुनाव में बहुमत के दावों के बाद भी भाजपा अलवर, भिवाड़ी व थानागाजी में से एक भी जगह पर अपना बोर्ड नहीं बना पाई. जबकि भाजपा के नेता सभी जगह पर बोर्ड बनाने का दावा कर रहे थे. ऐसे में क्रॉस वोटिंग ने भाजपा का गढ़ ढहा दिया है.

अलवर में जीता हुआ चुनाव हारी भाजपा

अलवर नगर परिषद में भाजपा को सबसे ज्यादा मुंह की खानी पड़ी है. सभापति के चुनाव से पहले भाजपा की तरफ से पर्याप्त बहुमत होने के दावे किए जा रहे थे. भाजपा की कैंपेनिंग में 34 पार्षदों को रखा गया था. लेकिन उनमें से केवल 28 पार्षदों ने भाजपा को वोट दिया, जबकि 6 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए कांग्रेस को वोट दिया.

यह भी पढ़ें- राजस्थान के 15वीं विधानसभा के तीसरे सत्र में रोचक संयोग, पहली बार भाजपा और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एक साथ रहे मौजूद

ऐसे में भाजपा में अब यह सवाल बना हुआ है कि आखिर किस पार्षद ने क्रॉस वोटिंग की है. हालांकि पार्टी के कुछ नेता आशंका भी जता रहे हैं. लेकिन अभी तक खुले तौर पर किसी का भी नाम सामने नहीं आया है. भाजपा के खेमे की बात करें तो 6 पार्षदों की ओर से क्रॉस वोटिंग की बात सामने आई है, तो वहीं इनके अलावा भी कुछ पार्षदों द्वारा क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है. कांग्रेसियों में भी चार पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कराने के प्रयास किए थे.

हालांकि पार्टी के नेता अभी तक कह रहे हैं कि क्रॉस वोटिंग करने वाले लोग चिन्हित नहीं हुए हैं लेकिन भाजपा की किरकिरी अलवर के कारण पूरे प्रदेश भर में हुई है. क्योंकि अलवर में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था. ऐसे में भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी.

निकाय चुनाव में हुए जिला परिषद जैसे हालात ...

जिला परिषद में भी इसी तरह के हालात देखने को मिले थे. भाजपा के पास जिला प्रमुख बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत था लेकिन उसके बाद भी क्रॉस वोटिंग हुई और कांग्रेस का जिला प्रमुख बना. उस समय भी काफी भाजपाइयों पर गाज गिरने की बात सामने आ रही थी लेकिन कुछ समय बाद मामला शांत हुआ और सभी ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया. कांग्रेस का बोर्ड बनने से भाजपा आलाकमान तक अलवर की घटना का जिक्र पहुंच चुका है. ऐसे में देखना होगा कि कब तक यह क्रॉस वोटिंग का सवाल बना रहता है.

Intro:अलवर
अलवर में जीतेगा चुनाव भाजपा हार चुकी है। निकाय चुनाव में सभापति व अध्यक्ष पद के चुनाव में बहुमत के दावों के बाद भी भाजपा अलवर, भिवाड़ी व थानागाजी में से एक भी जगह पर अपना बोर्ड नहीं बना पाई। जबकि भाजपा के नेता सभी जगह पर बोर्ड बनाने का दावा कर रहे थे। ऐसे में क्रॉस वोटिंग ने भाजपा का गड ढहा दिया है।


Body:अलवर नगर परिषद में भाजपा को सबसे ज्यादा मुंह की खानी पड़ी है। सभापति के चुनाव से पहले भाजपा की तरफ से पर्याप्त बहुमत होने के दावे किए जा रहे थे। भाजपा की कैंपेनिंग में 34 पार्षदों को रखा गया था। लेकिन उनमें से केवल 28 पार्षदों ने भाजपा को वोट दिया। जबकि 6 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए कांग्रेस को वोट दिया। ऐसे में भाजपा के अंदर अब यह सवाल बना हुआ है कि आखिर किस पार्षद ने क्रॉस वोटिंग की है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता आशंका जता रहे हैं। लेकिन अभी तक खुले तौर पर किसी का नाम सामने नहीं आया है। भाजपा के खेमे की बात करें तो 6 पार्षदों की ओर से क्रॉस वोटिंग की चीजें सामने आ रही है। तो वही इनके अलावा भी कुछ पार्षदों द्वारा क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है। कांग्रेसियों में भी चार पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कराने के प्रयास किए थे।


Conclusion:हालांकि पार्टी के नेता अभी तक कह रहे हैं कि क्रॉस वोटिंग करने वाले लोग चिन्हित नहीं हुए हैं। लेकिन भाजपा की किरकिरी अलवर के अलावा पूरे प्रदेश भर में हुई है। क्योंकि अलवर में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था। ऐसे में भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी। लेकिन कांग्रेस का बोर्ड बनने से भाजपा आलाकमान तक अलवर की घटना का जिक्र पहुंच चुका है। ऐसे में देखना होगा कि कब तक यह क्रॉस वोटिंग का सवाल बना रहता है।


जिला परिषद जैसे हालात हुए निकाय चुनाव में
जिला परिषद में इसी तरह के हालात देखने को मिले थे। भाजपा के पास जिला प्रमुख बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत था। लेकिन उसके बाद भी क्रॉस वोटिंग हुई व कांग्रेस का जिला प्रमुख बना। उस समय भी काफी भाजपाइयों पर गाज गिरने की बात सामने आ रही थी। लेकिन कुछ समय बाद मामला शांत हुआ और सभी ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया।
Last Updated : Nov 29, 2019, 10:26 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.