अलवर. शहर में छठ के मौके पर सागर जलाशय पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां व्रत रखने वाली महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. शहर में 10 से अधिक जगहों पर घाट बनाए गए है. अलवर के अलावा भिवाड़ी, नीमराणा, टपूकड़ा, तिजारा सहित जिले भर में छठ पूजा की धूम रही.
बता दें कि शहर में 12 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें हजारों की संख्या में पूर्वांचल के लोग काम करते हैं. पूर्वांचल में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित कई राज्य आते हैं. ऐसे में यहां छठ पर्व को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में महिलाएं व्रत रखती है.
इस कड़ी में महिलाओं ने सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य दिया. इस मौके पर पूजन सामग्री लेकर महिलाएं परिवार के साथ सागर जलाशय पहुंची. वहीं कार्यक्रम स्थल पर विशेष सजावट की गई और पूर्वांचल के गाने बज रहे थे. सागर के अलावा काला कुआं, एमआईए, देसूला, मीणा पाली सहित करीब 10 जगहों पर घाट बनाए गए थे. अलवर के अलावा भिवाड़ी, नीमराणा, तिजारा, टपूकड़ा, खुशखेड़ा सहित विभिन्न जगहों पर छठ पूजा कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
पढ़ेः छठ पर्व : आज दिया जाएगा डूबते सूर्य को अर्घ्य, जानें अर्घ्य देने की विधि और पूजन का महत्व
बता दें कि छठ पूजा चार दिनों तक चलती है, लेकिन इसका मुख्य दिन कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि होती है. इस दिन लोग कठिन व्रत रखकर भगवान सूर्य और छठ मैया की उपासना करते हैं. इस दिन छठ पूजा का प्रसाद तैयार किया जाता है. शाम को पूजन की तैयारी की जाती है और नदी तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. फिर पूजा के बाद अगली सुबह की पूजा की तैयारी होती है. 3 नवंबर को छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को गंगा घाट नदी में खड़े होकर दिया जाता है. इस दिन महिलाएं 36 घंटे के व्रत का पारण करती है.