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SPECIAL: 'VIP' ने कब्जा रखे हैं बेड, 'आम' लोगों को नहीं मिल रहा इलाज

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Published : Apr 29, 2021, 7:41 PM IST

Updated : Apr 29, 2021, 10:03 PM IST

कोरोना काल में ऑक्सीजन और दवाओं के बगैर आम लोगों की सांसें टूट रही हैं. लेकिन VIP मरीज अस्पताल में बेड घेरे हुए हैं. इस खास रिपोर्ट के जरिए जानिए, आखिर क्यों अलवर जिले में आम आदमी इलाज के लिए भटक रहा है?

बेड पर वीआईपियों का कब्जा, सामान्य आदमी के लिए बेड नहीं, VIPs occupy beds,  No bed for common man,  Ventilators are also not empty
अलवर के अस्पतालों में इलाज को भटक रहे लोग

अलवर. देश में कोरोना बेकाबू हो चुका है. हालात लगातार खराब हो रहे हैं. नए संक्रमित मरीजों के साथ मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली एनसीआर में हालात ज्यादा खराब हैं. लोगों को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहे हैं. वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के लिए मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. ऐसे में इलाज के लिए मरीज अलवर का रुख कर रहे हैं.

अलवर के अस्पतालों में इलाज को भटक रहे लोग

VIP मरीज अलवर पर पड़ रहे भारी

प्रदेश के ज्यादातर IAS अधिकारी और दूसरे सरकारी विभागों के अधिकारियों के रिश्तेदार और परिजन अलवर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. जिसके चलते जिले की व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है. यानी अलवर में वीआईपी मरीज आम मरीजों पर भारी पड़ रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL : अलवर के सरकारी अस्पताल में 29 वेंटिलेटर स्टोर में बंद...जिले में ऑक्सीजन बेड की भारी कमी के दौर में लापरवाही

न बेड, न वेंटिलेटर...

अलवर जिले में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या करीब 11 हजार है. जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के 430 मरीज भर्ती हैं. 22 निजी अस्पतालों में 700 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. करीब 220 मरीज आइसोलेशन बैड पर भर्ती हैं. जिले में आइसीयू के 260 बैड ही चिह्नित हैं. जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन के 786 बैड हैं. यह सभी बेड फूल हैं. वेंटीलेटर की भी कोई सुविधा नहीं है.

बेड पर वीआईपियों का कब्जा, सामान्य आदमी के लिए बेड नहीं, VIPs occupy beds,  No bed for common man,  Ventilators are also not empty
खास-खास

जिले की निजी और सरकारी अस्पतालों में करीब 180 मरीज दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद सहित एनसीआर के अलग-अलग शहरों से भर्ती हैं. इसके अलावा मथुरा, आगरा, दौसा, करौली, भरतपुर के 50 मरीज भर्ती हैं. ज्यादातर लोग सरकारी विभागों में उच्च पद पर तैनात अधिकारी और प्रदेश में तैनात IAS अधिकारियों के रिश्तेदार और परिजन हैं.

पढ़ें: SPECIAL : निजी अस्पताल 12 घंटे पहले बताएं 'डिमांड'...तभी मिलेगी ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन खत्म

लोग हो रहे परेशान

अलवर एनसीआर का हिस्सा है. ऐसे में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद सहित आसपास के मेट्रो शहरों में रहने वाले लोग अलवर में इलाज करा रहे हैं. इससे अलवर के लोगों को खासी दिक्कत हो रही है. क्योंकि अधिकारियों को भी ना चाहते हुए भी उच्च अधिकारियों और उनके परिजनों के साथ ही रिश्तेदारों की भी आवभगत करनी पड़ रही है. दिन भर उनकी व्यवस्थाओं में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अधिकारी लगे रहते हैं. ऐसे में अलवर के स्थानीय लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं. बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है. इंजेक्शन और दवाओं के लिए लोग परेशान हैं.

पढ़ें: SPECIAL : कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही न हों परेशान...सीटी स्कैन, चेस्ट X-Ray और रेमडेसीविर इंजेक्शन की सब को नहीं है जरूरत

निजी अस्पतालों पर मनमानी का आरोप

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बीते दिनों सभी प्राइवेट अस्पतालों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि स्थानीय मरीजों को वरीयता दी जाए. एनसीआर के शहरों से आने वाले मरीजों से पहले अलवर के मरीजों को बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर उपलब्ध कराया जाए. लेकिन निजी अस्पताल संचालक मनमानी कर रहे हैं. मोटे पैसे के लालच में यह लोग बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेच देते हैं. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच पड़ताल के कोई इंतजाम नहीं हैं. इसलिए लगातार निजी अस्पतालों की मनमानी चल रही है. वहीं VIP मरीजों ने अलवर के अस्पतालों पर कब्जा कर लिया है. इसलिए अलवर के हालात दूसरे जगहों की तुलना में ज्यादा खराब हैं.

पढ़ें: SPECIAL : जयपुर में ऑक्सीजन बेड और रेमडेसिविर की तलाश...सरकार कर रही व्यवस्था के दावे, लेकिन लाचार भटक रहे मरीज-परिजन

शासन-प्रशासन की अनदेखी!

अलवर में प्रशासन की तरफ से जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं. मरीजों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. प्रशासन के तमाम आदेशों के बाद भी हालातों में कोई सुधार नहीं है।

अलवर में ही क्यों इलाज करा रहे?

दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा सहित एनसीआर से अलवर पूरी तरह से जुड़ा हुआ है. दिल्ली और दूसरी जगहों से अलवर आने जाने में 2 से ढाई घंटे का समय लगता है. रोड और अन्य कनेक्टिविटी बेहतर है. लिहाजा मरीज और उनके परिजन आसानी से एंबुलेंस या अपने निजी वाहन से अलवर आ जाते हैं. इसलिए अन्य जगहों की तुलना में अलवर में मरीजों की संख्या ज्यादा है. अन्य जगहों से अलवर में इलाज की सुविधा भी बेहतर है.

अलवर. देश में कोरोना बेकाबू हो चुका है. हालात लगातार खराब हो रहे हैं. नए संक्रमित मरीजों के साथ मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली एनसीआर में हालात ज्यादा खराब हैं. लोगों को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहे हैं. वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के लिए मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. ऐसे में इलाज के लिए मरीज अलवर का रुख कर रहे हैं.

अलवर के अस्पतालों में इलाज को भटक रहे लोग

VIP मरीज अलवर पर पड़ रहे भारी

प्रदेश के ज्यादातर IAS अधिकारी और दूसरे सरकारी विभागों के अधिकारियों के रिश्तेदार और परिजन अलवर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. जिसके चलते जिले की व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है. यानी अलवर में वीआईपी मरीज आम मरीजों पर भारी पड़ रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL : अलवर के सरकारी अस्पताल में 29 वेंटिलेटर स्टोर में बंद...जिले में ऑक्सीजन बेड की भारी कमी के दौर में लापरवाही

न बेड, न वेंटिलेटर...

अलवर जिले में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या करीब 11 हजार है. जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के 430 मरीज भर्ती हैं. 22 निजी अस्पतालों में 700 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. करीब 220 मरीज आइसोलेशन बैड पर भर्ती हैं. जिले में आइसीयू के 260 बैड ही चिह्नित हैं. जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन के 786 बैड हैं. यह सभी बेड फूल हैं. वेंटीलेटर की भी कोई सुविधा नहीं है.

बेड पर वीआईपियों का कब्जा, सामान्य आदमी के लिए बेड नहीं, VIPs occupy beds,  No bed for common man,  Ventilators are also not empty
खास-खास

जिले की निजी और सरकारी अस्पतालों में करीब 180 मरीज दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद सहित एनसीआर के अलग-अलग शहरों से भर्ती हैं. इसके अलावा मथुरा, आगरा, दौसा, करौली, भरतपुर के 50 मरीज भर्ती हैं. ज्यादातर लोग सरकारी विभागों में उच्च पद पर तैनात अधिकारी और प्रदेश में तैनात IAS अधिकारियों के रिश्तेदार और परिजन हैं.

पढ़ें: SPECIAL : निजी अस्पताल 12 घंटे पहले बताएं 'डिमांड'...तभी मिलेगी ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन खत्म

लोग हो रहे परेशान

अलवर एनसीआर का हिस्सा है. ऐसे में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद सहित आसपास के मेट्रो शहरों में रहने वाले लोग अलवर में इलाज करा रहे हैं. इससे अलवर के लोगों को खासी दिक्कत हो रही है. क्योंकि अधिकारियों को भी ना चाहते हुए भी उच्च अधिकारियों और उनके परिजनों के साथ ही रिश्तेदारों की भी आवभगत करनी पड़ रही है. दिन भर उनकी व्यवस्थाओं में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अधिकारी लगे रहते हैं. ऐसे में अलवर के स्थानीय लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं. बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है. इंजेक्शन और दवाओं के लिए लोग परेशान हैं.

पढ़ें: SPECIAL : कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही न हों परेशान...सीटी स्कैन, चेस्ट X-Ray और रेमडेसीविर इंजेक्शन की सब को नहीं है जरूरत

निजी अस्पतालों पर मनमानी का आरोप

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बीते दिनों सभी प्राइवेट अस्पतालों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि स्थानीय मरीजों को वरीयता दी जाए. एनसीआर के शहरों से आने वाले मरीजों से पहले अलवर के मरीजों को बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर उपलब्ध कराया जाए. लेकिन निजी अस्पताल संचालक मनमानी कर रहे हैं. मोटे पैसे के लालच में यह लोग बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेच देते हैं. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच पड़ताल के कोई इंतजाम नहीं हैं. इसलिए लगातार निजी अस्पतालों की मनमानी चल रही है. वहीं VIP मरीजों ने अलवर के अस्पतालों पर कब्जा कर लिया है. इसलिए अलवर के हालात दूसरे जगहों की तुलना में ज्यादा खराब हैं.

पढ़ें: SPECIAL : जयपुर में ऑक्सीजन बेड और रेमडेसिविर की तलाश...सरकार कर रही व्यवस्था के दावे, लेकिन लाचार भटक रहे मरीज-परिजन

शासन-प्रशासन की अनदेखी!

अलवर में प्रशासन की तरफ से जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं. मरीजों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. प्रशासन के तमाम आदेशों के बाद भी हालातों में कोई सुधार नहीं है।

अलवर में ही क्यों इलाज करा रहे?

दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा सहित एनसीआर से अलवर पूरी तरह से जुड़ा हुआ है. दिल्ली और दूसरी जगहों से अलवर आने जाने में 2 से ढाई घंटे का समय लगता है. रोड और अन्य कनेक्टिविटी बेहतर है. लिहाजा मरीज और उनके परिजन आसानी से एंबुलेंस या अपने निजी वाहन से अलवर आ जाते हैं. इसलिए अन्य जगहों की तुलना में अलवर में मरीजों की संख्या ज्यादा है. अन्य जगहों से अलवर में इलाज की सुविधा भी बेहतर है.

Last Updated : Apr 29, 2021, 10:03 PM IST
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