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मानसून की मार: अलवर में 30 हजार हेक्टेयर में बाजरे की फसल खराब - अलवर में फसल खराब

मानसून देरी से आने के चलते अलवर में 30 हजार हेक्टेयर में बाजरे की फसल खराब हो गई है. रामगढ़, बानसूर व मुंडावर ब्लॉक में करीब 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल की बुवाई हुई. इसमें 93 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बाजरे की बुवाई की थी. जबकि करीब 30 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई.

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अलवर में मानसून से फसल खराब
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Published : Jul 13, 2021, 5:42 PM IST

अलवर. मानसून की बेरुखी के चलते बाजरे की फसल खराब हो रही है. बारिश नहीं होने के कारण किसान अपने खेत में फसल की बुवाई भी नहीं कर रहा है. जल्द ही बारिश नहीं हुई तो किसान को खासा नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार अलवर में कम पैदावार होगी.

पढ़ें: झालावाड़ में कोटा ACB की कार्रवाई, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

अलवर में हर साल पांच लाख से अधिक हेक्टेयर में फसल की पैदावार होती है. इस साल मानसून देरी से आ रहा है. ऐसे में अभी तक अलवर में फसल की बुवाई शुरू नहीं हुई है. मई व जून माह में हुई प्री मानसून की बारिश के बाद अलवर के रामगढ़, बानसूर व मुंडावर ब्लॉक में करीब 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल की बुवाई हुई. इसमें 93 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बाजरे की बुवाई की थी. जबकि करीब 30 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई. बारिश की कमी के चलते अलवर में बाजरे की फसल खराब हो रही है.

अलवर में मानसून में देरी से फसल खराब

कृषि विशेषज्ञ व कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अभी तक अलवर में 30 हजार हेक्टेयर में बाजरे की फसल खराब होने की जानकारी मिली है. लगातार कृषि विभाग की तरफ से किसानों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण बाजरे की फसल में कीड़ा लग गया है. इस बार 4 लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य है.

मानसून की देरी के चलते करीब चार लाख हेक्टेयर में फसल की बुवाई हो सकेगी. अलवर में सतही पानी के इंतजाम नहीं है. ट्यूबवेल में भी लगातार पानी कम हो रहा है. किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण खेती करने में भी परेशानी होने लगी है. जबकी खेती के लिए अलवर की जमीन व मिट्टी खासी उपयोगी व बेहतर बताई जाती है.

अलवर. मानसून की बेरुखी के चलते बाजरे की फसल खराब हो रही है. बारिश नहीं होने के कारण किसान अपने खेत में फसल की बुवाई भी नहीं कर रहा है. जल्द ही बारिश नहीं हुई तो किसान को खासा नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार अलवर में कम पैदावार होगी.

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अलवर में हर साल पांच लाख से अधिक हेक्टेयर में फसल की पैदावार होती है. इस साल मानसून देरी से आ रहा है. ऐसे में अभी तक अलवर में फसल की बुवाई शुरू नहीं हुई है. मई व जून माह में हुई प्री मानसून की बारिश के बाद अलवर के रामगढ़, बानसूर व मुंडावर ब्लॉक में करीब 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल की बुवाई हुई. इसमें 93 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बाजरे की बुवाई की थी. जबकि करीब 30 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई. बारिश की कमी के चलते अलवर में बाजरे की फसल खराब हो रही है.

अलवर में मानसून में देरी से फसल खराब

कृषि विशेषज्ञ व कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अभी तक अलवर में 30 हजार हेक्टेयर में बाजरे की फसल खराब होने की जानकारी मिली है. लगातार कृषि विभाग की तरफ से किसानों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण बाजरे की फसल में कीड़ा लग गया है. इस बार 4 लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य है.

मानसून की देरी के चलते करीब चार लाख हेक्टेयर में फसल की बुवाई हो सकेगी. अलवर में सतही पानी के इंतजाम नहीं है. ट्यूबवेल में भी लगातार पानी कम हो रहा है. किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण खेती करने में भी परेशानी होने लगी है. जबकी खेती के लिए अलवर की जमीन व मिट्टी खासी उपयोगी व बेहतर बताई जाती है.

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