अलवर. जिले में वन विभाग की टीम पर हमले की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है. राजगढ़ क्षेत्र के टहला में एक बार फिर से वन विभाग की टीम पर हमले का मामला सामने आया है. अवैध खनन की शिकायत पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान अवैध खनन माफियाओं ने वन विभाग के अधिकारियों व उनकी गाड़ियों पर हमला (attack on Forest department team in Alwar) बोल दिया. इस घटना में वन विभाग की गाड़ी क्षतिग्रस्त (Forest department car damaged) हो गई. वहीं कर्मचारियों को हल्की-फुल्की चोटें भी आईं. मामले की शिकायत पुलिस को दी गई. पुलिस ने आरोपियों की जगह वन कर्मियों की मदद करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले से पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया. उनके हस्तक्षेप के बाद मुख्य आरोपी गिरफ्तार किया गया है.
अलवर जिले के राजगढ़ रेंज के टहला क्षेत्र में सोमवार रात को वन विभाग को डाबड़ी व भिगोता के पहाड़ पर अवैध खनन की शिकायत मिली. इस पर आरएसी की टीम के साथ वन पालक चोहल सिंह मौके पर पहुंचे. वन विभाग की टीम को देखकर दो ट्रैक्टर चालक फरार हो गए. वहीं दो ट्रैक्टर चालकों ने वन विभाग की टीम के रास्ते में पत्थर गिराकर रास्ता रोकने का प्रयास किया. इस दौरान पास के क्षेत्र में चलने वाले क्रशर संचालक के कुछ लोग मौके पर पहुंचे.
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उन्होंने वन कर्मियों को रोकने का प्रयास किया. इसी बीच एक व्यक्ति ने लोहे की रॉड से वन पालक चोहल सिंह पर हमला कर दिया. हालांकि चौहल पाल सिंह बच गए. लेकिन उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. इस दौरान वन समिति के सदस्य मौके पर पहुंचे. उनकी मदद से वन कर्मी वहां से बच कर आए. वहीं मामले की सूचना पुलिस को दी गई. टहला थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की. पुलिस ने मुख्य आरोपी को पकड़ने की जगह मदद करने वाले वन समिति के सदस्य व उनके परिजनों को हिरासत में लिया.
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वन विभाग के अधिकारियों ने इस पूरे मामले से पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम व जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी को अवगत कराया. उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने वन समिति के सदस्य को छोड़ा व मुख्य आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि क्रशर संचालक की ओर से वन क्षेत्र में अवैध खनन कराया जाता है. इस काम में ग्रामीण लगे हुए हैं.
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि डाबड़ी भिगोता के पहाड़ पर वन विभाग की तरफ से कुछ साल पहले पौधरोपण किया गया व अवैध खनन रोकने के लिए इस पूरे क्षेत्र को संरक्षित किया. उसके बाद भी स्थानीय ग्रामीण आए दिन अवैध खनन करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा की अवैध खनन माफिया रात के समय ब्लास्ट करके पहाड़ तोड़ते हैं व पत्थर भरकर पर फरार हो जाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के संरक्षण में यह पूरा खेल चल रहा है. इसलिए लगातार वन विभाग की टीम पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि वन विभाग की टीम पर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं. कुछ दिन पहले एक वन्यजीव का रेस्क्यू करने पहुंची वन टीम पर भी ग्रामीणों ने पथराव कर हमला कर दिया था.