अलवर. राजस्थान में संभवतय ऐसा पहला मामला था. जो एके-47 के दम पर लॉकअप से बदमाश को छुड़ाकर ले गए. ये वो घटना थी जिसने राजस्थान पुलिस के इकबाल को ध्वस्त कर दिया. इस वारदात के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. बीते 6 सितंबर को दिन दहाड़े हुई बहरोड़ थाने में फायरिंग कांड ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी. दो राज्यों के लिए सिरदर्द बन चुका हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खेरौली गांव का मोस्ट वांटेड अपराधी विक्रम उर्फ पपला अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. बहरोड़ थाना फायरिंग मामले में पुलिस अभी तक पपला गैंग से संबंध रखने वाले करीब 21 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें 10 आरोपी ऐसे है जिन पर 50-50 हजार का इनाम है. लेकिन मुख्य सरगना पपला गुर्जर का अभी भी कोई अता-पता नहीं है...नीचे दिए वीडियो लिंक में देखिए स्पेशल रिपोर्ट
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दरअसल, 6 सिंतबर तड़के 3 बजे पपला गुर्जर को स्कॉर्पियो गाड़ी और करीब कैश 32 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था और जिसके बाद तड़के 4 बजे पुलिस पपला को बहरोड़ थाना लेकर आई. सुबह करीब 9 बजे पपला के साथी उसे थाने से छुड़ा ले गए. महज 7 मिनट में इस पूरी घटना को फिल्मी स्टाइल में अंजाम दिया. हरियाणा से ताल्लुक रखने वाला बदमाश राजस्थान पुलिस पर एके-47 से फायरिंग करके भाग खड़े हुए. संभवत ये प्रदेश में पहला मामला था. इस वारदात ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की कलई खोलकर कर दी. घटना के बाद अलवर सहित पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. उसके बाद 6 सिंतबर से लेकर अब तक क्या हुआ तारीख वार जानिए पुलिस ने पपला गुर्जर को पकड़ने के लिए क्या-क्या कार्रवाई की सिलसिलेवार जानिए नीचे दिए गए वीडियो लिंक के जरिए...
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बहरोड़ पुलिस पर गैंगस्टर से मिलीभगत का आरोप
पपला गुर्जर की फरारी के साथ-साथ राजस्थान पुलिस की खाकी की भी शर्मनाक करतूत सामने आई. बहरोड़ थाने में फायरिंग करके भागे पपला गुर्जर की घटना के बाद बहरोड़ पुलिस को भी कठघरे में खड़ा किया गया. पुलिस पर आरोप था कि बहरोड़ थाने की लॉकअप ब्रेककांड की रणनीति थाने की एक कोठरी में रची गई. रातभर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. यही नहीं, पुलिस, गैंगस्टर पपला का सही नाम व पता भी नहीं उगलवा सकी. इसके पहले पपला की गैंग के बदमाश शुक्रवार सुबह, 6 सितंबर को बहरोड़ थाने में अंधाधुंध फायरिंग कर हवालात तोड़कर भगाकर ले गए. इसके बाद अभी तक गैंगस्टर पपला गुर्जर का पता नहीं चला है. वहीं एसओजी की गिरफ्त में आया पपला के गुर्गे ने पुलिस की मिलीभगत को उजागर किया. दिनेश गुर्जर ने एसओजी को बताया कि फायरिंग की खबर बहरोड़ पुलिस को पता थी.
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उधर, घटना को 16 दिन से ज्यादा बीत गए तो पुलिस ने नया पैंतरा आजमाया बहरोड़ में लोगों के दिलों से बदमाश का भय खत्म करने के लिए भरी सड़कों पर अंत वस्त्र पहने और हथकड़ी लगे आरोपियों को मुख्य बाजार में घुमाया. बहरोड़ पुलिस ने इसे शिनाख्ती परेड नाम दिया. पपला को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं. संदिग्ध अपराधियों की धर-पकड़ जारी है. इस मामले में अभी पपला और उसके 4-5 साथियों की तलाश जारी है. फिलहाल पपला को फरार हुए एक महीने के करीब हो गया है. लेकिन पुलिस पपला गुर्जर तक पहुंचने में असफल साबित हुई है.