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स्पेशल रिपोर्ट: फरार 'पपला' के पीछे-पीछे पुलिस... एक महीने बाद भी नहीं आया हाथ

राजस्थान पुलिस के माथे पर लगा कलंक अभी एक माह बीतने के बाद भी नहीं धुला. इस कलंक के साथ-साथ खाकी वर्दी पर लगा मिलीभगत का वो दाग भी और शर्मसार कर देने वाला है. ये सब दिया है हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने. 6 सितंबर को एके-47 के अंधाधुंध फायरिंग करके बहरोड़ थाने से फरार हुए पपला गुर्जर के पीछे-पीछे पूरी एसओजी और पुलिस फोर्स है. लेकिन पपला पुलिस के हर चक्रव्यू को तोड़ता हुआ, अभी भी पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर है.

Papla Gurjar, Bahror police thana, फरार पपला गुर्जर, बहरोड़ पुलिस थाने से भागा पपला गुर्जर
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Published : Oct 6, 2019, 7:50 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 8:40 PM IST

अलवर. राजस्थान में संभवतय ऐसा पहला मामला था. जो एके-47 के दम पर लॉकअप से बदमाश को छुड़ाकर ले गए. ये वो घटना थी जिसने राजस्थान पुलिस के इकबाल को ध्वस्त कर दिया. इस वारदात के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. बीते 6 सितंबर को दिन दहाड़े हुई बहरोड़ थाने में फायरिंग कांड ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी. दो राज्यों के लिए सिरदर्द बन चुका हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खेरौली गांव का मोस्ट वांटेड अपराधी विक्रम उर्फ पपला अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. बहरोड़ थाना फायरिंग मामले में पुलिस अभी तक पपला गैंग से संबंध रखने वाले करीब 21 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें 10 आरोपी ऐसे है जिन पर 50-50 हजार का इनाम है. लेकिन मुख्य सरगना पपला गुर्जर का अभी भी कोई अता-पता नहीं है...नीचे दिए वीडियो लिंक में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

(पार्ट-1) बहरोड़ थाने में फायरिंग से लेकर पपला की फरारी तक..देखिए स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- बाड़मेर में RTI एक्टिविस्ट की संदिग्ध अवस्था में मौत, पूरा थाना लाइन हाजिर

दरअसल, 6 सिंतबर तड़के 3 बजे पपला गुर्जर को स्कॉर्पियो गाड़ी और करीब कैश 32 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था और जिसके बाद तड़के 4 बजे पुलिस पपला को बहरोड़ थाना लेकर आई. सुबह करीब 9 बजे पपला के साथी उसे थाने से छुड़ा ले गए. महज 7 मिनट में इस पूरी घटना को फिल्मी स्टाइल में अंजाम दिया. हरियाणा से ताल्लुक रखने वाला बदमाश राजस्थान पुलिस पर एके-47 से फायरिंग करके भाग खड़े हुए. संभवत ये प्रदेश में पहला मामला था. इस वारदात ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की कलई खोलकर कर दी. घटना के बाद अलवर सहित पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. उसके बाद 6 सिंतबर से लेकर अब तक क्या हुआ तारीख वार जानिए पुलिस ने पपला गुर्जर को पकड़ने के लिए क्या-क्या कार्रवाई की सिलसिलेवार जानिए नीचे दिए गए वीडियो लिंक के जरिए...

(पार्ट-2) पुलिस ने पपला गुर्जर को पकड़ने के लिए क्या-क्या कार्रवाई की देखिए स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- अलवर में युवक को पहले फेसबुक पर दी धमकी, फिर कर दी थी फायरिंग, अब पकड़े गए तीनों आरोपी

बहरोड़ पुलिस पर गैंगस्टर से मिलीभगत का आरोप
पपला गुर्जर की फरारी के साथ-साथ राजस्थान पुलिस की खाकी की भी शर्मनाक करतूत सामने आई. बहरोड़ थाने में फायरिंग करके भागे पपला गुर्जर की घटना के बाद बहरोड़ पुलिस को भी कठघरे में खड़ा किया गया. पुलिस पर आरोप था कि बहरोड़ थाने की लॉकअप ब्रेककांड की रणनीति थाने की एक कोठरी में रची गई. रातभर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. यही नहीं, पुलिस, गैंगस्टर पपला का सही नाम व पता भी नहीं उगलवा सकी. इसके पहले पपला की गैंग के बदमाश शुक्रवार सुबह, 6 सितंबर को बहरोड़ थाने में अंधाधुंध फायरिंग कर हवालात तोड़कर भगाकर ले गए. इसके बाद अभी तक गैंगस्टर पपला गुर्जर का पता नहीं चला है. वहीं एसओजी की गिरफ्त में आया पपला के गुर्गे ने पुलिस की मिलीभगत को उजागर किया. दिनेश गुर्जर ने एसओजी को बताया कि फायरिंग की खबर बहरोड़ पुलिस को पता थी.

पढ़ें- आनंदपाल के भाई विक्की को अलवर जेल में किया शिफ्ट, पपला गैंग के 4 बदमाश भी हैं यहां बंद, बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था​​​​​​​

पपला गिरोह के सदस्यों का पुलिस ने निकाला जुलूस, अबतक पुलिस के शिकंजे से बाहर पपला
उधर, घटना को 16 दिन से ज्यादा बीत गए तो पुलिस ने नया पैंतरा आजमाया बहरोड़ में लोगों के दिलों से बदमाश का भय खत्म करने के लिए भरी सड़कों पर अंत वस्त्र पहने और हथकड़ी लगे आरोपियों को मुख्य बाजार में घुमाया. बहरोड़ पुलिस ने इसे शिनाख्ती परेड नाम दिया. पपला को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं. संदिग्ध अपराधियों की धर-पकड़ जारी है. इस मामले में अभी पपला और उसके 4-5 साथियों की तलाश जारी है. फिलहाल पपला को फरार हुए एक महीने के करीब हो गया है. लेकिन पुलिस पपला गुर्जर तक पहुंचने में असफल साबित हुई है.

अलवर. राजस्थान में संभवतय ऐसा पहला मामला था. जो एके-47 के दम पर लॉकअप से बदमाश को छुड़ाकर ले गए. ये वो घटना थी जिसने राजस्थान पुलिस के इकबाल को ध्वस्त कर दिया. इस वारदात के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. बीते 6 सितंबर को दिन दहाड़े हुई बहरोड़ थाने में फायरिंग कांड ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी. दो राज्यों के लिए सिरदर्द बन चुका हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खेरौली गांव का मोस्ट वांटेड अपराधी विक्रम उर्फ पपला अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. बहरोड़ थाना फायरिंग मामले में पुलिस अभी तक पपला गैंग से संबंध रखने वाले करीब 21 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें 10 आरोपी ऐसे है जिन पर 50-50 हजार का इनाम है. लेकिन मुख्य सरगना पपला गुर्जर का अभी भी कोई अता-पता नहीं है...नीचे दिए वीडियो लिंक में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

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(पार्ट-2) पुलिस ने पपला गुर्जर को पकड़ने के लिए क्या-क्या कार्रवाई की देखिए स्पेशल रिपोर्ट

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बहरोड़ पुलिस पर गैंगस्टर से मिलीभगत का आरोप
पपला गुर्जर की फरारी के साथ-साथ राजस्थान पुलिस की खाकी की भी शर्मनाक करतूत सामने आई. बहरोड़ थाने में फायरिंग करके भागे पपला गुर्जर की घटना के बाद बहरोड़ पुलिस को भी कठघरे में खड़ा किया गया. पुलिस पर आरोप था कि बहरोड़ थाने की लॉकअप ब्रेककांड की रणनीति थाने की एक कोठरी में रची गई. रातभर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. यही नहीं, पुलिस, गैंगस्टर पपला का सही नाम व पता भी नहीं उगलवा सकी. इसके पहले पपला की गैंग के बदमाश शुक्रवार सुबह, 6 सितंबर को बहरोड़ थाने में अंधाधुंध फायरिंग कर हवालात तोड़कर भगाकर ले गए. इसके बाद अभी तक गैंगस्टर पपला गुर्जर का पता नहीं चला है. वहीं एसओजी की गिरफ्त में आया पपला के गुर्गे ने पुलिस की मिलीभगत को उजागर किया. दिनेश गुर्जर ने एसओजी को बताया कि फायरिंग की खबर बहरोड़ पुलिस को पता थी.

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पपला गिरोह के सदस्यों का पुलिस ने निकाला जुलूस, अबतक पुलिस के शिकंजे से बाहर पपला
उधर, घटना को 16 दिन से ज्यादा बीत गए तो पुलिस ने नया पैंतरा आजमाया बहरोड़ में लोगों के दिलों से बदमाश का भय खत्म करने के लिए भरी सड़कों पर अंत वस्त्र पहने और हथकड़ी लगे आरोपियों को मुख्य बाजार में घुमाया. बहरोड़ पुलिस ने इसे शिनाख्ती परेड नाम दिया. पपला को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं. संदिग्ध अपराधियों की धर-पकड़ जारी है. इस मामले में अभी पपला और उसके 4-5 साथियों की तलाश जारी है. फिलहाल पपला को फरार हुए एक महीने के करीब हो गया है. लेकिन पुलिस पपला गुर्जर तक पहुंचने में असफल साबित हुई है.

Intro:बीते 6 सितंबर को दिन दहाड़े हुई बहरोड़ थाने में फायरिंग कांड ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी । दो राज्यों के लिए सिरदर्द बन चुका हरियाण के महेंद्रगढ़ के खेरौली गांव का मोस्ट वांटेड अपराधी विक्रम उर्फ पपला आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है । बहरोड़ थाना फायरिंग मामले में पुलिस अभी तक पपला गैंग से संबंध रखने वाले करीब 21 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिनमें 10 आरोपी ऐसे हैं जिन पर 50-50 हजार का इनाम है ... मुख्य सरगना अभी भी फरार है ।Body:घटनाक्रम-
6 सितंबर की सुबह करीब 9 बजे दो गाड़ियों में भर कर आये 25-30 हथियारबंद लोगों ने बेहरोड़ थाने में धावा बोल दिया ... AK-47 से फायरिंग करते हुए थाने में जा घुसे और लॉकप तोड़कर विक्रम उर्फ पपला को छुड़ा ले गए । यब सब बिलकुल किसी फिल्मी सीन की तरह हो रहा था आरोपी पूरी तैयारी से आए थे और महज 7 मिनिट में ही घटना को अंजाम देकर रफू चक्कर हो गए सभी आरोपियों ने अपने शरीर में चिकना पदार्थ लगा रखा था (तेल) ताकि पकड़े जाने का खतरा कम रहे ।
पुलिस ने 6 सितंबर के तड़के 3 बजे गस्त के दौरान विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को स्कॉर्पियो गाड़ी एवं करीब 32 लाख (31 लाख 90 हजार) रुपए कैश के साथ गिरफ्तार किया था पुलिस को स्कॉर्पियो में तीन अलग-अलग नंबरो की नंबर प्लेट  भी मिली थी । जांच में पता चला की पपला गिरोह जिस राज्य में जाता था उस राज्य की नंबर प्लेट गाड़ी में लगा लेता था । पुलिस के हाथ घटना का एक सीसीटीवी फुटेज लगा था जिसमें आरोपी स्कॉरपियो गाड़ी लूटकर भागते हुए नजर आ रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस ने नाकेबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी ।
पुलिस ने अब तक क्या किया-
घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया राजस्थान पुलिस के डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने बहरोड़ थाने का दौरा कर पुलिस स्टॉफ को फटकार लगाई और बहरोड़ थाने में पदस्थ थाना प्रभारी सहित 7 लोगों को सस्पेंड कर दिया है । मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान एवं हरियाणा पुलिस ने  पपला गुर्जर से संबंधित जानकारी एक दूसरे से साझा कर इलाके की नाकाबंदी एवं सर्च ऑपरेशन चलाया  । 7 सितंबर को राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस ने 13 जगहों पर छापेमारी कर पांच लोगों को हिरासत में लिया हलांकि पुलिस घटना के 27 घंदे बाद तक गोलीकांड में शामिल किसी भी आरोपी को नहीं पकड़ सकी थी । 8 सितंबर को डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने बेहरोड़ पुलिस की क्लास लगाते हुए आरोपियो को जल्द से जल्द पकड़ने की बात कही थी । पुलिस की सक्रियता के चलते पपला गिरोह के सदस्यों के पकड़े जाने का सिलसिला शुरू हुआ और 10 सितंबर तक पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया ।  लेकिन अभी भी पपला पुलिस की गिरफ्त से बाहर था 12 सितंबर को राजस्थान पुलिस की डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने विक्रम उर्फ पपला गुरजर पर 1 लाख रूपए का ईनाम घोषित किया इसके साथ पपला गिरोह के 7 और आरोपियों पर 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया घटना के 15 दिन बीत जाने के बाद एडीजी, एसओजी और एटीएस के अधिकारियों ने पपला गुर्जर मामले से जुड़े अधिकारियों के साथ क्राइम की बैठक ली और पपला गुर्जर को गिरफ्तार करने की रणनीति पर चर्चा की साथ ही मीडिया से बात करते हुए पपला के जल्द पकड़े जाने की उम्मीद जताई ।

पुलिस पर आरोप-
बहरोड़ थाने  की लॉकअप ब्रेककांड की रणनीति थाने की एक कोटरी में रची गई और मामले में जब पुलिसकर्मियों ने सौदेबाजी के लिए हिस्ट्रीशीटर बदमाश और वर्तमान जखराना का सरपंच विनोद स्वामी को थाने में बुलाया और उससे सौदेबाजी की गई लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसे ईसारा कर दिया और बाद में फोन से उसको सारी सूचनाएं और रणनीतिक जानकारी थाने से दी गई और बदमाश को डाक्टर कुलदीप और महाकाल की गैंग छुड़ा कर ले गए ! बहरोड़ थाने में पुलिस की लापरवाही मिलीभगत का खेल के चलते बदमाश विक्रम उर्फ पपला को फायरिंग करते हुए लॉकअप को तोड़कर छुड़ा कर फरार हो गए ! पुलिस की टीम रात को करीब एक बजे विक्रम पपला को पकड़ कर थाने में लेकर आई और जहाँ पुलिस ने उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम साहिल बताया और बुआ के प्लाट की रजिस्ट्री करवाने के लिए पैसे लेकर आने की बात कहीं ! इस दौरान पुलिस ने रोजनामचे में कोई रिपोर्ट नहीं डाली और ! पुलिस थाने से डॉक्टर कुलदीप की गैंग के सदस्य को फोन कर सौदेबाजी के लिए थाने बुलाया गया ! लेकिन इस दौरान जब मामला बिगड़ गया और एसएचओ ने बड़ा मामले होने से इस ममले में जप्त राशि को सुबह सात-आठ बजे के करीब ड्यूटी ऑफिसर की वापसी पर रोजनामचे में पुलिस एक्ट 38 के तहत 31 लाख 90 हजार की राशी जप्त दिखा कर रपट रोजनामचे में डाल दी जिसमे आरोपी के द्वारा अपना नाम साहिल बताया था वही नाम रोजनामचे में ड़ाल दिया ! जबकि जिस पुलिसकर्मी ने सौदेबाजी के लिए कुलदीप गैंग के गुर्गो और जखराना ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच और बहरोड़ थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश विनोद स्वामी को थाने में बुलाया था और विनोद स्वामी थाने में अपने साथी कैलाश चंद के साथ आया और मामला पैसे अधिक मांगने के चलते नहीं बन पाइ  और बात बिगड़ने के बाद वे वापिस चले गए और इसके बाद पुलिसकर्मी के इसारे पर पूरी गैंग को करीब 9 के हथियारों के साथ बहरोड़ थाने में ऐके 47 जैसी राइफल और अत्याधुनक हथियारों अटैक करती हुई पपला को छुड़ाकर ले गए !
पुलिस ऑनलाइन रोजनामचा और आमद और रवानगी करती है लेकिन इस केस में एकबार फिर साबित हो गया है की पुलिस ऑनलाइन प्रिक्रिया का अलवर जिले में कैसे धड़ल्ले से मखौल उड़ा रही है !  पीटीसी हंसराज बहरोड़ अलवरConclusion:बहरोड़ थाने में पुलिस की लापरवाही मिलीभगत का खेल के चलते बदमाश विक्रम उर्फ पपला को फायरिंग करते हुए लॉकअप को तोड़कर छुड़ा कर फरार हो गए ! पुलिस की टीम रात को करीब एक बजे विक्रम पपला को पकड़ कर थाने में लेकर आई और जहाँ पुलिस ने उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम साहिल बताया और बुआ के प्लाट की रजिस्ट्री करवाने के लिए पैसे लेकर आने की बात कहीं

पपला गिरोह के सदस्यों का पुलिस ने निकाला जुलूस-
बहरोड क्षेत्र में फैल रहे आतंक और दहसत को लोगो के मन से निकालने के उद्देश्य से पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में पपला गिरोह में पकड़े गए आरोपियों का जुलूस निकाला बहरोड़ पुलिस ने इसे शिनाख्ती परेड नाम दिया ।
 
पुलिस पर लगे आरोपियों का सहयोग करने के आरोप-
आरोपियों ने जिस तरह से घटना को अंजाम दिया था वो किसी फिल्मी सीन की याद दिलाता है ऐसे में पुलिस का कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है । एक ओर जहां घटना के वक्त बहरोड़ थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद निकले साथ ही थाने के ठीक सामने न्यायलय गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरों का खराब निकलना पुलिस के मुस्तैद रवैये पर सवाल खड़े करता है । वहीं दूसरी ओर बहरोड़ विधायक बलजीत यादव ने कहा की हरियाणा के अपराधियों द्वारा लगातार बहरोड़ थाना क्षेत्र को फरारी काटने के तौर पर उपयोग किया जा रहा थाने की सीमा से सटे इलाकों मे हरियाणा के अपराधी फरारी काटने आते हैं यह सब भ्रष्ट आधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों की बदौलत संभव हो पाता है । उन्होनें बाताया की वे मुख्यमंत्री से बहरोड़ में ईमानदार पुलिस अफसर भेजने की सिफारिस कर चुके हैं ।
Conclusion:पपला को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं संदिग्ध आपराधियों की धर-पकड़ जारी है। फिलहाल पुलिस पपला गुर्जर तक पहुंचने में असफल रही है।
Last Updated : Oct 6, 2019, 8:40 PM IST
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